कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्रवक्ता न्यूज़ वैदिक धर्म एवं संस्कृति की रक्षा में गुरुकुलों का महत्वपूर्ण योगदान November 5, 2022 / November 5, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘सत्यार्थप्रकाश’ में प्राचीन भारत में गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति का उल्लेख कर उसके व्यापक प्रचार का मानचित्र प्रस्तुत किया था। यह गुरुकुलीय पद्धति प्राचीन भारत में सृष्टि के आरम्भ से महाभारत काल व उसके बाद भी देश व विश्व की एकमात्र शिक्षा पद्धति रही है। इसी […] Read more » Important contribution of Gurukuls in protecting Vedic religion and culture गुरुकुलों का महत्वपूर्ण योगदान
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख महाकाल लोक : आस्था और आध्यात्म का नवीन प्रकल्प October 8, 2022 / October 8, 2022 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारमहाकाल को साक्षी बनाकर, उनके समक्ष नतमस्तक होकर सरकार जब खड़ी होती है तो महाकाल का आशीष बरसने लगता है. राज्य के विकास के विकास के रास्ते खुद ब खुद खुलने लगते हैं. महाकाल लोक भी महाकाल के आशीष से आरंभ हो रहा है. बोलचाल में जब हम एक और एक ग्यारह बोलते हैं […] Read more » Mahakal Lok
धर्म-अध्यात्म महान ईश्वर और अविद्या में फंसी उसकी अज्ञानी व सन्तानें October 8, 2022 / October 8, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वेदों का सत्य स्वरूप व गुण, कर्म, स्वभाव का ज्ञान मत-मतान्तरों के किसी धर्म ग्रन्थ से प्राप्त नहीं होता अपितु यह वेद और वेदों पर आधारित ऋषियों के ग्रन्थ उपनिषद्, दर्शन, मनुस्मृति आदि से ही विदित होता है। ऋषि दयानन्द के प्रमुख ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, आर्याभिविनय, पंचमहायज्ञ विधि आदि ग्रन्थ भी ईश्वर व जीवात्मा का सत्य स्वरूप बोध कराने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। Read more » Great God and his ignorant and children trapped in ignorance
धर्म-अध्यात्म हमारा वर्तमान जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है September 30, 2022 / September 30, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जीवन मात्र शरीर के अस्तित्व तक सीमित नहीं है। मनुष्य व प्राणियों के शरीर तो जड़ भौतिक पदार्थों अर्थात् पंचभूतों से मिलकर बने हैं। इन शरीरों में जो ज्ञान व कर्म करने की शक्ति है वह इसमें अनादि काल से अस्तित्व रखने वाली जीवात्माओं के कारण है। यह आत्मा […] Read more » हमारा वर्तमान जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है
धर्म-अध्यात्म हम सबके प्रेरणास्रोत और श्रद्धास्पद स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती September 28, 2022 / September 28, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। परम पिता परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में संसार के सभी मनुष्यों के पूवज चार आदि ऋषियों को वेदों का ज्ञान दिया था और प्रेरणा की थी कि जीवात्मा व जीवन के कल्याण के लिए संसार की प्रथम वैदिक संस्कृति को अपनाओं व धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के मार्ग […] Read more » स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म स्वस्थ, सुखी व दीर्घ जीवन का आधार सन्ध्योपासना व इसके मन्त्रों का अर्थ सहित चिन्तन September 21, 2022 / September 21, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन परमात्मा से हम सबको अपनी आत्मा और शरीर की उन्नति के लिये मिला है। आत्मा की उन्नति का साधन सत्य ज्ञान की प्राप्ति सहित उसके अनुरूप आचरण करना है। ईश्वर के ध्यान, चिन्तन, उपासना को सन्ध्या कहा जाता है। सन्ध्या का अर्थ है ईश्वर का भली भांति ध्यान करना […] Read more » happy and long life is sandhyapasana and contemplation with the meaning of its mantras. The basis of healthy
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार हमें दयानन्द जी को समाने रखकर आर्यसमाज का काम करना है और आलोचनाओं से विचलित नहीं होना है September 9, 2022 / September 9, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ सम्पन्न होने के बाद कार्यक्रम में बिजनौर से पधारे आर्य भजनोपदेशक श्री नरेन्द्र दत्त आर्य जी के भजन हुए। उनके द्वारा गाये गये एक भजन के शब्द थे ‘प्रभु का करो कीर्तन सुख मिलेगा, करो कीर्तन उसका कीर्ति हो जिसकी। गुणों का करो तुम मनन सुख मिलेगा। भक्ति में हो […] Read more » We have to do the work of Arya Samaj keeping Dayanand ji in front and do not get distracted by criticisms.
