संगीत देश राग के सर्वोत्तम स्वर: पंडित भीमसेन जोशी January 28, 2011 / January 28, 2011 by विजय कुमार | 2 Comments on देश राग के सर्वोत्तम स्वर: पंडित भीमसेन जोशी विजय कुमार 1985 में दूरदर्शन पर अनेक कलाकारों को मिलाकर बना कार्यक्रम‘देश-राग’ बहुत लोकप्रिय हुआ था। सुरेश माथुर द्वारा लिखित गीत के बोल थे,‘‘मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा।’’ उगते सूर्य की लालिमा, सागर के अनंत विस्तार और झरनों के कलकल निनाद के बीच जो धीर-गंभीर स्वर और चेहरा दूरदर्शन पर प्रकट होता […] Read more » पं. भीमसेन जोशी
संगीत युगों तक अमर रहेंगे पं. भीमसेन जोशी January 26, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 4 Comments on युगों तक अमर रहेंगे पं. भीमसेन जोशी प्रदीप चन्द्र पाण्डेय पं. भीमसेन जोशी मां सरस्वती के ऐसे साधक थे जिनके गायन से मन और आत्मा दोनों पवित्र हो जाता था। गला फोड़ संगीत के दौर से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया और वे संगीत के माध्यम से समूची दुनियां में भारत का प्रतिनिधित्व करते थे। उनका निधन भारतीय संगीत क्षेत्र के भीष्म […] Read more » Bhimsen Joshi पं. भीमसेन जोशी
प्रवक्ता न्यूज़ सिनेमा ‘यमला पगला दीवाना’ मे हंसी का फव्वारा January 21, 2011 / December 16, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी एन. आर. आई. सम्मेलन में भारत सरकार ने प्रवासी भारतियों लिए विशेष सुविधाओं का प्रावधान किया है। अपना देश अपनी माटी तथा अपनी संस्कृति के प्रति लगाव होना स्वाभाविक है। इस देश से बाहर जाकर भारत भारतीयता की सुगंध बिखरने वाले महर्षि अरंविद और स्वामी विवेकानंद ने तो कण-कण को अपना आराध्य माना […] Read more » Film यमला पगला दीवाना
प्रवक्ता न्यूज़ सिनेमा ‘नो वन किल्ड जेसिका’ में न्यायिक सड़ांध January 21, 2011 / December 16, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 1 Comment on ‘नो वन किल्ड जेसिका’ में न्यायिक सड़ांध डॉ. मनोज चतुर्वेदी यह भारत का दुर्भाग्य हैं कि जिस भारत की दुहायी वेदों, उपनिषदों तथा अन्य भारतीय ग्रंथों में जोश-खरोश के साथ गाया गया है और गाया जाता है। उस भारतीय समाज का यथार्थ क्या है? आजादी के साठ वर्षों में यहां की समाज व्यवस्था, राज्य व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था और न्याय व्यवस्था ने किस […] Read more » no one killed jessica नो वन किल्ड जेसिका
सिनेमा समान्तर सिनेमा के प्रभाव की तरह का एक नाटक ‘लाल देद’ January 15, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment प्रमोद कुमार बर्णवाल समान्तर सिनेमा की एक उल्लेखनीय विशेषता चीजों, घटनाओं, स्थितियों, परिस्थितियों, अवस्था और दशा को ठीक उसी तरह से प्रकट करना रहा है जैसा कि वह है। कई बार फिल्मकार कहानी की मांग कहकर वह सब पर्दे पर प्रदर्शित करते रहे हैं जिसका यथार्थ से संबंध नहीं रहा है। फिल्मकारों का आरोप रहा […] Read more » Movie लाल देद सिनेमा
संगीत ठेठ गंवई लोकचेतना का पुरोधा नहीं रहा January 11, 2011 / December 16, 2011 by शिवानंद द्विवेदी | Leave a Comment शिवानन्द द्विवेदी भोजपुरी संगीत का एक बुलंद आवाज अब हमेशा के लिए थम गया। भोजपुरी की इस अपूरणीय क्षति से समूचा भोजपुरी समाज स्तब्ध है। बालेस्सर यादव सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक ख़ास पहचान भी है क्योंकि भोजपुरी की वो ठेंठ गंवई तान जो बालेस्सर यादव में थी, शायद ही अन्यत्र कहीं मिले। मैं […] Read more » Singer लोकगायक बालेसर
