धर्म-अध्यात्म संथारा आत्महत्या नहीं, आत्म समाधि की मिसाल है August 30, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग जैन धर्म के छोटे-से आम्नाय तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ठतम मुनि श्री सुमेरमलजी सुदर्शन का इनदिनों दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में संथारा यानी समाधिमरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान असंख्य लोगों के लिये कोतुहल का विषय बना हुआ है। मृत्यु के इस महामहोत्सव के साक्षात्कार के लिये असंख्य श्रद्धालुजन देश के विभिन्न भागों से पहुंच […] Read more » Featured ऋजुता क्षमा तपस्वी एवं कर्मयौद्धा पत्रकार प्रवक्ता राजनेता विनम्रता समाजसेवी साधक साधक एवं प्रवचनकार साहित्यकार साहित्यकार भी दर्शनार्थ
धर्म-अध्यात्म ‘पं. युधिष्ठिर मीमांसक और उनके आर्यसमाज विषयक कुछ विचार’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, आर्यजगत् के उच्च कोटि के कीर्तिशेष विद्वान पं. युधिष्ठिर मीमांसक जी ने एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘मेरी दृष्टि में स्वामी दयाननद सरस्वती और उनका कार्य’ लिखी है। इसका दूसरा संस्करण सन् 1994 में प्रकाशित हुआ था। इस पुस्तक के प्रथम संस्करण के आमुख में पंडित युधिष्ठिर मीमांसक जी ने ‘गुरुवर्य की इच्छापूर्ति में […] Read more » Featured ऋषि भक्त कीर्तिशेष विद्वान पं. युधिष्ठिर मीमांसक वेदपाठी ब्राह्मण स्वामी दयानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म समय-समय पर आर्यसमाज के नियम पढ़ना व समझना तथा उन्हें जीवन उतारना आवश्यक’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज की स्थापना महर्षि दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में की थी। स्थापना का मुख्य उद्देश्य वेदों, वैदिक धर्म व संस्कृति का प्रचार व प्रसार करना था। आर्यसमाज के 10 नियम हैं जिन्हें आसानी से कुछ घंटे के परिश्रम से स्मरण किया जा सकता है। आर्यसमाज में […] Read more » Featured अजन्मा अजर अनन्त अनादि अनुपम अभय अमर आर्यसमाज ईश्वर सच्चिदानन्द-स्वरूप दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र महर्षि दयानन्द सरस्वती श्री कृष्ण सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म ‘श्री कृष्ण द्वारा रणभूमि में अर्जुन को दिये उपदेशों के यथार्थ विषय’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महाभारत युद्ध से पूर्व अर्जुन को युद्ध के विषय में भ्रम व विषाद हो गया था। उन्होंने श्री कृष्ण को रथ को रण भूमि में दोनों सेनाओं के मध्य में ले जाने और अपने शत्रुओं को देखने की इच्छा व्यक्त की थी। वहां अपने मित्र व शत्रुओं को देखकर व युद्ध के […] Read more » Featured अर्जुन ऋषि वेदव्यास महाभारत श्री कृष्ण स्त्रियों स्वामी विद्यानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म ‘जन्म-मृत्यु रहस्य’ August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम संसार में मनुष्य जन्म और मृत्यु दोनों को समय समय पर होते देखते हैं। यदि हम अपने परिवार के सदस्यों पर विचार करें तो हमें ज्ञात होता है कि हमारे माता, पिता हैं, उनके माता-पिता भी होते हैं या रहे होंगे और जिन्हें हम दादा-दादी कहते थे उनके भी माता-पिता अर्थात् […] Read more » Featured अग्निहोत्र यज्ञ ईश्वरोपासना परोपकार व्याप्य-व्यापक सर्वज्ञ-अल्पज्ञ स्वामी-सेवक
