धर्म-अध्यात्म सत्संग का उत्तम साधन वेद, सत्यार्थप्रकाश आदि का स्वाध्याय February 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को अपने जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सत्संग की आवश्यकता होती है। सत्संग का अभिप्राय है कि हम जीवन को सुख, समृद्धि व सफलता आदि प्राप्त करने के लिए सत्य को जानें। यदि हमें सत्य का ज्ञान नहीं होगा तो हम सही निर्णय नहीं ले सकेंगे। हो […] Read more » Featured knowledge of Vedas Satyartha Prakash The best means of satsang वेद सत्यार्थप्रकाश सत्संग का उत्तम साधन
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के बोध से विश्व के सभी मनुष्यों का भाग्योदय February 7, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज आन्दोलन के संस्थापक और महाभारतकाल के बाद वैदिक धर्म के प्रचारक शिखर पुरुष ऋषि दयानन्द के बोध की इस लेख में चर्चा करते हैं। ऋषि दयानन्द का बचपन का नाम मूलशंकर था। उनके पिता कर्षनजी तिवारी थे। आप गुजरात राज्य के मोरवी जनपद के टंकारा नामक स्थान पर 12 फरवरी, 1825 […] Read more » Featured ऋषि दयानन्द दयानन्द विश्व के सभी मनुष्यों का भाग्योदय
धर्म-अध्यात्म जीवात्माओं के शरीरों की आकृति व सामर्थ्य में भेद का कारण? February 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य जीवात्मा जन्म व मरण धर्मा है। ईश्वर की व्यवस्था से इसे अपने पूर्व जन्मों के कर्मानुसार जाति, आयु व भोग प्राप्त होते हैं। इन तीनों कार्यों को प्राप्त करने में यह परतन्त्र है। जीव जन्म लेने के बाद कर्म करने में तो स्वतन्त्र है परन्तु उनके फल इसे ईश्वर की व्यवस्था से […] Read more » Featured
धर्म-अध्यात्म संसार ने सर्वप्रथम कैसे जाना ईश्वर व जीवात्मा का अस्तित्व February 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज विश्व का अधिकांश व बहुत बड़ा भाग ईश्वर एवं जीवात्मा के अस्तित्व को स्वीकार करता है। प्रश्न होता है कि ईश्वर व जीवात्मा का ज्ञान संसार को कब व कैसे प्राप्त हुआ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमें सृष्टि के आरम्भ में मनुष्यों की परिस्थितियों पर विचार करना पड़ता […] Read more » existence of God and Spirit ईश्वर जीवात्मा का अस्तित्व
धर्म-अध्यात्म मनुष्य और उसकी जीवात्मा February 1, 2018 / February 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य दो पैर, दो हाथ तथा बुद्धि से सम्पन्न प्राणी को मनुष्य कह सकते हैं। पशुओं में प्रायः सबके पास चार पैर होते हैं। इसके अपवाद हो सकते हैं। कई पक्षियों के दो पैर होते हैं परन्तु हाथ नहीं होते। छोटे छोटे कीड़ो आदि में पैरों की संख्या अधिक भी हो सकती है। […] Read more » जीवात्मा मनुष्य
धर्म-अध्यात्म आस्तिक व नास्तिक कौन? January 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, दो शब्द आस्तिक व नास्तिक का बहुधा प्रयोग होता है। मोटे रूप से आस्तिक ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास रखने वालों को कहते हैं और नास्तिक उन लोगों को कहते हैं जो ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं रखते। प्रश्न होता है कि लोग ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास क्यों रखते हैं […] Read more » atheist theist आस्तिक नास्तिक
धर्म-अध्यात्म हमारा उपास्य ईश्वर कैसा है? January 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य उपासना क्या है? उपासना किसी के पास बैठने को कहते हैं। सर्वोत्तम उपासना सृष्टिकर्त्ता ईश्वर के पास बैठना है। ईश्वर के पास किस प्रकार बैठ सकते हैं, इसके लिए हमें यह करना है कि शुद्ध व पवित्र होकर ईश्वर के गुण, कर्म व स्वभाव का ध्यान करना है और ऐसा करते हुए […] Read more » ईश्वर उपास्य ईश्वर कैसा है
धर्म-अध्यात्म जीवन मृत्यु रहस्य एवं आनन्दमय मोक्ष प्राप्ति की चर्चा January 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन हो या पशु-पक्षियों का जीवन, सभी का जीवन, जीवन व मृत्यु के पाश में बन्धा व फंसा हुआ है। कोई भी मनुष्य या प्राणी स्वेच्छा से मरना नहीं चाहता। वह चाहता है कि वह सदा इसी प्रकार से बना रहे। उसे कभी कोई रोग न हो। दुःखों को कोई भी […] Read more » achievement of eternal salvation Discussion of life's death secret Featured आनन्दमय मोक्ष प्राप्ति जीवन मृत्यु रहस्य
धर्म-अध्यात्म सृष्टि के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा January 29, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment देवेंद्रराज सुथार शिल्प, वास्तुकला, चित्रकला, काष्ठकला, मूर्तिकला और न जाने कितनी कलाओं के जनक भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का आर्किटेक्ट व देवशिल्पी कहा जाता है। हम उन्हें दुनिया के प्रथम आर्किटेक्ट और इंजीनियर भी कह सकते है। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार देवताओं के लिए भवनों, महलों, रथों व बहुमूल्य आभूषण इत्यादि का निर्माण भगवान विश्वकर्मा […] Read more » Featured vishwakarma भगवान विश्वकर्मा विश्वकर्मा
धर्म-अध्यात्म इदन्न न मम – संसार में मेरा कुछ नहीं है? January 25, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में रह रहे हैं। यह संसार जड़-चेतन जगत है। इसमें जड़ सूर्य, चन्द्र व पृथिवी सहित सभी लोक लोकान्तर हैं और चेतन पदार्थों में जीवात्मा व मनुष्यादि सभी प्राणी आते हैं। मनुष्य एक चेतन आत्मा व उसके शरीर को जिसमें बुद्धि तत्व अन्य प्राणियों की तुलना में अत्यन्त उन्नत […] Read more » I have nothing in the world Idn Nah Mama इदन्न न मम संसार में मेरा कुछ नहीं है
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का प्रथम कर्तव्य क्या है? January 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और हम अपनी बुद्धि से सोच व विचार कर निर्णय करते हैं। हमारा प्रथम कर्तव्य क्या है इस पर भी हम विचार करते हैं, नहीं करते तो कर सकते हैं। विचार करने पर हमें ज्ञात होता है कि हमें किसी अदृश्य सत्ता ने बनाया है। माता-पिता अवश्य हमारे जन्म […] Read more » first duty of man What is the first duty of man कर्तव्य मनुष्य का प्रथम कर्तव्य
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हमें मनुष्य क्यों बनाया? January 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं इसलिये कि हमारे पास मनन करने के लिए बुद्धि है। बुद्धि से हम अध्ययन कर सकते हैं और सत्य व असत्य का निर्णय करने में सक्षम हो सकते हैं। मनुष्य अपनी बुद्धि की उन्नति किस प्रकार करते हैं, यह प्रायः हम सभी जानते हैं। मनुष्य का जीवन माता के […] Read more » Featured God humans Why did God make us humans ईश्वर ईश्वर ने मनुष्य क्यों बनाया मनुष्य