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द का नवदम्पत्तियों व गृहस्थियों को वेदसम्मत कर्तव्योपदेश September 6, 2022 / September 6, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द महाभारतकाल के बाद संसार में वेदों के सर्वाधिक ज्ञानसम्पन्न विद्वान व ऋषि हुए हैं। उन्होंने वेदों वा वेदों की संहिताओं की खोज कर उनका संरक्षण करने के साथ वेदों पर भाष्य भी किया। मनुष्य जाति मुख्यतः वेदप्रेमियों का यह दुर्भाग्य था कि कुछ पतित लोगों ने उनको विषपान करा […] Read more » Vedantic Duties of Maharishi Dayanand to newlyweds and householders
धर्म-अध्यात्म दशलक्षण वात्सल्य और आत्मशुद्धि का महापर्व August 29, 2022 / August 29, 2022 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on दशलक्षण वात्सल्य और आत्मशुद्धि का महापर्व पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव पर विशेष ब्रह्मचारिणी डॉ. कल्पना जैन भारतीय संस्कृति में पर्वों का विशेष महत्व है, क्योंकि वे हमें मर्यादित आचरण करना सिखाते हैं। यह मर्यादा तो स्वतंत्रता देती है, किन्तु स्वच्छन्दता पर रोक लगाती है। यह मात्र स्वयं जीने का दर्शन नहीं, अपितु ‘जियो और जीने दो‘ का दर्शन है। यह दूसरों को […] Read more » The great festival of devotion and self-purification पर्वाधिराज दशलक्षण महामहोत्सव
धर्म-अध्यात्म ईश्वर सभी प्राणियों का सर्वोत्तम न्यायाधीश है August 29, 2022 / August 29, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य यह सारा संसार ईश्वर की कृति है और सभी प्राणी अपने अपने शुभाशुभ कर्मों का फल भोगने के लिए मनुष्यादि अनेक योनियों में ईश्वर द्वारा उत्पन्न किये गये हैं। सभी प्राणियों को जन्म व मृत्यु भी ईश्वर ही प्रदान करता है जिसका आधार हमारे पूर्वजन्मों के कर्म होते हैं। हमने अपने […] Read more » God is the best judge of all beings
धर्म-अध्यात्म प्रातः सायं ईश्वर की उपासना करना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है August 26, 2022 / August 26, 2022 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मननपूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह–उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी पर […] Read more » ईश्वर की उपासना
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख वर्त-त्यौहार आत्मा को ज्योतिर्मय करने का पर्व पयुर्षण August 24, 2022 / August 24, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment पयुर्षण महापर्व- 24-31 अगस्त, 2022 पर विशेष – ललित गर्ग –पयुर्षण पर्व जैन समाज का आठ दिनों का एक ऐसा महापर्व है जिसे खुली आंखों से देखते ही नहीं, जागते मन से जीते हैं। यह ऐसा मौसम है जो माहौल ही नहीं, मन को पवित्रता में भी बदल देता है। आधि, व्याधि, उपाधि की चिकित्सा कर […] Read more » Payushan the festival of illuminating the soul पयुर्षण महापर्व