जन-जागरण विविधा जब कश्मीर के राजा जशरथ ने बढ़ाया भारत का ‘यश’ रथ April 26, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on जब कश्मीर के राजा जशरथ ने बढ़ाया भारत का ‘यश’ रथ संसार एक सागर है संसार एक सागर है, जिसमें अनंत लहरें उठती रहती हैं। ये लहरें कितने ही लोगों के लिए काल बन जाती हैं, तो कुछ ऐसे शूरवीर भी होते हैं जो इन लहरों से ही खेलते हैं और खेलते-खेलते लहरों को अपनी स्वर लहरियों पर नचाने भी लगते हैं। ऐसा संयोग इतिहास के दुर्लभतम क्षणों […] Read more » Featured कश्मीर के राजा जशरथ राजा जशरथ
खेत-खलिहान जन-जागरण विविधा अन्नदाताओं की अनदेखी April 24, 2015 / April 24, 2015 by बी.आर.कौंडल | 3 Comments on अन्नदाताओं की अनदेखी राजनितिक दल चाहे कितनी हमदर्दी किसानों के प्रति दिखाएँ लेकिन हकीकत यही है कि किसानों के हितों की सभी सरकारों ने अनदेखी की है | भारत जैसे देश जहाँ पर 70 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप में कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं, में किसानों की बदहाली भविष्य के लिए भारी आक्रोश का संकेत देता […] Read more » Featured अन्नदाताओं की अनदेखी भूमि-अधिग्रहण अध्यादेश
जन-जागरण विविधा तब हम बुद्घ के नही युद्घ के उपासक बन इतिहास बना रहे थे April 23, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on तब हम बुद्घ के नही युद्घ के उपासक बन इतिहास बना रहे थे जिस प्रकार कटेहर ने ताजुल मुल्क और उसके सुल्तान को आनंद की नींद नही सोने दिया और लगभग हर वर्ष कटेहर के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए दिल्ली के सुल्तान को भारी सेना भेज-भेजकर अपनी विवशता का प्रदर्शन करना पड़ा। वही स्थिति दोआब ने भी सुल्तान के लिए बनाये रखी। पिछले पृष्ठों पर भी […] Read more » Featured युद्घ के उपासक
जन-जागरण जरूर पढ़ें यह लोकतंत्र नहीं, यह तो ‘शोकतंत्र’ है April 22, 2015 / April 22, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- लोकतंत्र को सभी शासन प्रणालियों में सर्वोत्तम शासन प्रणाली के रूप में दर्शित किया जाता है। वैसे लोकतंत्र का अर्थ लोक की लोक के द्वारा लोक के लिए अपनायी गयी शासन व्यवस्था है। जिसमें हमें अपने सर्वांगीण विकास के सभी अवसर उपलब्ध होते हैं। वेद ने ऐसी व्यवस्था को ‘स्वराज्यम्’ कहा है। […] Read more » Featured भारतीय राजनीति यह तो ‘शोकतंत्र’ है यह लोकतंत्र नहीं राजनीति लोकतंत्र शोकतंत्र
जन-जागरण समाज हिन्दू हैं मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी April 21, 2015 / April 21, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on हिन्दू हैं मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी -बिपिन किशोर सिन्हा- नेशनल कमीशन फॉर माइनारिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन जस्टिस एज़ाज़ सिद्दिकी ने कल, रविवार (१९.०४.२०१५) को आगरा के ग्रांड होटल में बज़्म-ए-मैकश अवार्ड वितरण समारोह में बोलते हुए बिना किसी भय के स्पष्ट शब्दों में कहा कि अल्लाह के बाद हिन्दुस्तान में मुसलमानों के लिए सुरक्षा की कोई गारंटी है, तो वह […] Read more » Featured अल्पसंख्यक मुसलमान हिन्दू हिन्दू हैं मुसलमानों की सुरक्षा की गारंटी
जन-जागरण प्राथमिक शिक्षा किसके भरोसे April 21, 2015 / April 21, 2015 by जावेद अनीस | Leave a Comment –जावेद अनीस- ‘‘मैं पहले एक प्रायवेट स्कूल में पढ़ता था परन्तु घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण मुझे परिवार वालों ने प्रायवेट स्कूल से निकाल कर सरकारी स्कूल में दाखिल करा दिया, लेकिन वहां पढ़ाई अच्छी नहीं होती थी इस कारण कुछ दिनों बाद मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया और काम […] Read more » Featured प्राथमिक शिक्षा किसके भरोसे प्रारंभिक शिक्षा शिक्षा
