आर्थिकी कोयले की दलाली में घिरी सरकार April 22, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव कोयला खदानों के आवंटन में हुए घोटाले में सरकार घिरती नजर आ रही है। इस घोटाले की जांच के सिलसिले में सीबीआई द्वारा शीर्ष न्यायालय में पेश की जाने वाली रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में कानून मंत्री अश्विनी कुमार व सीबीआई के प्रमुख अधिकारियों के बीच हुई बैठक मनमोहन सिंह सरकार के लिए […] Read more » कोयले की दलाली में घिरी सरकार
आर्थिकी बैंकों के लिए फीकी पड़ती सोने की चमक April 22, 2013 / April 22, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment dबीते सालों में बैंकों ने बिजनेस बढ़ाने के लिए गोल्ड लोन को अपना हथियार बनाया था। मोटे तौर पर माना जाये तो वित्तीय वर्ष 2010-2011 से बैंकों ने गोल्ड लोन बाँटने के मामले में तत्परता दिखानी शुरु की, जो वित्तीय वर्ष 2012-13 के अंत आते-आते अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच गया। जानकारों के अनुसार वर्ष, 2009 […] Read more » बैंकों के लिए फीकी पड़ती सोने की चमक
आर्थिकी क्या हम आजाद है? April 22, 2013 by विकास कुमार गुप्ता | 1 Comment on क्या हम आजाद है? ईस्ट इंडिया कंपनी को चार्टर निर्गत होता है भारत के लियें। 20-20 साल के लिये इसे चार्टर (अधिकार पत्र) दिया जाता रहा। पहला चार्टर सन् 1600 में दिया गया। ब्रिटिश संसद में परिचर्चा के दौरान बिलियम फोर्स कहता है कि हमें भारत में फ्री ट्रेड करना है। और वह फ्री ट्रेड का अर्थ समझाते हुए […] Read more »
आर्थिकी बड़ा और बेहाल भारत – कैसे मिले गरीबों को राहत ? April 22, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा हाल ही में योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने देश में गरीबी 2% कम होने की बात कही है । आप देश में कहीं भी, गाँव, क़स्बा, नगर या महानगर, चले जाएँ आपको एक बड़ा, पर बेहाल भारत और एक छोटा, पर शाइनिंग इंडिया दिख जायेगा। 65 साल के इस आजाद लोकतान्त्रिक देश में,जिसके […] Read more » कैसे मिले गरीबों को राहत ? बड़ा और बेहाल भारत
आर्थिकी अपनी नाकामी का ठीकरा गरीबों पर फोड़ते सुब्बाराव April 16, 2013 by इफ्तेख़ार अहमद | Leave a Comment रिजर्व बैंक की लाख कोशिशों के बावजूद देश में खाद्य महंगाई दर दहाई के अंक पर बनी हुई है। बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान है। इस महंगाई डायन ने गरीबों की थाली से सब्जी को छू-मंतर कर दिया है। लेकिन, इन सबसे बेपरवाह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर डी. सुब्बाराव को गरीबों की […] Read more »
आर्थिकी नाबार्ड और वित्तीय समावेशन April 16, 2013 / April 16, 2013 by निधि चौधरी | Leave a Comment निधि चौधरी पिछले तीन दशकों से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अर्थात नाबार्ड वित्तीय समावेशन और समावेशी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है । वर्ष 1982 में नाबार्ड की स्थापना ग्रामीण विकास और कृषि के संवर्धन की दृष्टि से की गई और नाबार्ड ने ग्रामीण इलाकों में कार्य कर रहे वाणिज्यिक […] Read more » NABARD
आर्थिकी दागदार हैं निजी बैंक के दामन April 13, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment आनलार्इन बेबपोर्टल कोबरा पोस्ट द्वारा आर्इसीआर्इसीआर्इ बैंक, एचडीएफसी बैंक और एकिसस बैंक के विरुद्ध धन शोधन का आरोप लगाया गया है। कोबरा पोस्ट के एसोसिएट संपादक सैयद मसरुर हसन ने सिटंग आपरेशन की सहायता से एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनार्इ है, जिसका फिल्मांकन उन्होंने देश भर में निजी बैंकों की 40 शाखाओं में जाकर किया है। […] Read more » दागदार हैं निजी बैंक के दामन
आर्थिकी स्वास्थ्य-योग जरूरी दवाओं को सरकारी मूल्य से ज्यादा पर बिक्री April 12, 2013 by संजय स्वदेश | Leave a Comment संजय स्वदेश कोई बीमारी जब जानलेवा हो जाती है तो लोग इलाज के लिए क्या कुछ नहीं दांव पर लगा देते हैं। क्या अमीर क्या गरीब। ऐसे हालात में वे मोलभाव नहीं करते हैं। इस नाजुक स्थिति को भुनाने में दवा उत्पादक कंपनियों ने मोटी कमाई का बेहतरीन अवसर समझ लिया है। सरकारी नियमों को […] Read more »
आर्थिकी दागदार हैं निजी बैंक के दामन April 12, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment आनलार्इन बेबपोर्टल कोबरा पोस्ट द्वारा आर्इसीआर्इसीआर्इ बैंक, एचडीएफसी बैंक और एकिसस बैंक के विरुद्ध धन शोधन का आरोप लगाया गया है। कोबरा पोस्ट के एसोसिएट संपादक सैयद मसरुर हसन ने सिटंग आपरेशन की सहायता से एक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनार्इ है, जिसका फिल्मांकन उन्होंने देश भर में निजी बैंकों की 40 शाखाओं में जाकर किया है। […] Read more » दागदार हैं निजी बैंक के दामन
आर्थिकी डिफाल्टर कारपोरेटस ने किया बैंकों का बेड़ागड़क April 12, 2013 by सतीश सिंह | Leave a Comment नफा और नुकसान को किसी भी बिजनेस का अहम हिस्सा माना गया है। बैंकिंग बिजनेस को भी इसी नजरिए से देखा जा सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्ति) को नुकसान का प्रर्याय माना जा सकता है। इस दृष्टिकोण से एनपीए के मुद्दे पर बैंकों को ज्यादा हाय-तौबा नहीं मचाना चाहिए, लेकिन इस […] Read more » डिफाल्टर कारपोरेटस ने किया बैंकों का बेड़ागड़क
आर्थिकी निजी बैंकों का काला कारोबार March 23, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव देश के निजी बैंक कठघरे में हैं। ये बैंक संबंधी पारदर्षिता से खिलवाड़ करते हुए देश के भीतर ही काले धन को बड़े पैमाने पर सफेद करने के कारोबार में लगे हैं। यह आर्थिक भ्रष्टाचार देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के साथ मंहगार्इ बढ़ाने का काम भी कर रहा है। न्यूज पोर्टल […] Read more » निजी बैंकों का काला कारोबार
आर्थिकी किसान कर्जमाफी घोटाला March 18, 2013 / March 18, 2013 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on किसान कर्जमाफी घोटाला प्रमोद भार्गव संप्रग सरकार के कार्याकाल में सामने आ रहे घोटालों की सूची लंबी होती जा रही है। इस सूची में राष्ट्रमण्डल खेल, 2जी, आदर्श सोसायटी, कोयला और हेलिकाप्टर घोटालों के बाद किसान कर्ज माफी घोटाला भी शामिल हो गया है। लगता है कांग्रेस बनाम संप्रग सरकार गड़बडि़यों बनाम भ्रष्टाचार की पर्याय बन कर रह […] Read more » किसान कर्जमाफी घोटाला