धर्म-अध्यात्म “ईश्वर प्रदत्त सद्धर्म वेद के प्रचार में प्रमुख बाधायें” June 18, 2019 / June 18, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महाभारत युद्ध के बाद सत्य वैदिक धर्म का प्रचार व प्रसार बाधित हुआ जिससे कालान्तर में अनेकानेक अविद्यायुक्त मत-मतान्तर अस्तित्व में आये। इन अविद्यायुक्त मतों का प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ता गया जिससे इनके अनुयायियों की संख्या में वृद्धि होती गई और सत्य व सनातन वैदिक मत के अनुयायियों की संख्या में […] Read more » God promotion of vedas Religion
चिंतन मौलिक चिंतन में भाषाकी भूमिका June 17, 2019 / June 17, 2019 by डॉ. मधुसूदन | 8 Comments on मौलिक चिंतन में भाषाकी भूमिका डॉ. मधुसूदन ’जिस समाज में मनुष्य जन्म लेता है; अनजाने (और अन चाहे)ही वह, उस समाज में बोली जाने वाली भाषा का बंदी बन जाता है। उसकी सोच उस भाषा के शब्दों से अनजाने ही प्रभावित हो जाती है।उसके जगत की छवि, उस भाषा की चलनी से छन कर(फिल्टर हो कर) निकलती है। उसी छवि को वह […] Read more » language role of language
चिंतन धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने धर्म पालन में वेद-प्रमाण, तर्क एवं युक्तियों को प्रतिष्ठित किया June 17, 2019 / June 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध तक विश्व में वेदों की शिक्षाओं के अनुरूप एक ही धर्म ‘‘वैदिक धर्म” प्रचलित था। महाभारत युद्ध के बाद देश में अव्यवस्था का दौर आया। वेदों व विद्या का अध्ययन व अध्यापन कुप्रभावित हुआ जिसके कारण समाज में अज्ञान, अन्धविश्वास, कुरीतियां एवं पाखण्ड ने […] Read more » Religion sage dayanand
चिंतन महाभारत के बाद वेदों के विलुप्त होने से मनुष्यमात्र की हानि हुई June 17, 2019 / June 17, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सृष्टि के आरम्भ से महाभारत काल तक समूचे विश्व में वेद और ऋषि परम्परा अपने पूरे प्रभावशाली रूप से प्रचलित रही। महाभारत का युद्ध महाविनाशकारी सिद्ध हुआ। इसका सबसे बुरा प्रभाव यह हुआ कि इसके बाद वेदों का पठन-पाठन, वेदों का प्रचार एवं प्रशिक्षण समाप्त हो गया। ईश्वरोपासना एवं अग्निहोत्र आदि […] Read more » diappered Mahabharat Ved
धर्म-अध्यात्म व्यंग्य भगवान हड़ताल पर हैं ! June 15, 2019 / June 15, 2019 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल भगवान हड़ताल पर हैं। चौंक गए न। आप डर रहे हैं, आप को किसी अनहोनी का खौफ खाए जा रहा है, बिल्कुल सच है। आपका डर वाजिब है, आप ही नहीं भगवान की हड़ताल से पूरा त्रिलोक हिल गया है। संविधान मौन है और विधान ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। भक्त […] Read more » God god on strike Satirical graph
धर्म-अध्यात्म “पुनर्जन्म का आधार ईश्वर-जीव-प्रकृति के नित्यत्व का सिद्धान्त” June 15, 2019 / June 15, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेदों ने विश्व को त्रैतवाद और ईश्वर-जीव-प्रकृति के नित्यत्व का सिद्धान्त दिया है। त्रैत में तीन सत्तायें ईश्वर, जीव व प्रकृति है जो अनादि व अविनाशी हैं। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र होने सहित सर्वज्ञ, सृष्टि का […] Read more » नित्यत्व का सिद्धान्त पुनर्जन्म का आधार
धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थप्रकाश पठित मनुष्य कल्पित ईश्वर की उपासना नहीं करता” June 14, 2019 / June 14, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में जितने भी आस्तिक मत हैं उनमें ईश्वर का स्वरूप भिन्न-भिन्न पाया जाता है जो कि तर्क एवं युक्तिसंगत नहीं है। इन सभी मतों के आचार्य कभी दूसरे मतों का अध्ययन करने का प्रयत्न नहीं करते। अपनी सत्य व असत्य बातों को ही स्वीकार कर उसका समर्थन व मण्डन करते […] Read more » satyarthprakash worship of god
धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार दायित्व याद दिलाता गंगा दशहरा June 13, 2019 / June 13, 2019 by अरुण तिवारी | Leave a Comment 12 जून – गंगा दशहरा विशेष लेखक: अरुण तिवारी ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, तिथि दशमी, हस्त नक्षत्र, दिन मंगलवार। बिंदुसर के तट पर राजा भगीरथ का तप सफल हुआ। पृथ्वी पर गंगा अवतरित हुई। ”ग अव्ययं गमयति इति गंगा” अर्थात जो स्वर्ग ले जाये, वह गंगा है। पृथ्वी पर आते ही सबको सुखी, समृद्व व शीतल […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने मुनष्य को विवेक बुद्धि क्यों दी है? June 13, 2019 / June 13, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने सृष्टि और इसमें विद्यमान सभी पदार्थों और प्राणियों को बनाया है। संसार में दो प्रकार की सत्तायें हैं जिन्हें चेतन व जड़ कहा जाता है। ईश्वर और जीवात्मा चेतन सत्तायें वा पदार्थ हैं तथा प्रकृति, सृष्टि तथा पृथिवी, अग्नि, वायु, जल और आकाश पंच-महाभूत कहलाते हैं। यह सभी पंच-महाभूत […] Read more »
धर्म-अध्यात्म देश के प्रति कर्तव्य और धर्म परस्पर पूरक हैं June 13, 2019 / June 13, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जन्म माता-पिता से होता है जो किसी देश में निवास करते हैं। हो सकता है कि माता-पिता उस देश के नागरिक हों या प्रवासी भी हो सकते हैं। यदि नागरिक हैं तो बच्चा भी उस देश का नागरिक हो जाता है। माता-पिता और उनकी सन्तान का कर्तव्य है कि […] Read more »
धर्म-अध्यात्म सृष्टिकर्ता ईश्वर सबसे महान है, उससे महान कोई नहीं June 11, 2019 / June 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य बुद्धिमानों व विद्वानों में एक प्रश्न यह भी हो सकता है कि संसार में सबसे महान कौन है? इसका सभी आस्तिकों के लिये निर्विवाद रूप से एक ही उत्तर हो सकता है कि इस संसार को रचने, पालन करने, प्रलय करने, जीवात्मा को जन्म देने, उसके कर्मानुसार सुख व दुःख की […] Read more »
धर्म-अध्यात्म विश्व के सभी मनुष्य गोमाता का दुग्धपान करने से उसके ऋणी हैं June 10, 2019 / June 10, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने जिस प्रकार मनुष्य को जन्म दिया है उसी प्रकार से गाय आदि पशुओं को भी दिया है। मनुष्य के पास सीधा खड़े की क्षमता है। वह अपनी वाणी के द्वारा बोल सकता है तथा अपने हाथों से अनेक प्रकार के काम कर सकता है। कुछ पशु-पक्षियों और जलचरों को […] Read more » pay respect to cow गोमाता