कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वेदों का आविर्भाव कब, कैसे व क्यों हुआ? May 20, 2022 / May 20, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।संसार में जितने भी पदार्थ है उनकी उत्पत्ति होती है और उत्पत्ति में कुछ मूल कारण व पदार्थ होते हैं जो अनुत्पन्न वा नित्य होते हैं। इन मूल पदार्थों की उत्पत्ति नहीं होती, वह सदा से विद्यमान रहते हैं। उदाहरण के लिए देखें कि हम चाय पीते हैं तो यह पानी, दुग्ध, […] Read more » when how and why did the Vedas appear?
धर्म-अध्यात्म मीडिया लेख सर्वश्रेष्ठ लोक संचारक एवं आदर्श आदि पत्रकार देव ऋषि नारद May 16, 2022 / May 16, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment नारद जयंती (17 मई) के पर विशेष ललित गर्ग –देव ऋषि नारद या नारद मुनि ब्रह्माजी के पुत्र और भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त महान तपस्वी, तेजस्वी, सम्पूर्ण वेदान्त एवं शस्त्र के ज्ञाता तथा समस्त विद्याओं में पारंगत हैं, वे ब्रह्मतेज एवं अलौकिक तेजोरश्मियों से संपन्न हैं। हैं। वे आदि-पत्रकार हैं जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड […] Read more » Best public communicator and ideal journalist Dev Rishi Narad देव ऋषि नारद नारद जयंती सर्वश्रेष्ठ लोक संचारक एवं आदर्श आदि पत्रकार देव ऋषि नारद
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख पूर्णिमा पर क्यों सुनी जाती है सत्यनारायण व्रत कथा…? May 15, 2022 / May 15, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आमतौर पर देखा जाता है किसी शुभ काम से पहले या मनोकामनाएं पूरी होने पर सत्यनारायण व्रत की कथा सुनने का विधान है। सनातन धर्म से जुड़ा शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने श्रीसत्यनारायण कथा का नाम न सुना हो। इस कथा को सुनने का फल हजारों सालों तक किए गये यज्ञ के बराबर […] Read more » Why is Satyanarayan Vrat Katha heard on Purnima? सत्यनारायण व्रत कथा
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म ईश्वरोपासना अर्थात् सन्ध्या क्यों करें? May 15, 2022 / May 15, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यसन्ध्या भली भांति ईश्वर का ध्यान करने को कहते हैं। यही ईश्वर की पूजा कहलाती है। इससे भिन्न प्रकार से यदि ईश्वर की पूजा आदि करते हैं तो जो लाभ ईश्वर के सत्यस्वरूप का ध्यान व चिन्तन करने से मिलता है, वह अन्य प्रकार से या तो मिलता नहीं या बहुत कम मिलता […] Read more » Ishwaropasana i.e. Sandhya? ईश्वरोपासना सन्ध्या क्यों करें
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म की दृष्टि में सभी प्राणी समान हैं May 11, 2022 / May 11, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआर्यसमाज की शिरोमणि सभा सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, दिल्ली के लगभग चार दशक पूर्व मंत्री रहे श्री ओम्प्रकाश पुरुषार्थी जी ने एक लघु पुस्तक ‘आर्यसमाज और अस्पर्शयता निवारण’ (कार्य प्रणाली और सफलतायें) लिखी है। इस पुस्तक के द्वितीय संस्करण का प्रकाशन सन् 1987 में हुआ था। पुस्तक की भूमिका सभा के तत्कालीन प्रधान […] Read more » All beings are equal in the view of Vedic religion वैदिक धर्म की दृष्टि में सभी प्राणी समान
धर्म-अध्यात्म जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले April 11, 2022 / April 11, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य संसार में जन्म लेता है, शिशु से किशोर, युवा, प्रौढ़ व वृद्ध होकर किसी रोग व अचानक दुर्घटना आदि से मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। वैदिक ग्रन्थों में मृत्यु का कारण जन्म को बताया गया है। यदि हमारा जन्म ही न हो तो हमारी मृत्यु नहीं हो सकती। यदि जन्म हुआ […] Read more » Going to know where the world goes जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले
