महिला-जगत लेख स्वास्थ्य-योग महिलाओं में अनियमित माहवारी से मंडराया डायबिटीज का खतरा August 11, 2023 / August 11, 2023 by डॉ. सीमा अग्रवाल | Leave a Comment भारत को दुनिया की डायबिटीज कैपिटल कहा जाता है। दुनियाभर में मधुमेह के जो मरीज हैं, उसमें से 17 % अकेले भारत में हैं। यूनाइटेड किंगडम के जनरल लैसेंट में प्रकाशित ICMR के अध्ययन के अनुसार 2019 में भारत में 70 मिलियन लोग मधुमेह से ग्रसित थे। माना जा रहा है कि जल्द ही ये […] Read more »
लेख स्वास्थ्य-योग 2025 तक आसान नहीं भारत को टीबी मुक्त देश बनाना August 7, 2023 / August 7, 2023 by डॉ. सीमा अग्रवाल | Leave a Comment डायबिटीज मुक्त होने पर टीबी फ्री बनेगा इंडिया विशेषज्ञों के अनुसार टीबी और मधुमेह बेशक बिल्कुल दो अलग तरह की बीमारी हैं। टीबी जीवाणु जनित संक्रामक रोग हे। मधुमेह एक गैर संचारी उपापचय क्रियाओं से जुड़ा रोग हे। लेकिन इनका आपसी रिश्ता काफी गहरा और जटिल है। टीबी के मरीज में डायबिटीज और डायबिटीज के […] Read more » It is not easy to make India a TB free country by 2025
लेख स्वास्थ्य-योग सावधानी ही ‘आई फ्लू’ के संक्रमण से बचा सकती है August 2, 2023 / August 2, 2023 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment हरीश कुमारपुंछ, जम्मू बारिश की वजह से देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति ने हालात को पटरी से उतार दिया है. नदियां-नाले सब उफान पर थे. मानसून ने इस बार भारत में थोड़ी जल्दी दस्तक दे दी है. राजधानी दिल्ली भी बाढ़ जैसी आपदा से बच नहीं सकी. कुछ राज्यों में हालत बेहतर […] Read more »
खान-पान लेख स्वास्थ्य-योग पीली सरसों का तेल दिलाएगा बीमारियों से निजात July 27, 2023 / July 27, 2023 by डॉ. मनोज मुरारका | Leave a Comment – प्राचीन काल से ही भारत में सरसों को एक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में सरसों, उसके पत्तों और तेल के उपयोग से बने कई नुस्खे हैं। 16वीं शताब्दी के ग्रंथ आइन-ए-अकबरी में रोहिलखंड साम्राज्य में भी सरसों का उल्लेख है। प्राचीन मिस्र के मकबरों में सरसों के बीज विदाई की […] Read more » Yellow mustard oil will get rid of diseases
लेख स्वास्थ्य-योग 27 सालों में दोगुने हो जाएंगे डायबिटीज के रोगी July 22, 2023 / July 22, 2023 by अमित बैजनाथ गर्ग | Leave a Comment – भारत में तेजी से बढ़ते गैर-संक्रामक रोगों को रोकने के लिए तत्काल आधार पर राज्य-केंद्रित नीतियों और हस्तक्षेपों की जरूरत है। जिस गति से मधुमेह के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, वह चिंताजनक होने के साथ प्रत्येक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए चुनौतीपूर्ण भी है। बैजनाथ गर्ग, वरिष्ठ पत्रकारसाल 2050 तक दुनियाभर […] Read more » Diabetes patients will double in 27 years
लेख स्वास्थ्य-योग टीबी के साथ दिव्यांगता सहित अन्य बीमारियों का खतरा July 22, 2023 / July 22, 2023 by अमित बैजनाथ गर्ग | Leave a Comment – टीबी के मरीजों की लंबे समय तक सही देखभाल जरूरी है। ऐसा न होने पर टीबी के दोबारा होने की संभावना बढ़ने के साथ ही डिसेबिलिटी, मौत या अन्य बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है। टीबी का इलाज होने के बाद भी मरीज को फॉलोअप करना जरूरी है।अमित बैजनाथ गर्ग, वरिष्ठ पत्रकाररिसोर्स […] Read more »
लेख स्वास्थ्य-योग सिकल सेल के खिलाफ शंखनाद July 1, 2023 / July 1, 2023 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमारमध्यप्रदेश सहित कुछ राज्यों में निकट भविष्य में चुनाव होने वाले हैं और राज्य सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए खजाने का मुंह खोले बैठी है लेकिन इससे इतर एक यज्ञ के रूप में जिस देशव्यापी अभियान की शुरूआत मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है, वह चुनाव नहीं बल्कि […] Read more » सिकल सेल
लेख स्वास्थ्य-योग 27 सालों में दोगुने हो जाएंगे डायबिटीज के रोगी July 1, 2023 / July 1, 2023 by अमित राजपूत | Leave a Comment Read more »
लेख स्वास्थ्य-योग योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, जीवन हेल्दी और खुशहाल बनाएं June 21, 2023 / June 21, 2023 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment व्यस्तता के बीच हमारी जिंदगी में तनाव बढ़ता जा रहा है जो हमारे ब्रेनऔर बॉडी दोनों पर नकारात्मक असर डाल रहा है। ऐसे में शरीर को हेल्दी रखनेऔर तनाव दूर करने के लिए योग बेहद जरूरी है। योग शरीर में ऊर्जा का संचारकरता है और इसे स्वस्थ रखने में मदद करता है। शारीरिक और मानसिकस्वास्थ्य […] Read more » make life healthy and happy Make yoga a part of routine
लेख स्वास्थ्य-योग योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है June 21, 2023 / June 21, 2023 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ 21 जून 2023 पर विशेष) हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस साल पूरे विश्व में नौवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। भारत देश में योग दिवस का एक अपना ही अलग महत्व है। योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से ही अहम स्थान है। पतंजलि योग दर्शन में कहा गया है कि- योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ रखता है ही इसके साथ-साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नये-नये सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो कि मनुष्य को गलत प्रवृत्ति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता को बाहर निकालकर