धर्म-अध्यात्म गुरुकुल पौंधा-देहरादून में 21 नये ब्रह्मचारियों के उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार सोल्लास सम्पन्न” August 28, 2018 / August 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, आर्ष गुरुकुल पौंधा-देहरादून में आज दिनांक 25 अगस्त, 2018 को 21 नये प्रवेशार्थी ब्रह्मचारियों के उपनयन एवं वेदारम्भ संस्कार सोल्लास सम्पन्न हुए। आचार्य के प्रतिष्ठित पद पर आर्यजगत के वेदों के विख्यात विद्वान डॉ. रघुवीर वेदालंकार उपस्थित थे। उन्होंने दोनों संस्कारों की उन सभी क्रियाओं को जो आचार्य और ब्रह्मचारियों के मध्य […] Read more » feartured Featured गुरु स्वामी ओमानन्द सरस्वती ज्येष्ठ डा. रघुवीर वेदालंकार श्री नारायण सिंह राणा श्रेष्ठ व पूजनीय विद्वान स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर प्रदत्त सनातन वैदिक धर्म का भविष्य” August 28, 2018 / August 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, धर्म मनुष्यों के आचरण करने योग्य श्रेष्ठ सिद्धान्तों, मान्यताओं व विचारधारा को कहते हैं। सिद्धान्त व मान्यतायें ऐसी हों जिनसे संसार के सभी मनुष्यों का हित व उन्नति हो व सब सुखी रहकर सृष्टिकर्ता ईंश्वर व अपनी जीवात्मा का ज्ञान प्राप्त कर आत्मा की उन्नति व परजन्म को इस जन्म से भी […] Read more » feartured Featured ईसाई जैन बौद्ध ब्राह्मण ग्रन्थ महर्षि दयानन्द सरस्वती मुस्लिम हिन्दू व वैदिक धर्म
धर्म-अध्यात्म समाज “राजा महेन्द्र प्रताप के देश की आजादी में बलिदान के कुछ विस्मृत प्रसंग” August 28, 2018 / August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देश को आजाद कराने में अनेक देशभक्त वीरों ने अपना जीवन बलिदान किया है। इन बलिदानी वीरों के परिवारों ने भी किसी से कोई कम बलिदान नहीं किये हैं। उनकी ओर प्रायः किसी का ध्यान ही नहीं जाता। प्रस्तुत लेख में राजा महेन्द्र प्रताप जी व उनकी धर्मपत्नी के बीच संवाद से […] Read more » feartured ऊधम सिंह आदि देशभक्तों चन्द्रशेखर आजाद भगत सिंह मदन लाल ढ़ीगरा राम प्रसाद बिस्मिल लाला लाजपतराय लाला हरदयाल सुभाष चन्द्र बोस सहित वीर सावरकर
धर्म-अध्यात्म समाज ईश्वर की तलाश खुद में करें August 28, 2018 / August 30, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग परमात्मा को अनेक रूपों में पूजा जाता है। कोई ईश्वर की आराधना मूर्ति रूप में करता है, कोई अग्नि रूप में तो कोई निराकार! परमात्मा के बारे में सभी की अवधारणाएं भिन्न हैं, लेकिन ईश्वर व्यक्ति के हृदय में शक्ति स्रोत और पथ-प्रदर्शक के रूप में बसा है। जैसे दही मथने से मक्खन […] Read more » Featured आत्मद्रष्टा ईश्वर की तलाश खुद में करें पत्नी युगद्रष्टा और भविष्यद्रष्टा राल्फ वाल्डो एमर्सन संतपुरुषों
धर्म-अध्यात्म “प्रातः सायं ईश्वर की उपासना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है” August 28, 2018 / August 28, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मनन पूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी […] Read more » Featured अथर्ववेद ज्योति ऋग्वेद ज्योति ग्रह-उपग्रह चन्द्र पृथिवी यजुर्वेद ज्योति वैदिक सूर्य
धर्म-अध्यात्म “प्रातः सायं ईश्वर की उपासना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है” August 24, 2018 / August 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मनन पूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी […] Read more » Featured अन्तर्यामी ईश्वर कर्म गुण परमेश्वर शुद्ध सनातन सर्वज्ञ सर्वोपरि विराजमान स्वभाव स्वयंसिद्ध
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्द ने देश और धर्म की रक्षा के लिए ही आर्यसमाज बनाया’ August 22, 2018 / August 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 ई. को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज की स्थापना का कारण वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित देश की रक्षा करना था। यह सुविदित है कि प्राचीन वैदिक सनातन धर्म में महाभारत व उसके बाद विकृतियां आनी आरम्भ हो गईं थीं। इसका कारण महाभारत […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द धर्म की रक्षा सत्यार्थप्रकाश