धर्म-अध्यात्म विश्ववार्ता इस सदी के अंत तक यूरोप का इस्लामीकरण एक संभावना December 9, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on इस सदी के अंत तक यूरोप का इस्लामीकरण एक संभावना विश्वविख्यात विचारक बर्नार्ड लिविस का पूर्वानुमान क्या 21 वीं शताब्दी के समाप्त होते-होते यूरोप का इस्लामीकरण हो जाएगा? क्या पश्चिम के अनेक देशों में जनसांख्यिक परिवर्तन के दबावों व आतंकवाद के बदलते स्वरूप के कारण सभ्याताओं के संघर्ष की अवधारणा एक संभावना बन सकती है? आज इन प्रश्नों को मात्र इतिहासकारों व समाजशास्त्रियों का अस्पष्ट […] Read more » Islamism इस्लामीकरण
धर्म-अध्यात्म शासन संसद में कानून बनाकर मंदिर विवाद को हल करे- चंपत राय December 8, 2009 / December 25, 2011 by विजय कुमार | 1 Comment on शासन संसद में कानून बनाकर मंदिर विवाद को हल करे- चंपत राय 6 दिसम्बर, 1992 को बाबरी ढांचे के विध्वंस के उपरांत तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव ने उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति लिब्रहान के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग बनाया। इसकी रिपोर्ट पिछले दिनों लीक हो गयी। अतः शासन को मजबूर होकर उसे संसद के पटल पर रखना पड़ा। 2010 में हरिद्वार में महाकुंभ होगा। वहां संत जो […] Read more » Temple Dispute कानून मंदिर विवाद
धर्म-अध्यात्म बाबरी मस्जिद मामले में देवराहा बाबा को षड्यंत्रकारी कहना, अध्यात्म को कलंकित करना है December 3, 2009 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 13 Comments on बाबरी मस्जिद मामले में देवराहा बाबा को षड्यंत्रकारी कहना, अध्यात्म को कलंकित करना है परमपूज्य ब्रह्मलीन योगीराज श्री देवराहा बाबाजी महाराज के परमशिष्य व बिहार राज्य के भोजपुर जिला स्थित देवराहाधाम सिअरूआं, जगदीशपुर के प्रख्यात संत त्रिकालदर्शी परमसिद्ध योगीराज व अध्यात्म गुरू श्री देवराहाशिवनाथदास जी महाराज ने लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट, बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए घोषित षडयंत्रकारी में ब्रह्मलीन देवराहा बाबा के नाम को झूठे आरोपों में शामिल […] Read more » Babri Mosque बाबरी मस्जिद
धर्म-अध्यात्म श्री रामचरितमानस पर मची है : महाभारत – एस.ए. अस्थाना November 6, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on श्री रामचरितमानस पर मची है : महाभारत – एस.ए. अस्थाना देश से बाहर कौन कहे भारत भूमि पर ही आज सनातन धर्म, सनातन संस्कृति हर दिन, हर क्षण तेजी के साथ पतनोन्मुखी हो रही है और हम ‘किंकर्तव्य विमुढ़’ की स्थिति में खड़े-खड़े देख रहे हैं। इसका शर्मनाक तथ्य तो यह है कि सनातन धर्म-संस्कृति के पतन का जिम्मेदार कोई विदेशी संगठन, विदेशी संस्कृति या […] Read more » Ramcharitmanas एस.ए. अस्थाना महाभारत मानस पर मची है रामभद्राचार्य की रामायण श्री रामचरितमानस
धर्म-अध्यात्म राम नाम भजने के बजाय उनके आदर्शों पर चल October 17, 2009 / December 26, 2011 by आशुतोष वर्मा | 2 Comments on राम नाम भजने के बजाय उनके आदर्शों पर चल दानवों से ऋषि मुनियों और मानवों को मुक्ति दिलाकर जब रावण वध करके भगवान राम अयोध्या वापस आये थे तो अयोध्यावासियों ने घी के दिये जलाकर उनका स्वागत किया था जिसे हम आज भी दीपावली के रूप में मनाते हैं। अपने पिता राजा दशरथ द्वारा माता कैकयी को दिये गये वचन को निभाने के लिये […] Read more » Ram राम
धर्म-अध्यात्म जब रावण मर न पाया।।। September 29, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 1 Comment on जब रावण मर न पाया।।। विजयादशमी पर मोहल्ले के लोग रावण मारना चाहते थे। पगले कहीं के। रावण ससुरा कभी मरता नहीं, अमरता का वरदान पा चुका है लेकिन दिल है कि मानता नही। हर साल जाते हैं शान से- रावण मारने। जलाते हैं। पटाखे फोड़ते हैं। एक से एक आतिशबाजी करते हैं, और लौट आते हैं, लेकिन ढाक के […] Read more » Ravan रावण
