धर्म-अध्यात्म ‘ब्रह्माण्ड के सभी सौर मण्डलों में असंख्य पृथिव्यां हैं जहां सबमें हमारे समान मनुष्यादि प्राणि हैं’ August 2, 2018 / August 2, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, हमारी पृथिवी हमारे सूर्य का एक ग्रह है। इस पृथिवी ग्रह पर मनुष्यादि अनेक प्राणी विद्यमान है। हमारी यह पृथिवी व समस्त ब्रह्माण्ड वैदिक काल गणना के अनुसार 1.96 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया है। पृथिवी पर मानव सृष्टि की उत्पत्ति से लगभग 2.6 करोड़ वर्ष पूर्व का काल सृष्टि की […] Read more » Featured उत्पत्ति परमात्मा सच्चिदानन्दस्वरूप पालन ब्रह्माण्ड रक्षा सर्वशक्तिमान व सर्वान्तरयामी सूर्य
धर्म-अध्यात्म “सृष्टिकर्ता ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है वेद और संस्कृत भाषा” August 1, 2018 / August 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, संसार में दो प्रकार की रचनायें देखने को मिलती है। एक अपौरूषेय और दूसरी पौरूषेय रचनायें। अपौरूषेय रचनायें वह होती हैं जो मनुष्यों के द्वारा असम्भव होने से नहीं की जा सकती। उदाहरण के लिए सूर्य, चन्द्र व पृथिवी सहित पृथिवी पर वायु, जल, अग्नि आदि की उत्पत्ति मनुष्य कदापि नहीं कर […] Read more » “सृष्टिकर्ता ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है वेद और संस्कृत भाषा” Featured अनादि अमर अविनाशी आचार्य नित्य पिता माता राजा व न्यायाधीश सर्वान्तर्यामी ईश्वर सर्वाव्यापक संसार संस्कृत सच्चिदानन्दस्वरूप
धर्म-अध्यात्म शक्ति से पहले शांति की स्थापना जरूरी August 1, 2018 / August 1, 2018 by आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि | 1 Comment on शक्ति से पहले शांति की स्थापना जरूरी – आचार्य डाॅ. लोकेशमुनि- विश्व के विभिन्न देशों की यात्रा के दौरान भौतिक विकास के शिखर पर पहुंचे लोगों से बातचीत से जो तथ्य सामने आया उससे यही निष्कर्ष निकला है दुनिया में सर्वत्र शक्ति की पूजा होती है। लेकिन विडम्बना यह है कि हर कोई विध्वंस को शक्ति मान रहा है, कोई धन को […] Read more » Featured अक्षम अशक्त अस्त्र-शस्त्रों आध्यात्मिक चेतना कमजोर और दुर्बल नई कल्पना नया कार्य नया चिंतन लेखिका एल. एम मॉन्टगोमेरी शक्ति से पहले शांति की स्थापना जरूरी
धर्म-अध्यात्म ‘ईश्वर का ध्यान करने से दुःखों की निवृत्ति होती है’ July 31, 2018 / July 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, वेद और योग-दर्शन सभी मनुष्यों को ईश्वर का ज्ञान कराकर उन्हें ईश्वर की उपासना का सन्देश देते हैं। ईश्वर का ज्ञान व ध्यान करना क्यों आवश्यक है? इसका उत्तर है कि मनुष्य को सृष्टि में विद्यमान सभी सत्तावान पदार्थों का ज्ञान होने से हानि कुछ नहीं अपितु उनसे लाभ होता है। हम […] Read more » ‘ईश्वर का ध्यान करने से दुःखों की निवृत्ति होती है’ Featured अजन्मा अजर अनुपम अभय अमर ज्ञान दयालु दृष्टि से अगोचर निराकार निर्विकार न्यायकारी व्याप्य सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सुख व दुख सुख व श्रेष्ठ कर्म सूक्ष्म
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द की मानवतावादी वेदानुकूल मान्यताओं को न अपनाकर उनसे न्याय नहीं किया गया” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देश का पतन महाभारत काल युद्ध के बाद से हुआ है। इस पतन को हम धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक पतन सहित राजनीतिक पतन भी कह सकते हैं। महाभारत काल तक पूरे विश्व में केवल एक वैदिक धर्म था। सभी लोग वैदिक धर्म का ही पालन करते हैं। वैदिक धर्म से तात्पर्य है कि […] Read more » Featured आर्यसमाज ऋषि दयानन्द कृष्ण पंडित लेखराम मानवतावादी वेदानुकूल मान्यताओं राम वसुधैव कुटुम्बकम् स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म “चलो, स्वाध्याय करें” July 30, 2018 / July 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हमारा जहां तक ज्ञान है उसके अनुसार संसार में केवल वैदिक मत ही एकमात्र ऐसा धर्म वा मत है जहां प्रत्येक मनुष्य को वेद आदि सद्ग्रन्थों के स्वाध्याय को नित्य कर्तव्य कर्मों से जोड़ा गया है। वैदिक काल में प्रमुख ग्रन्थ ‘चार वेद’ थे और आज भी संसार के साहित्य में चार […] Read more » Featured अनेक वैदिक अपूर्व ग्रन्थों सत्यार्थप्रकाश आर्याभिविनय उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्य ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द चलो दर्शन भाष्यकार मनुस्मृति महाभारत रामायण वेदभाष्य सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि स्वाध्याय करें”
