स्वास्थ्य-योग मानसिक अवसाद – मनस्थिति या रोग June 21, 2020 / June 21, 2020 by मनोज यादव | Leave a Comment हाल के दिनों में बहुचर्चित सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या ने पुनः इस मुद्दे को एक बार फिर से आंदोलित किया है। उनके जीवन के अंतिम दिनों की रिपोर्टों के अनुसार यह तथ्य उजागर हुएं हैं कि वो इन दिनों लंबे समय से मानसिक अवसाद से ग्रस्त थे और मनोचिकित्सक से अपना इलाज करा रहे […] Read more » Mental depression मानसिक अवसाद
स्वास्थ्य-योग योग अपनाएं, रोग भगाएं June 21, 2020 / June 21, 2020 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर विशेष – योगेश कुमार गोयल कोरोना महामारी की छाया इस बार योग दिवस पर भी देखने को मिलेगी। कोरोना के कारण योग दिवस पर इस बार कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा और इसकी थीम रखी गई है ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’। आयुष मंत्रालय के मुताबिक […] Read more » Adopt yoga अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून योग अपनाएं
स्वास्थ्य-योग योग मनुष्य को संयम और मानसिक शान्ति प्रदान करता है June 21, 2020 / June 21, 2020 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ 21 जून 2020 पर विशेष) हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में षष्ठम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योग दिवस का एक अपना ही अलग महत्त्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से ही अहम स्थान है। पतंजली योग दर्शन में कहा गया है कि- योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता है ही इसके साथ-साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नये-नये सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो कि मनुष्य को गलत प्रवृति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता को बाहर निकालकर फेंक देता है। साथ-साथ योग से मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता खत्म होती है। योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है। योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योग हमारी आत्मा को भी शुध्द करता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाते तो योग जीवन जीने का माध्यम है। श्रीमद्भागवत गीता में कई प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। इस मे योग के तीन प्रमुख प्रकारों के बारे में बताया गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है। कर्म योग- कार्य करने का योग है। इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग- भक्ति का योग। भगवान् के प्रति भक्ति । इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है। और ज्ञान योग- ज्ञान का योग अर्थात ज्ञान अर्जित करने का योग। भगवत गीता के छठे अध्याय में बताये गए सभी योग जीवन का आधार हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवद्गीता में योग के बारे में बताया गया है कि – सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते। अर्थात् दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है। दुसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख-दुःख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितिओं में सामान आचरण की शक्ति प्रदान करता है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योग करता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है। और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है। 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की जोरदार पैरवी की थी। इस प्रस्ताव में उन्होंने 21 जून को ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’’ के रूप में मान्यता दिए जाने की बात कही थी। मोदी की इस पहल का 177 देशों ने समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में इस आशय के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। और 11 दिसम्बर 2014 को को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया और पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में योग किया जो कि एक रिकॉर्ड था। योग दिवस में ‘सूर्य नमस्कार’ व ‘ओम’ उच्चारण का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध करते रहे हैं। असल में कहा जाए तो ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। इसे विवाद में तब्दील करना दुर्भागयपूर्ण है। लेकिन इसे हर किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता। इसलिए योग करते समय लोगों को ‘ओम’ उच्चारण को अपनी धार्मिक मान्यता की आजादी के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी का धर्म ओम उच्चारण की आजादी नहीं देता तो उन्हें बिना ओम जाप के योग करना चाहिए। लेकिन योग को किसी एक धर्म से जोडकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। आज के समय में योग को भारत के जन-जन तक योग को पहुँचाने में योग गुरु बाबा रामदेव, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर सहित अनेकों ऐसे महापुरुषों का अहम् योगदान है। इनके योग के क्षेत्र में योगदान की वजह से ही आज भारत के घर-घर में प्रतिदिन योग होता है। भगवद्गीता के अनुसार – तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम। अर्थात् कर्त्व्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है। योग को सभी लोगों को सकारात्मक भाव से लेना चाहिए। कोई भी धर्म-सम्प्रदाय योग की मनाही नहीं करता। इसलिए लोगों को योग को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। योग बुध्दि कुशग्र बनाता है और संयम बरतने की शक्ति देता है। योग की जितनी धार्मिक मान्यता है। उतना ही योग स्वस्थ्य शरीर के लिए जरूरी है। योग से शरीर तो स्वस्थ्य रहता है ही साथ ही साथ योग चिंता के भाव को कम करता है। और मनोबल भी मजबूत करता है। योग मानसिक शान्ति प्रदान करता है और जीवन के प्रति उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। योग मनुष्य में सकारात्मकता तो बढाता है ही, साथ ही साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है। इसलिए लोगों को इस तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए योग करना चाहिए। और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। – ब्रह्मानंद राजपूत Read more » International Yoga Diwas अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योगश्चित्तवृत्त निरोधः