टॉप स्टोरी धर्म-अध्यात्म मनोरंजन विविधा साहित्य कनिष्क कश्यप:आईए देखें पहले अंडा या पहले मुर्गी ? September 22, 2009 / December 26, 2011 by कनिष्क कश्यप | 4 Comments on कनिष्क कश्यप:आईए देखें पहले अंडा या पहले मुर्गी ? यहीं गांठ हैं, यहीं उलझन हैं जो आपको सुलझानी हैं। देखो उस सवाल को……जिसने अपना होना कैसे बनाये रखा। एक ऐसा सवाल जो बार बार आपको एक अद्रिश्य सता को मानने को विवश करता है। एक ऐसा सवाल जो बड़े बड़े विद्वानों ने, मनुस्य की सोच और बुद्धि को सीमित करने का रूपक बनाया और आज भी बनाया जाता है। पहले अंडा आया या पहले मुर्गी? पहले पेड़ या पहले बीज़? जैसे हज़ारों सवाल आप बना सकतें हैं! Read more » Kanishka Kashyap शिक्षा
धर्म-अध्यात्म कविता-आज ईद है September 21, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 2 Comments on कविता-आज ईद है आज ईद है। मुबारक हो सबको। हर धर्म हमें प्यारा हो। हम ईद भी मनाये, दीवाली भी। बड़ा दिन भी। सब त्यौहार हमारे है। मैंने कभी रमजान पर लिखा था, दो शेर ही याद आ रहे है. देखे- रोजा इक फ़र्ज़ मुसलमान के लिए/ तकलीफ जो सहते है रमजान के लिए/ बाद मरने के ही […] Read more » Id ईद
धर्म-अध्यात्म समाज सेक्स चर्चा (भाग -3) September 18, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 11 Comments on सेक्स चर्चा (भाग -3) हम जीवन के मूल तत्व ' काम ' अर्थात 'सेक्स' के ऊपर विभिन्न विचारकों और अपने विचार को आपके समक्ष रखेंगे . काम का जीवन में क्या उपयोगिता है ? सेक्स जिसे हमने बेहद जटिल ,रहस्यमयी ,घृणात्मक बना रखा है उसकी बात करने से हमें घबराहट क्यों होती है ? क्यों हमारा मन सेक्स में चौबीस घंटे लिप्त रहने के बाद भी उससे बचने का दिखावा करता है Read more » Osho Sex and Society Sex in Indian Philosophy Sex in Life Spritualism Vatsyayan Kamsutra सेक्स चर्चा
धर्म-अध्यात्म सनातन वांग्मय के वैज्ञानिक आधार August 29, 2009 / December 27, 2011 by राघवेन्द्र सिंह | 3 Comments on सनातन वांग्मय के वैज्ञानिक आधार वैसे तो सनातन व्यवस्था अति प्राचीन मानी जाती है। इतिहासवेत्ताओं के अनुसार भी विश्व में सबसे पुरानी सनातन सभ्यता ही रही है। जिसका आधार बीसवीं शताब्दी के तीसरे दशक में हुयी खुदायी मे प्राप्त सिंधु घाटी की सभ्यता जो लगभग 2500-1500 ईसा पूर्व जो पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, गुजरात, राजस्थान, जम्मू तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक […] Read more » scientific basics वैज्ञानिक आधार
धर्म-अध्यात्म पंथ निरपेक्षता बनाम धर्म निरपेक्षता को लेकर छिडी बहस के सही संदर्भ August 25, 2009 / December 27, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment किसी एक शब्द की गलत व्याख्या या उसका गलत अनुवाद किस प्रकार पूरे परिदृश्य को धुमिल कर सकता है और चिंतन को प्रदूषित कर सकता है इसका सबसे बडा उदाहरण दो शब्दों को लेकर दिया जा सकता है। पहला शब्द धर्म है और दूसरा अंग्रेजी भाषा का शब्द सेकुलर है । इन दोनों शब्दों के […] Read more » Secular धर्म निरपेक्षता
धर्म-अध्यात्म कर्मों के कारण है पुनर्जन्म : श्रीमद भगवद् गीता August 20, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 3 Comments on कर्मों के कारण है पुनर्जन्म : श्रीमद भगवद् गीता पुनर्जन्म या REINCARNIATION एक ऐसा शब्द है जिससे लोग REBIRTH के नाम से जानते है हिन्दू धर्म के लोग पुनर्जन्म मतलब जनम,मृत्यु,और पुनः जनम के चक्र में विश्वास करते है अध्यात्मिक कानून के आधार पर पुनर्जन्म का तात्पर्य है'' आत्माओ की पुर्नस्थापना'' ,संस्कृत में पुनः शब्द का अर्थ होता है 'अगला समय' या 'फिर से' और जनम का अर्थ होता है Read more » Shrimad Bhagwatgita श्रीमद भगवद् गीता