धर्म-अध्यात्म “श्रावणी पर्व एवं कृष्ण जन्माष्टमी” July 28, 2018 / July 28, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, श्रावण का महीना वर्षा ऋतु का सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है। आजकल तो देश में बड़े-बड़े नगर बस गये हैं। सुविधाजनक सड़के हैं व सड़को पर विद्युत से मिलने वाले प्रकाश की व्यवस्था है। नगरों व ग्रामों में भी बसे एवं कारें चलती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर […] Read more » “श्रावणी पर्व एवं कृष्ण जन्माष्टमी” Featured अपराजित अहंकारशून्य क्षमाशील दयामय दृढ़कर्मी धर्मज्ञ धर्मात्मा निर्भय नीतिज्ञ न्यायशील पुण्यमय प्रेममय लोकहितैषी विशुद्ध वेदज्ञ शुद्ध शुद्ध गोदुग्ध शुद्धि श्री कृष्ण सामान्य जीवन
धर्म-अध्यात्म “मनुष्य जन्म का उद्देश्य व लक्ष्य विद्या प्राप्ति एवं ईश्वर-साक्षात्कार” July 27, 2018 / July 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, संसार में ईश्वर, जीव व प्रकृति इन तीन अभौतिक व भौतिक पदार्थों का अस्तित्व है। ईश्वर व जीव चेतन हैं तथा प्रकृति जड़ जड़ सत्ता है। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरुप, निराकार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, न्यायकारी तथा जीवों के कर्मों के अनुसार उनके जन्म व मृत्यु की व्यवस्था करने वाला है। हमें अपने मनुष्य […] Read more » “मनुष्य जन्म का उद्देश्य व लक्ष्य विद्या प्राप्ति एवं ईश्वर-साक्षात्कार” Featured कृष्ण गुरुदत्त विद्यार्थी चाणक्य दयानन्द निराकार न्यायकारी राम लेखराम श्रद्धानन्द सच्चिदानन्दस्वरुप सर्वज्ञ सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वान्तर्यामी हंसराज
धर्म-अध्यात्म “धार्मिक व सामाजिक अंधविश्वास व पाखण्डों का कारण अविद्या है” July 26, 2018 / July 26, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमारे देश में अनेक प्रकार के धार्मिक व सामाजिक अन्धविश्वास एवं पाखण्ड प्रचलित हैं। इन अन्धविश्वास एवं पाखण्डों का कारण देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तरों की अविद्या है। इस अविद्या के कारण अनेक प्रकार की कुरीतियां भी प्रचलित हैं और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न होने सहित किन्हीं दो समुदायों में हिंसा भी होती […] Read more » ‘‘ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप “धार्मिक व सामाजिक अंधविश्वास Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ईसाई व मुसलमानों जैन दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र पाखण्डों का कारण अविद्या है बौद्ध सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है, क्यों व कैसे?” July 25, 2018 / July 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम पृथिवी पर रहते हैं जिसका एक चन्द्रमा है और सुदूर एक सूर्य है जिससे हमें प्रकाश व गर्मी मिलती है। विज्ञान से सिद्ध हो चुका है कि सूर्य अपनी धूरी पर गति करता है और अन्य सभी ग्रह व उपग्रहों को भी गति देता है। पृथिवी अपनी धूरी पर घूमती […] Read more » ‘ईश्वर सच्चिदानन्द स्वरुप “ईश्वर ही सृष्टिकर्ता है Featured अजन्मा अजर अनादि अनुपम अभय अमर ऋषि दयानन्द क्यों व कैसे?” चन्द्र दयालु नित्य निराकार निर्विकार न्यायकारी पवित्र पृथिवी प्रकृति सर्वव्यापक सर्वशक्तिमान सर्वाधार सर्वान्तर्यामी सर्वेश्वर सूर्य
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये” July 24, 2018 / July 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, जीवात्मा और परमात्मा का व्याप्य-व्यापक सम्बन्ध है। जीवात्मा में ईश्वर व्यापक है और जीवात्मा ईश्वर में व्याप्य है। सर्वव्यापक ईश्वर जीवात्मा से सूक्ष्म है और इसके भीतर भी व्यापक है। मनुष्य जीवन मिलने पर जीवात्मा अन्तःकरण चतुष्टय और ज्ञान व कर्मेन्द्रियों की सहायता से सत्य व असत्य, ज्ञान व अज्ञान, हित व […] Read more » “ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये” Featured अर्थ अहंकार ईश्वर ऋषि दयानन्द काम व मोक्ष क्रोध धर्म महर्षि दयानन्द मोह लोभ
धर्म-अध्यात्म “वैदिक एवं आंग्ल शिक्षा का केंद्र तपोवन विद्या निकेतन” July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम तपावेन, देहरादून की अनेक कार्यों में से एक महत्वपूर्ण कार्य एक आर्य शिक्षण संस्था ‘तपोवन विद्या निकेतन’ का संचालन है। यह संस्था 35 वर्ष पूर्व सन् 1983 में स्थापित की गई थी जिसके पहले प्रबन्ध श्री देवेन्द्र रहनुवाल थे। अब श्री रहनुवाल दिवंगत हो गये हैं। हमारा सौभाग्य है […] Read more » ‘तपोवन विद्या निकेतन’ “वैदिक एवं आंग्ल शिक्षा का केंद्र तपोवन विद्या निकेतन” Featured आर्यसमाज के इतिहास उमेश चन्द्र कुलश्रेष्ठ ऋषिभक्तों नियम बालक तथा अध्यापिकाओं बालिकाओं यशस्वी श्री दर्शन कुमार अग्निहोत्री श्रीमती मीना राणा आश्रम सिद्धान्तों व ऋषि दयानन्द