जन-जागरण मीडिया कौन हैं जो मीडिया पर नियंत्रण चाहते हैं? March 21, 2011 / December 14, 2011 by सरमन नगेले | 4 Comments on कौन हैं जो मीडिया पर नियंत्रण चाहते हैं? प्रजातंत्र में मीडिया की भूमिका और अभिव्यक्ति की सीमाओं को लेकर जो बहस हो रही है उसके संदर्भ में चुनाव आयोग का ताजा बयान ध्यान आकर्षित करता है, जिसमें कहा गया है कि पांच राज्यों के चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में मीडिया रिपोर्ट को शिकायत के रूप में दर्ज […] Read more » media
जन-जागरण भारतीय महिलाएँ एवं मानवाधिकार March 20, 2011 / December 14, 2011 by नन्द किशोर कुमावत | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 1945 से प्रारम्भ मानवाधिकार एवं महिला आन्दोलनों ने लिंग भेदभाव एवं असमानता के प्रश्नों को अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय मंचो पर राजनैतिक मुद्दों के रूप मे प्रस्थापित किया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने शांति स्थापना एवं विकास यात्रा में महिलाओं की भूमिका के महत्त्व को भी रेखांकित किया है। संघ ने अनेक अन्तर्राष्ट्रीय संघठन […] Read more » Human Rights
आलोचना घोषणा-पत्र प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम मीणा का खुला खत! March 17, 2011 / January 12, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 1 Comment on प्रधानमन्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पुरुषोत्तम मीणा का खुला खत! पत्रांक : बास/राअ/1112/1 दिनांक : 11.03.2011 प्रेषक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, राष्ट्रीय अध्य्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास), राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यालय-7 तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान), फोन : 0141-2222225, मोबाइल : 098285-02666 प्रेषिति : माननीय श्री डॉ. मनमोहन सिंह जी, प्रधानमन्त्री, भारत सरकार, नयी दिल्ली| विषय : राजस्थान के […] Read more » Manmohan Singh प्रधानमन्त्री
जन-जागरण स्वामी रामदेव- तीन भ्रम और उनकी वास्तविकता March 5, 2011 / December 15, 2011 by शैलेन्द्र कुमार | 23 Comments on स्वामी रामदेव- तीन भ्रम और उनकी वास्तविकता आजकल स्वामी रामदेव देशभर में चर्चा का विषय बने हुए है। जहाँ कई साईंटे ऐसी है जो इस विषय पर स्वामी रामदेव कि आलोचना में कई लेख निकाल चुकी है, वही कुछ साईंटे ऐसी भी है जिन्होंने उनके पक्ष में भी लेख प्रकाशित किये है। विश्व में कोई भी व्यक्तित्व शत प्रतिशत स्वीकार्य नहीं है […] Read more » Baba Ramdev तीन भ्रम वास्तविकता स्वामी रामदेव
जन-जागरण दरवेश का चोला पहनने से डाकू- संत नहीं हो जाते… March 3, 2011 / December 15, 2011 by श्रीराम तिवारी | 9 Comments on दरवेश का चोला पहनने से डाकू- संत नहीं हो जाते… लगता है कि आदरणीय मुकेश धीरूभाई अम्बानी को बोधत्व प्राप्त हो गया है. देश के सबसे बड़े रईस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के सर्वेसर्वा श्री मुकेश अम्बानी ने गत मंगलवार {१ मार्च-२०११}को नई दिल्ली में फिक्की {फेडेरशन ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज} के ८३ वें अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए जो आप्त वाक्य कहे वे उन्हें भारतीय […] Read more » Mukesh Ambani मुकेश अम्बानी
जन-जागरण कसौटी पर है खाद्यान्न की कमी March 2, 2011 / December 15, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment इंसान तभी तक जिंदा रह सकता है, जब तक उसका पेट भरा रहे। कहा भी गया है ॔भूखे पेट कोई भजन नहीं कर सकता है’। बावजूद इसके आज भी भारत में कृषि का क्षेत्र सबसे उपेक्षित है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महंगाई देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। सरकार भी इस वस्तुस्थिति को स्वीकार […] Read more » Food items खाद्यान्न की कमी