खेल जगत तुम्हारी भी जय जय हमारी भी जय जय January 8, 2011 / December 16, 2011 by ए.एन. शिबली | Leave a Comment ए एन शिबली महेंदर सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम जब दक्षिण अफ्रीका के दौरा पर जा रही थी तो हर किसी ने यही कहा था कि यह दौरा धोनी के लिए एक बहुत बड़ा चैलेंज है और देखना यह है कि धोनी भी दूसरे कप्तानों की तरह ही दक्षिण अफ्रीका में फ्लॉप […] Read more » Game
सिनेमा ‘तीस मार खान’ में चोरी-डकैती January 5, 2011 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी दर्शकों को अभी कुछ ही माह पूर्व फिल्म ‘दबंग’ देखने का अवसर मिला था। उस फिल्म में ‘लवंडा बदनाम हुआ’ के तर्ज पर ‘मुन्नी बदनाम हुयी’ गाना सुनने को मिला। ठीक इसी प्रकार फिल्म ‘तीस मार खान’ में ‘शीला की जवानी’ गाना ने अश्लीलता को किस ढंग से चित्रित किया है। इसे […] Read more » Tees maar khan तीस मार खान
सिनेमा ‘इसी लाइफ में’ मौज-मस्ती January 5, 2011 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी कॉलेज लाइफ पर बनने वाली फिल्मों में ‘स्टाइल’, ‘मुहब्बतें’, ‘हासिल’, ‘इश्क-विश्क’ और ‘थ्री इडियट्स’ जिसमें किस प्रकार युवा पीढ़ी सामंती मूल्यों से ग्रसित होकर छात्र राजनीति करती हैं तथा सहशिक्षा का किस प्रकार युवकों-युवतियाें पर प्रभाव पड़ता है। युवक-युवतियां कॅरियर को छोड़कर सेक्स, शराब, मस्ती तथा राजनीति (हुड़दंगी) करने लगते हैं। ऐसी […] Read more » Mauj masti इसी लाइफ में
सिनेमा ‘बॉम्बे टू इंडिया’ में क्षेत्रीयता की बू January 5, 2011 / December 18, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी क्षेत्रीयता, जातिवाद, भाषावाद और संकिर्ण राष्ट्रीयता एक ऐसे विषय हैं जो मानवता को कलंकित करते हैं। यह इसलिए संभव हो सका है कि समाजद्रोहियों को समाज ही सिर पर चढ़ा लेता है और वे समाज के नेता/मार्ग दर्शक बन जाते हैं। देश के भिन्न-भिन्न भागों में प्रांतवाद की जो लौ समय-समय पर […] Read more » Bombay to India बॉम्बे टू इंडिया
खेल जगत 2010 में छाए रहे सचिन, सानिया, साइना, सुशील और सोमदेव December 29, 2010 / December 18, 2011 by ए.एन. शिबली | Leave a Comment ए एन शिबली बीता साल 2010 कुल मिला कर देखें तो खेलों की दुनिया में भारत के लिए अच्छा रहा। जहां वायक्तिगत तौर पर कई खिलाड़ियों ने विश्व स्तर पर भारत का नाम रोशन किया वहीं राष्ट्रमंडल खेलों का शानदार आयोजन कर भारत ने यह साबित किया की उसमें भी खेलों के बड़े बड़े आयोजन […] Read more » Saniya सचिन साइना सानिया सुशील सोमदेव
खेल जगत कबड्डी में स्वर्ण पदक December 27, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment नरेन्द्र देवांगन जब से एशियाई खेलों में कबड्डी खेल को शामिल किया गया है, हम कबड्डी का स्वर्ण पदक जीतते आ रहे हैं। पुरूष कबड्डी टीम ने एशियाड 2010 में छठवीं बार स्वर्ण पदक जीता। इस तरह एशियाई खेलों में कबड्डी में भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार स्वर्ण पदक जीतने का रिकार्ड बनाकर अपनी बादशाहत कायम […] Read more » Kabbadi कबड्डी