फेंक देता है। साथ-साथ योग से मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता खत्म होती है। योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है। योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योग हमारी आत्मा को भी शुद्ध करता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाते तो योग जीवन जीने का माध्यम है। श्रीमद्भागवत गीता में कई प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। इस मे योग के तीन प्रमुख प्रकारों के बारे में बताया गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है। कर्म योग- कार्य करने का योग है। इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग- भक्ति का योग। भगवान् के प्रति भक्ति । इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है। और ज्ञान योग- ज्ञान का योग अर्थात ज्ञान अर्जित करने का योग। भगवत गीता के छठे अध्याय में बताये गए सभी योग जीवन का आधार हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवद्गीता में योग के बारे में बताया गया है कि – सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते। अर्थात् दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है। दुसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख-दुःख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितियों में सामान आचरण की शक्ति प्रदान करता है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योग करता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है। और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है। 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की जोरदार पैरवी की थी। इस प्रस्ताव में उन्होंने 21 जून को ‘‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’’ के रूप में मान्यता दिए जाने की बात कही थी। मोदी की इस पहल का 177 देशों ने समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में इस आशय के प्रस्ताव को लगभग सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। और 11 दिसम्बर 2014 को को संयुक्त राष्ट्र में 193 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया और पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में योग किया जो कि एक रिकॉर्ड था। योग दिवस में ‘सूर्य नमस्कार’ व ‘ओम’ उच्चारण का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध करते रहे हैं। असल में कहा जाए तो ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। इसे विवाद में तब्दील करना दुर्भागयपूर्ण है। लेकिन इसे हर किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता। इसलिए योग करते समय लोगों को ‘ओम’ उच्चारण को अपनी धार्मिक मान्यता की आजादी के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी का धर्म ओम उच्चारण की आजादी नहीं देता तो उन्हें बिना ओम जाप के योग करना चाहिए। लेकिन योग को किसी एक धर्म से जोडकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। आज के समय में योग को भारत के जन-जन तक योग को पहुँचाने में योग गुरु बाबा रामदेव, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर सहित अनेकों ऐसे महापुरुषों का अहम् योगदान है। इनके योग के क्षेत्र में योगदान की वजह से ही आज भारत के घर-घर में प्रतिदिन योग होता है। भगवद्गीता के अनुसार – तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम। अर्थात् कर्त्व्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है। योग को सभी लोगों को सकारात्मक भाव से लेना चाहिए। कोई भी धर्म-सम्प्रदाय योग की मनाही नहीं करता। इसलिए लोगों को योग को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। योग बुध्दि कुशग्र बनाता है और संयम बरतने की शक्ति देता है। योग की जितनी धार्मिक मान्यता है। उतना ही योग स्वस्थ्य शरीर के लिए जरूरी है। योग से शरीर तो स्वस्थ्य रहता है ही साथ ही साथ योग चिंता के भाव को कम करता है। और मनोबल भी मजबूत करता है। योग मानसिक शान्ति प्रदान करता है और जीवन के प्रति उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। योग मनुष्य में सकारात्मकता तो बढाता है ही, साथ ही साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है। इसलिए लोगों को इस तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए योग करना चाहिए। और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। – ब्रह्मानंद राजपूत Read more » अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’’ 21 जून
लेख स्वास्थ्य-योग विश्व को भारत की देन है योग : करे योग रहे निरोग June 20, 2023 / June 20, 2023 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून पर विशेष -डॉ. सौरभ मालवीय भारतीय संस्कृति में योग का महत्त्वपूर्ण स्थान है। योग शब्द संस्कृत के युज से बना है। युज का अर्थ है शारीरिक एवं मानसिक शक्तियों को एकत्रित करना। योग साधक को उसकी आत्मा से जोड़ता है। योग के द्वारा साधक अपनी मानसिक एवं शारीरिक शक्तियों को […] Read more » Yoga is India's gift to the world
लेख स्वास्थ्य-योग अयोग्य को योग्य बनाता है योग June 20, 2023 / June 20, 2023 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह अयोग्य वह है जो असंतुलित है। असंतुलन आलस्य की निशानी है। आलसी व्यक्ति असंतुलित होता है। अयोग्य व्यक्ति किसी भी कार्य के लिए अनुपयुक्त होता है। योग आलस्य और प्रमाद को दूर कर व्यक्ति को संतुलित करता है। संतुलन कर्मठता की निशानी है। कर्मठ व्यक्ति संतुलित होता है। योग्य व्यक्ति किसी […] Read more » yoga makes the unfit fit