पुस्तक समीक्षा साहित्य शिकारी का अधिकार – (व्यंग्य संग्रह) आरिफा एविस July 22, 2016 by बी एन गोयल | 3 Comments on शिकारी का अधिकार – (व्यंग्य संग्रह) आरिफा एविस समीक्षा – बी एन गोयल एक प्रसिद्ध दोहा है – शब्द सम्हारे बोलिए शब्द के हाथ न पांव एक शब्द करे औषधि एक शब्द करे घाव , इस दोहे में एक सलाह दी गयी है कि जब भी कुछ बोलो नाप तोल कर बोलो. सोच समझ कर बोलो. यह सलाह यद्यपि सब के लिए हैं […] Read more » शिकारी का अधिकार
पुस्तक समीक्षा साहित्य व्यंग्य नव लेखन में ऊँचे दर्जे का अधिकार : शिकारी का अधिकार June 1, 2016 by आरिफा एविस | 1 Comment on व्यंग्य नव लेखन में ऊँचे दर्जे का अधिकार : शिकारी का अधिकार समीक्षक : वरिष्ठ व्यंग्यकार सुरेशकांत पिछले दिनों आयोजित तीन दिवसीय ‘व्यंग्य की महापंचायत’ में कई अनोखी बातें हुईं। पहली तो यही कि बन्दा ‘अट्टहास’ के प्रोग्राम में पहली बार शामिल हुआ । व्यंग्य में गाली-गलौज के प्रयोग और सपाटबयानी पर मेरे विचारों से सभी अवगत हैं, क्योंकि मैं इन पर बहुत कह और लिख चुका […] Read more » शिकारी का अधिकार
पुस्तक समीक्षा साहित्य दुश्वारियों में यह जो मीडिया है June 1, 2016 by अमित राजपूत | Leave a Comment अमित राजपूत “जितनी तेज़ी से मीडिया के विविध आयाम विस्तार ले रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से उस पर से विश्वास हटने की बात भी सामने आ रही है। ‘कॉरपोरेटिव मीडिया’ नाम की नई खेप हमारे संग है तो ‘ख़बरों’ को ग़ायब करके ‘बहस दर बहस’ करते जाने का मुद्दा भी ज़ोरदार ढंग से उठाया […] Read more »
पुस्तक समीक्षा साहित्य सिंहस्थ की सनातन परंपरा और अमृत की एक बूंद सी – ‘सिंहस्थ” May 30, 2016 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment समीक्षक – डॉ. विकास दवे सिद्धार्थ शंकर गौतम की पुस्तक सिंहस्थ हाथों में है। ‘प्रभात प्रकाशन” की अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाह करती-सी यह पुस्तक भी एक ही दृष्टि में अपने भौतिक कलेवर से मन मोह लेती है। आकर्षक आवरण सर्वप्रथम आकर्षित करता है। तत्पश्चात् हमारे समक्ष परत दर परत खुलने लगती है विश्व के […] Read more » अमृत की एक बूंद सी सिंहस्थ की सनातन परंपरा
पुस्तक समीक्षा साहित्य पांचो नौबत बाजती –(समीक्षा) March 30, 2016 / March 30, 2016 by बी एन गोयल | 2 Comments on पांचो नौबत बाजती –(समीक्षा) बी एन गोयल कल्पना कीजिये- कल्पना क्यों – ये दो वास्तविक प्रकरण हैं. मंच पर कुमार गन्धर्व का गायन चल रहा है – ….उड़ जायेगा ……हंस अकेला ……..भक्ति की रस धार बह रही है, गायक के स्वर सीधे ब्रह्म से जुड़े हैं श्रोता वर्ग मंत्र मुग्ध है, आँखें बंद हैं, कुछ मुंडियां हिल रही […] Read more » पांचो नौबत बाजती
पुस्तक समीक्षा प्रवक्ता न्यूज़ समाज साहित्य ऊँटेश्वरी माता का महंत March 26, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ऊँटेश्वरी माता का महंत मदर टैरेसा पर उठा विवाद अभी थमा भी नही है कि एक ईसाई संगठन से जुड़े कैथोलिक विश्वासी पी.बी.लोमियों की हालही में आई पुस्तक ‘‘ ऊँटेश्वरी माता का महंत” ने ईसाई समाज के अंदर चर्च की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल उठा दिये है। “ऊँटेश्वरी माता का महंत” र्शीषक से लिखी गई यह पुस्तक एक […] Read more » ईसाई समाज के अंदर चर्च की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल ऊँटेश्वरी माता का महंत” पी.बी.लोमियों मदर टैरेसा पर उठा विवाद अभी थमा भी नही है कि एक ईसाई संगठ कैथोलिक विश्वासी