जन-जागरण पृथ्वी मुस्कुराने नहीं सिसकने पर मजबूर April 20, 2015 / April 20, 2015 by निर्भय कर्ण | Leave a Comment -निर्भय कर्ण- जब बारिश की बूंदें धरती/पृथ्वी पर पड़ती हैं तो हमारा रोम-रोम पुलकित हो जाता है, पृथ्वी खुशी से मुस्कराने लगती है और ईश्वर का धन्यवाद करती है लेकिन वर्तमान हालात ने पृथ्वी को मुस्कुराने पर नहीं बल्कि सिसकने पर मजबूर कर दिया है। वजह साफ है सजीवों को जीवन प्रदान व पोषित करनेवाली […] Read more » Featured पृथ्वी पृथ्वी पर खतरा पृथ्वी मुस्कुराने नहीं सिसकने पर मजबूर
जन-जागरण सफल जीवन की एक नई राह बनाएं April 19, 2015 / April 19, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- व्यक्ति अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाने के लिये समाज से जुड़कर जीता है, इसलिए समाज की आंखों से वह अपने आप को देखता है। साथ ही उसमें यह विवेक बोध भी जागृत रहता है ‘मैं जो भी हूं, जैसा भी हूं’ इसका मैं स्वयं जिम्मेदार हूं। उसके अच्छे बुरे चरित्र का […] Read more » Featured जीवन सफल जीवन सफल जीवन की एक नई राह बनाएं
जन-जागरण विविधा बापू – चाचा और नेताजी April 16, 2015 by एल. आर गान्धी | 1 Comment on बापू – चाचा और नेताजी एल आर गांधी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को इतिहास के गुमनाम पन्नों में दफन करने के ‘काले-गोरे ‘ अंग्रेज़ों के षड्यंत्र पर से परत दर परत पर्दा उठने लगा है …। यह षड्यंत्र माउंटबेटन ,उनकी मैडम और चाचा नेहरू के बीच रचा गया था …. अँगरेज़ समझ गए थे कि हज़ारो शहीदों की शहादत के […] Read more » Featured चाचा और नेताजी बापू
जन-जागरण विविधा तात्या टोपे की तरह कुछ और लोग होते तो अंग्रेजों के हाथ से भारत छीना जा सकता था April 16, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment सन् सत्तावन के विद्रोह की शुरुआत 10 मई को मेरठ से हुई थी। जल्दी ही क्रांति की चिन्गारी समूचे उत्तर भारत में फैल गयी। विदेशी सत्ता का खूनी पंजा मोडने के लिए भारतीय जनता ने जबरदस्त संघर्ष किया। उसने अपने खून से त्याग और बलिदान की अमर गाथा लिखी। उस रक्तरंजित और गौरवशाली इतिहास के […] Read more » Featured great freedom fighter tantya tope tale of tantya tope tatya tope तात्या टोपे
जन-जागरण समाज समाज व्यवस्था और स्त्री April 6, 2015 / November 7, 2016 by शैलेन्द्र कुमार सिंह | Leave a Comment भारतीय समाज व्यवस्था में स्त्री के स्वतंत्र व्यक्तित्व की राह में बाधाएं’ इस पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्राणी मनुष्य ही हैl प्रकृति की संरचना में स्त्री-पुरुष का भेद नहीं हैl दोनों अपनी मूल संरचना में स्वतंत्र होते हुए एक-दूसरे के पूरक हैं और समान रूप से सहभागी भीl लेकिन मानव जैसे-जैसे विकास करते गया उसने […] Read more » Featured पुरुषवादी प्राकृतिक अधिकार शैलेन्द्र कुमार सिंह समाज व्यवस्था और स्त्री स्त्री के सम्मान स्वतंत्रता और समानता का अधिकार
जन-जागरण शख्सियत मेरा दाह संस्कार मेरे मित्र भगत सिंह की समाधि के पास किया जाए–बटुकेश्वर दत्त April 6, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment सुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी बटुकेश्वर दत्त का जन्म १८ नवम्बर, १९१० को बंगाली कायस्थ परिवार में ग्राम-औरी, जिला नानी बेदवान (बंगाल) में हुआ था; परंतु पिता ‘गोष्ठ बिहारी दत्त’ कानपुर में नौकरी करते थे। बटुकेश्वर ने १९२५ में मैट्रिक की परीक्षा पास की। उन्हीं दिनों उनके माता एवं पिता दोनों का देहांत हो गया। इसी समय वे […] Read more » क्रान्तिकारी संगठन बटुकेश्वर दत्त भगतसिंह और चंद्रशेखर आजाद शैलेन्द्र चौहान सुखदेव और राजगुरु हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन