धर्म-अध्यात्म “प्रातः सायं ईश्वर की उपासना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है” August 28, 2018 / August 28, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मनन पूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी […] Read more » Featured अथर्ववेद ज्योति ऋग्वेद ज्योति ग्रह-उपग्रह चन्द्र पृथिवी यजुर्वेद ज्योति वैदिक सूर्य
धर्म-अध्यात्म “प्रातः सायं ईश्वर की उपासना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है” August 24, 2018 / August 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मनन पूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी […] Read more » Featured अन्तर्यामी ईश्वर कर्म गुण परमेश्वर शुद्ध सनातन सर्वज्ञ सर्वोपरि विराजमान स्वभाव स्वयंसिद्ध
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्द ने देश और धर्म की रक्षा के लिए ही आर्यसमाज बनाया’ August 22, 2018 / August 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 ई. को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज की स्थापना का कारण वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित देश की रक्षा करना था। यह सुविदित है कि प्राचीन वैदिक सनातन धर्म में महाभारत व उसके बाद विकृतियां आनी आरम्भ हो गईं थीं। इसका कारण महाभारत […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द धर्म की रक्षा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” August 21, 2018 / August 21, 2018 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […] Read more » Featured अज्ञान अन्धविश्वास ईश्वर ऋषि दयानन्द गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती पाखण्ड सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज धामावाला देहरादून का का सत्संग- ‘जो मनुष्य स्वराज्य की अर्चना करेगा वह कभी बुरा काम नहीं करेगाः आचार्य सत्यदेव निगमालंकार’ August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द द्वारा सन् 1879 में स्थापित आर्यसमाज है। ऋषि ने यहां विश्व की सबसे पहली शुद्धि की थी जिसमें जन्म से मुस्लिम बन्धु श्री मोहम्मद उमर को उनकी इच्छा से परिवार सहित ‘वैदिक धर्मी आर्य’ बनाया था। उनका नाम भी बदल कर अलखधारी किया था। यह व्यक्ति अपने […] Read more » Featured अटल बिहारी वाजपेयी ऋषि दयानन्द केरल देवयज्ञ अग्निहोत्र पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां पं. रामप्रसाद बिस्मिल बंगाल लाला लाजपतराय स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “जन्म व मृत्यु शरीर के आदि व अन्तिम छोर हैं और अन्त्येष्टि संस्कार अन्तिम क्रिया है” August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य के जन्म से जीवन का आरम्भ होता है और मृत्यु होने पर जीवन समाप्त हो जाता है। जन्म का अर्थ है कि एक चेतन, अल्पज्ञ, ससीम, सूक्ष्म और अनादि व नित्य जीवात्मा का माता के गर्भ में शरीर का निर्माण व जन्म तथा मृत्यु का अर्थ है कि शरीरस्थ जीवात्मा का […] Read more » Featured अग्नि ऋषि दयानन्द एकादशाह गया श्राद्ध जन्म जल दशगात्र द्वादशाह पृथिवी मासिक मृत्यु शरीर वायु वार्षिक सपिण्डी कर्म
धर्म-अध्यात्म “वेदों का यथार्थ ज्ञान वेदांगों के अध्ययन से ही सम्भव” August 18, 2018 / August 18, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। सभी विद्याओं का विस्तार वेदों के आधार व ज्ञान से ही सम्भव हो सका है। वेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से उत्पन्न हुए। परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि की थी। इस अमैथुनी सृष्टि में सभी स्त्री व […] Read more » Featured अग्नि अध्ययन से ही सम्भव आदित्य ऋग्वेद ऋषि दयानन्द ब्रह्मा यजुर्वेद वायु वेदों का यथार्थ ज्ञान शिक्षक सामवेद और अथर्ववेद स्वामी दयानन्द स्वामी विरजानन्द जी