चुनाव विश्लेषण राजनीतिक सुधार का पहला कदम चुनाव सुधार February 1, 2011 / December 15, 2011 by के. एन. गोविंदाचार्य | 1 Comment on राजनीतिक सुधार का पहला कदम चुनाव सुधार के. एन. गोविंदाचार्य यदि हमारी चुनाव प्रणाली दोषरहित हो जाए तो काफी समस्याएं अपने आप सुलझ जाएंगी। देश की राजनीति स्वत: भारतपरस्त और गरीबपरस्त होने की राह पर चल पड़ेगी, क्योंकि जनता को इसी की जरूरत है। चुनावों में अपदस्थ किए जाने के डर से कोई भी सरकार इसके विपरीत आचरण नहीं करेगी। जो भी […] Read more » electoral reform political reform चुनाव सुधार राजनीतिक सुधार
चुनाव राजनीति नितीश एंड कंपनी की जय हो November 28, 2010 / December 19, 2011 by ए.एन. शिबली ए एन शिबली यह तो पहले ही तय हो गया था की बिहार के इलेक्शन में नितीश कुमार और उनकी टीम को सफलता मिलेगी मगर सफलता इतनी बड़ी होगी की लालू की लालटेन का तेल खत्म हो जाएगा और पासवान की झोपड़ी उड़ जाएगी इसका अंदाज़ा किसी को नहीं था। पासवान की झोपड़ी तो उडी […] Read more » Nitish Kumar नितीश
जन-जागरण रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार! November 18, 2010 / December 19, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 14 Comments on रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार! भ्रष्टाचार से केवल सीधे तौर पर आहत लोग ही परेशान हों ऐसा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार वो सांप है जो उसे पालने वालों को भी नहीं पहचानता। भ्र्रष्टाचार रूपी काला नाग कब किसको डस ले, इसका कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता! भ्रष्टाचार हर एक व्यक्ति के जीवन के लिये खतरा है। अत: हर व्यक्ति […] Read more » Corruption रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार
जन-जागरण कैसे दर्ज कराएं एफ़आईआर September 18, 2010 / December 22, 2011 by सरफराज़ ख़ान | 10 Comments on कैसे दर्ज कराएं एफ़आईआर -सरफ़राज़ ख़ान भारत में आम तौर पर कोई दुर्घटना होने पर लोग पुलिस में प्राथमिकी (एफ़आईआर) दर्ज कराते वक्त ड़रते हैं। ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं होता कि प्राथमिकी कैसे दर्ज करवाई जाए। याद रखें किसी दुर्घटना के होने पर एफ़आईआर दर्ज कराना हर नागरिक का कर्तव्य है। -आप किसी भी पुलिस स्टेशन पर […] Read more » FIR एफ़आईआर
चुनाव बच्चों का भविष्य सुधारना है तो अब से वोट जरूर डालिए! September 5, 2010 / December 22, 2011 by मन ओज सोमक्रिया | Leave a Comment For Better Future of Your Child, do vote from now onwards? यदि महँगाई, आतंकवाद, अन्याय और शोषण सहने के लिए भारत की भोली-भाली जनता (Inncocent Indian Natives) को ही तैयार रहना है तो फिर आदरणीय प्रधानमंत्री जी! जनता द्वारा वोट दे कर आपको व आपकी सरकार को किसलिए चुना गया है? यदि आप ही अपनी […] Read more » Future of children भविष्य
चुनाव ब्लॉगरों की तालिबानी संसद! July 28, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 14 Comments on ब्लॉगरों की तालिबानी संसद! -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ हम सभी जानते हैं कि आजकल प्रिण्ट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया धनकुबेरों के इशारों पर कथ्थक करता रहता है। मीडिया द्वारा केवल उन्हीं मुद्दों को उठाया जाता है, जिससे उनकी पाठक/दर्शक संख्या में इजाफा हो। मीडिया को सामाजिक सरोकार को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिये, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा […] Read more » Blogger ब्लॉगर