स्वास्थ्य-योग योगः कर्मसु कौशलम् June 21, 2020 / June 21, 2020 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक आज योग दिवस है। इस दिवस को समूचा विश्व तन्मयता से मना रहा है। चूंकि योग के विज्ञान की उत्पत्ति भारत में ही हुई और हम गर्व से कह सकते हैं कि योग भारत की ही देन है। भारतीय ग्रंथों में योग परंपरा का विस्तृत उल्लेख है। योग विद्या में भगवान शिव को […] Read more » international yoga day yoga diwas Yoga: Karmasu Kaushalam
लेख स्वास्थ्य-योग कोरोना प्रकोप से योग की स्वीकार्यता बढ़ी June 19, 2020 / June 19, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून, 2020 पर विशेष– ललित गर्ग –भारतीय योग एवं ध्यान के माध्यम से भारत दुनिया में गुरु का दर्जा एवं एक अनूठी पहचान हासिल करने में सफल हो रहा है। इसीलिये समूची दुनिया के लिये अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस स्वीकार्य हुआ है। इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सूझबूझ एवं प्रयासों से अपूर्व […] Read more » Corona outbreak increased acceptance of yoga अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कोरोना प्रकोप
स्वास्थ्य-योग कारावास नहीं है क्वारंटाइन सेंटर June 18, 2020 / June 18, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment फौजिया रहमान खान कोरोना संक्रमण का खौफ लोगों पर इस कदर हावी है कि दूसरे राज्यों से आने वाले अपने सगे संबंधियों से भी लोगों ने दूरियां बनानी शुरू कर दी है। प्रवासियों का नाम सुनते ही मन मे कई तरह के नकारात्मक विचार आने लगते हैं। एक तरफ जहां लोगों में प्रवासियों को लेकर […] Read more » क्वारंटाइन सेंटर
स्वास्थ्य-योग कोरोना की व्याधि: योग की आंधी June 18, 2020 / June 18, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस-21 जून, 2020 पर विशेष ललित गर्ग – योग की एक किरण ही काफी है भीतर का तम हरने के लिये, दुनिया में अमन एवं शांति स्थापित करने के लिये। शर्त एक ही है कि उस किरण को पहचानने वाली दृष्टि और दृष्टि के अनुरूप पुरुषार्थ का योग हो। भारतभूमि अनादिकाल से योग […] Read more » the storm of yoga कोरोना की व्याधि योग की आंधी
स्वास्थ्य-योग आत्मीयता की अनुभूति है योग June 18, 2020 / June 18, 2020 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment योग एक आध्यात्मिक प्रकिया हैं |योग शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में बांधती है।योग जीवन जीने की कला है|योग दर्शन है|योग स्व के साथ अनुभूति है|योग से स्वाभिमान और स्वतंत्रता का बोध होता है |योग मनुष्य व प्रकृति के बीच सेतु का कार्य करती है|योग मानव जीवन में परिपूर्ण सामंजस्य का द्योतक है|योग […] Read more » Yog Yoga is the feeling of intimacy आत्मीयता की अनुभूति आत्मीयता की अनुभूति है योग
विश्ववार्ता स्वास्थ्य-योग कोरोनावायरस के लिए होम्योपैथिक उपचार प्रोटोकॉल June 17, 2020 / June 17, 2020 by डॉ नील रतन अग्रवाल | Leave a Comment डॉक्टर नील रतन अग्रवाल हम जिस रोगज़नक़ की चर्चा कर रहे हैं, उसे SARS-Cov-2 के नाम से जाना जाता है। इस संक्रमण को कोविद-19 (COVID-19) के नाम से जाना जाता है। वायरस जो इसका कारण बनता है उसे कोरोनावायरस के रूप में जाना जाता है। कोरोनावीरस पॉजिटिव स्ट्रन्डेड् एन्वेलोपेड् आरएनए (positive stranded RNA) वायरस होते […] Read more » homeopathic treatment for Corona Homeopathic treatment protocol for coronavirus कोरोनावायरस के लिए होम्योपैथिक उपचार प्रोटोकॉल
स्वास्थ्य-योग डरिये मत, हर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होता। June 9, 2020 / June 9, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment 8 जून विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस —डॉo सत्यवान सौरभ, विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस प्रतिवर्ष ‘8 जून’ को मनाया जाता है। विश्व भर में हर दिन एक लाख में से दस लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं। ‘विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस’ वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को सबसे पहले […] Read more » brain tumor ब्रेन ट्यूमर ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं
स्वास्थ्य-योग तम्बाकू सेवन से होती है 38 लाख की मौत May 30, 2020 / May 30, 2020 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल भारत में नशा लोगों की नसों में घूसा है। तम्बाकू के शौकीन काफी संख्या में पाए जाते हैं। लॉकडाउन में तम्बाकू पर प्रतिबंध होने के बाद भी लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। बजार से कई गुना अधिक दाम चुका कर तम्बाकू का सेवन […] Read more » 38 lakh deaths due to tobacco consumption Tobacco consumption तम्बाकू सेवन
आर्थिकी विश्ववार्ता स्वास्थ्य-योग जीवन चलाने के लिए जीवन को ही दांव पर लगा दिया गया। May 25, 2020 / May 25, 2020 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment विज्ञान के दम पर विकास की कीमत वैसे तो मानव वायु और जल जैसे जीवनदायिनी एवं अमृतमयी प्राकृतिक संसाधनों के दूषित होने के रूप में चुका ही रहा था किंतु यही विज्ञान उसे कोरोना नामक महामारी भी भेंट स्वरूप देगा इसकी तो उसने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की होगी। अब जब मानव प्रयोगशाला का यह जानलेवा उपहार […] Read more » असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के आय के स्रोत बन्द कोरोना गिरती अर्थव्यवस्था बेरोजगारी मानव निर्मित ह्यूमन फ्रेंडली वायरस लॉक डाउन