धर्म-अध्यात्म ‘सत्यार्थ-प्रकाश लिखकर ऋषि दयानन्द ने मानव जाति का उपकार किया है’ August 17, 2018 / August 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द वेद, इतिहास एवं संस्कृति के मूर्धन्य विद्वान व प्रचारक थे। उन्होंने सहस्रों की संख्या में संस्कृत भाषा के प्राचीन शास्त्रीय व इतर ग्रन्थों का अध्ययन किया था और लगभग तीन सहस्र ग्रन्थों को प्रामाणिक माना था। वेद सहित ऋषि दयानन्द अष्टाध्यायी-महाभाष्य व्याकरण, निरुक्त, ब्राह्मण ग्रन्थ, दर्शन, उपनिषद, रामायण, महाभारत, चरक, […] Read more » Featured अर्थ उपनिषद ऋषि दयानन्द काम व मोक्ष गुरुमन्त्र व्याख्या दर्शन धर्म पठन-पाठन ब्रह्मचर्योपदेश ब्राह्मण मनुस्मृति रामायण सन्ध्या अग्निहोत्र उपदेश
धर्म-अध्यात्म “भ्रान्ति-निवारण पुस्तक से चुने ज्ञानवर्धक व मार्गदर्शक ऋषि-वचन” August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमने इससे पूर्व ऋषि दयानन्द जी के लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति-निवारण से 25 चुने हुए ऋषि वचनों को प्रस्तुत किया था। आज हम इसी पुस्तक के शेष ऋषि वचनों को आपके लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं। 26- चारों वेदों में एक से दूसरा ईश्वर कहीं प्रतिपादन नहीं किया है तथा इन्द्र, अग्नि […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द ज्ञानवर्धक व मार्गदर्शक ऋषि-वचन” धार्मिक विद्वान भ्रान्ति-निवारण पुस्तक मनुष्य
धर्म-अध्यात्म “देश व विश्व से क्या कभी धर्म विषयक अविद्या दूर होगी?” August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आज का युग ज्ञान व विज्ञान का युग है। ज्ञान व विज्ञान दिन प्रतिदिन उन्नति कर रहे हैं। मनुष्यों का ज्ञान निरन्तर बढ़ रहा है परन्तु जब सत्य धर्म की बात करते हैं तो हमें दो प्रकार के मत मुख्यतः ज्ञात होते हैं। एक ईश्वर व आत्मा नामी चेतन पदार्थों को मानने […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप घ्राण जिह्वा त्वचा दयालु नित्य निराकार निर्विकार नेत्र न्यायकारी पवित्र पांच ज्ञानेन्द्रियां वाक् पांद श्रोत्र सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सूक्ष्मभूत हस्त
धर्म-अध्यात्म ‘देश को आजाद कराने की प्रेरणा ऋषि दयानन्द ने की थी’ August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, भारत संसार का सबसे प्राचीन देश है। इसका मुख्य प्राचीन धर्म वैदिक-धर्म है जो ईश्वर ज्ञान वेद पर आधारित होने सहित विगत कुछ शताब्दियों से नहीं अपितु पूरे 1,96,08,53,118 वर्षों से संसार में प्रवर्तित है और आज भी अपने उज्जवल स्वरूप में विद्यमान है। आज देश व संसार में जितने मत-मतान्तर हैं […] Read more » Featured आर्यसमाजी व ऋषि भक्त ऋषि दयानन्द कुवंर सुखलाल आर्य डा. सत्यप्रकाश जी देश को आजाद भाई परमानन्द लाला लाजपत राय स्वामी रामेश्वरानन्द स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति-निवारण में विद्यमान उपयोगी कुछ ऋषि-वचन” August 14, 2018 / August 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने एक लघु-ग्रन्थ ‘भ्रान्ति–निवारण’ लिखा है। यह लघु-ग्रन्थ ऋषि दयानन्द ने पंडित महेशचन्द्र न्यायरत्न, कलकत्ता की पुस्तक ‘वेदभाष्यपरत्व प्रश्न–पुस्तक’ के खण्डन में लिखा था। ऋषि की इस लघु पुस्तक में अनेक महत्वपूर्ण वचन आये हैं जो वैदिक सिद्धान्तों के पोषक एवं उनकी सरल व्याख्या होने सहित तथ्यपूर्ण भी हैं। हमने […] Read more » “लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति Featured अग्नि’ ईश्वर ऋग्वेद ऋषि दयानन्द ऋषि मुनियों द्रव्यों का वायु विष्णु