धर्म-अध्यात्म पूजा क्या, किसकी, कैसे व क्यों करें? April 10, 2022 / April 10, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य जानता है कि वह ज्ञान एवं शारीरिक बल की दृष्टि से अपूर्ण वा अल्प सामर्थ्य वाला है। उसे अपने कार्यों को पूरा करने में दूसरे मनुष्यों की सहायता लेनी पड़ती है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जहां मनुष्यों की सहायता से काम नहीं चलता क्योंकि मनुष्य वह कार्य नहीं कर सकते […] Read more » how and why to worship Worship what
धर्म-अध्यात्म अविद्या मनुष्य, समाज, देश और संसार सबका प्रमुख व प्रबल शत्रु April 1, 2022 / April 1, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यवर्ण व्यवस्था के सम्बन्ध में कहा जाता है कि संसार के तीन प्रमुख शत्रु हैं। प्रथम अज्ञान व अविद्या, दूसरा अन्याय, शोषण वा अत्याचार आदि और तीसरा अभाव। अज्ञान व अविद्या दूर करना ब्राह्मण का दायित्व होता है और अन्याय व अभाव को दूर करना क्षत्रिय तथा वैश्य का कर्तव्य होता है। अज्ञान […] Read more » Avidya is the main and strong enemy of man country and the world. Society
चिंतन लेख हलाल प्रमाणन प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तय किये जाने की आवश्यकता March 25, 2022 / March 25, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment इस्लाम मजहब के अनुयायियों के लिए हलाल शब्द बहुत महत्व भरा शब्द है। हलाल का आश्य यह बताया जाता है कि मुस्लिम मतावलंबियों के लिए जो वस्तु वैद्य है वह हलाल है और जो वैध नहीं है वह हराम है। ऐसा भी बताया जाता है कि प्रारम्भ में इस्लाम-कुरान में खाने की वस्तुओं, विशेष रूप […] Read more » The procedure for issuing halal certification certificates needs to be fixed हलाल प्रमाणन प्रमाण
धर्म-अध्यात्म यज्ञ एवं योग मनुष्य जीवन के आवश्यक कर्तव्य होने सहित मोक्ष तक ले जाने में सहायक हैं March 22, 2022 / March 22, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमहर्षि दयानन्द जी ने वेदानुयायी आर्यों के पांच नित्यकर्म बताते हुए उसमें प्रथम व द्वितीय स्थान पर सन्ध्या एवं देवयज्ञ अग्निहोत्र को स्थान दिया है। प्राचीन ग्रन्थ मनुस्मृति में द्विजों को पंचमहायज्ञों को करने की अनिवार्यता का उल्लेख मिलता है। देवयज्ञ अग्निहोत्र एक ऐसा नित्य-कर्म है जिसका प्रतिदिन किया जाना गृहस्थ मनुष्य का […] Read more » Yajna and Yoga are helpful in carrying out human beings to salvation along with being the essential duties of life. यज्ञ एवं योग
धर्म-अध्यात्म महत्वपूर्ण पुस्तक विश्व की वैदिक चेतना March 22, 2022 / March 22, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहितकारी प्रकाशन समिति, हिण्डौन सिटी की ओर से समय-समय से महत्वपूर्ण वैदिक साहित्य का प्रकाशन किया जाता रहता है। ऐसा ही एक प्रकाशन ‘‘विश्व की वैदिक चेतना” है। इस पुस्तक के लेखक श्री नवकान्त शर्मा, ग्वालियर हैं। पुस्तक के लिए प्रकाशक महोदय से उनके पते ‘हितकारी प्रकाशन समिति, ब्यानिया पाड़ा, द्वारा-‘अभ्युदय’ भवन, अग्रसेन […] Read more » Important Book The Vedic Consciousness of the World महत्वपूर्ण पुस्तक विश्व की वैदिक चेतना
धर्म-अध्यात्म अथर्ववेद भाष्यकार ऋषि दयानन्द भक्त पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी March 22, 2022 / March 22, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यअथर्ववेद भाष्यकार पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी जी से समस्त आर्यजगत परिचित है। उनका वेदभाष्य विगत एक शताब्दी से वैदिक धर्मियों द्वारा श्रद्धा से पढ़ा जा रहा है। पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी ऐसे विद्वान हैं जो ऋषि दयानन्द के समकालीन रहे और जिन्होंने आर्य विद्वान पं. जयदेव शर्मा, पं. विश्वनाथ वेदोपाध्याय विद्यामार्तण्ड तथा पं. […] Read more » Atharvaveda commentator Rishi Dayananda Bhakta Pt. Khemkaran Das Trivedi पं. क्षेमकरण दास त्रिवेदी