पुस्तक समीक्षा पुराने दिनों के गायब होते लोगों के किस्से October 23, 2013 by संजय पराते | Leave a Comment संजय पराते हिन्दी-साहित्य पाठकों के लिए राजेश जोशी जाना-पहचाना नाम है। वे एक साथ ही कवि-कहानीकार-आलोचक-अनुवादक-संपादक सब कुछ हैं। हाल ही में उनकी रचना ‘कि़स्सा कोताह’ (राजकमल प्रकाशन) सामने आयी है। राजेश जोशी के ही अनुसार, न यह आत्मकथा है और न उपन्यास। यह एक गप्पी का रोज़नामचा भर है- जो न कहानी है और […] Read more » किस्सा कोताह
पुस्तक समीक्षा अन्तर-पथ – एक समीक्षा July 5, 2013 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment बिपिन किशोर सिन्हा ‘अन्तर-पथ’ एक कविता संग्रह है जिसे शब्द-भाव दिए हैं, डा. रचना शर्मा ने और प्रकाशित किया है पिलग्रिम्स पब्लिशिंग, वाराणसी ने। सामान्यतः पिलग्रिम्स पब्लिशिंग नए साहित्यकारों की रचनाएं कम ही छापता है। परन्तु डा. रचना शर्मा का यह काव्य-संग्रह प्रकाशित करके, प्रकाशक ने अपनी पुरानी छवि तोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है। […] Read more »
पुस्तक समीक्षा मातृसत्ताक समाज और ‘वोल्गा से गंगा’– सारदा बनर्जी January 2, 2013 by सारदा बनर्जी | Leave a Comment राहुल सांकृत्यायन की कृति ‘वोल्गा से गंगा’ मातृसत्ताक समाज में स्त्री वर्चस्व और स्त्री सम्मान को व्यक्त करने वाली बेजोड़ रचना है। इस रचना में यदि स्त्रियों के ओवरऑल पर्फ़र्मेंस और प्रकृति पर नज़र दौराया जाए तो पता चलता है कि मातृसत्ताक समाज में स्त्री कितनी उन्मुक्त, आत्मनिर्भर और स्वच्छंद थीं। स्त्री किसी की संपत्ति […] Read more »
पुस्तक समीक्षा प्रवक्ता न्यूज़ चर्च में दलित र्इसाइयों के शोषण का आर्इना है उपन्यास ‘बुधिया……. July 23, 2012 / July 23, 2012 by आर.एल. फ्रांसिस | Leave a Comment झांसी:- नगर के जनवादी लेखक पीबी लोमियो के उपन्यास ‘बुधिया एक सत्यकथा का विमोचन राजकीय संग्रहालय सभागार में एससी कुल्हारे के मुख्य आतिथ्य व वरिष्ठ स्तम्बकार दिनेश बैस की अध्यक्ष्ता में हुआ। पुअर क्रिशिचयन लिबरेशन मूवमेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर एल फ्रांसिस व वरिष्ठ पत्रकार रमेश चौबे कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि रहे। एससी कुल्हारे ने […] Read more » book budhiya उपन्यास 'बुधिया
जन-जागरण पुस्तक समीक्षा छल-कपट और कुटिलता से होता है – धर्मांतरण June 20, 2012 / June 20, 2012 by आर.एल. फ्रांसिस | Leave a Comment आर.एल.फ्रांसिस धर्मांतरण को लेकर चर्च के पादरी हमेशा सर्तक रहते है जब भी उन पर धोखाधड़ी या लालच देकर धर्मांतरण करवाने के आरोप लगते है तो वे इसे सिरे से खारिज कर देते है। आरोप लगाने वालो से प्रमाण पेश करने को कहा जाता है। झांसी निवासी कैथोलिक र्इसार्इ विचारक पी.बी. लोमियों द्वारा लिखित […] Read more » religious conversion धर्मांतरण
पुस्तक समीक्षा रोम-रोम में बसे हैं प्रभु राम June 12, 2012 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह राजपूत रामकथा आदर्श जीवन की संपूर्ण गाइड है। राम भारतवर्ष के प्राण हैं। वे भारत के रोम-रोम में बसे हैं। यही कारण है कि उनका अनादर देश बर्दाश्त नहीं कर सकता। ‘मेरे राम मेरी रामकथा’ लिखने से पूर्व प्रख्यात लेखक नरेन्द्र कोहली राम चरित्र पर एक वृह्द उपन्यास लिख चुके हैं, जिसे खूब […] Read more » नरेंद्र कोहली मेरे राम मेरी रामकथा