कहानी कहानी ; मैं जिंदा हूं March 7, 2012 / March 7, 2012 by राजकुमार सोनी | Leave a Comment – राजकुमार सोनी बचपनसे शायद जब मैं 7-8 साल की रही हूंगी तब से ही अछूत थी। मुझे छूने सेलोगों में वायरस फैल जाता था। वायरस भी कोई साधारण नहीं बहुत भयानक था।इसलिए लोग मुझसे ज्यादा बात नहीं करते थे। वैसे तो हम दो बहनें और एक भाईथा। भाई हम दोनों बहनों के बीच में […] Read more » stories Story कहानी मैं जिंदा हूं
कहानी एक कदम जिंदगी की ओर March 6, 2012 / March 6, 2012 by राजकुमार सोनी | Leave a Comment राजकुमार सोनी बहुत दिनों से मेरी कलम शांत थी कोई विषय नहीं मिल रहा था मन बैचेन हुआ तो ऐसे ही गार्डन की ओर चल पड़ी। आज शनिवार था और बच्चों की स्कूल की छुट्टी थी। इसलिए आज उनकी टीचर सुबह ही आने वाली थी। तब तक मैंने सोचा दोनों बच्चों के लिए उनकी पसंद […] Read more » कहानी-एक कदम जिंदगी की ओर
कहानी हीरा मंडी March 5, 2012 by राजकुमार सोनी | Leave a Comment राजकुमार सोनी आज बाजार में बहुत चहल-पहल है, गाना बजाना रास्ते भर औरतें सज-संवरकर खड़ी थीं और क्यों न हों, आज पूरा बाजार ग्राहकों से भरा पड़ा था। कजरी बाई का कोठा सबसे ज्यादा गुलजार था, क्योंकि उस बाजार की दो हुस्न परियां उसके कोठे की शान थीं- शानो और मलिका। इस बाजार में बड़े-बड़े […] Read more » हीरा मंडी
कहानी तूफान March 2, 2012 / March 2, 2012 by आर. सिंह | Leave a Comment आर सिंह दो दिनों से लगातार घोषणा हो रही थी कि लॉस एंजेलस में भयंकर तूफ़ान आने की संभावना है.बार बार चेतावनियाँ भी दी जा रही थी.यह भी बताया जा रहा था कि इस तूफ़ान में वायु की गति प्रति घंटे सत्तर मील से अधिक हो सकती है.रश्मि विधिवत अपने नित्य के कार्यों में लगी […] Read more » story by R.Singh
कहानी कहानी/ कैकेई का अंतर्द्वंद्व February 7, 2012 / February 9, 2012 by आर. सिंह | Leave a Comment आर. सिंह आज कैकेई बहुत प्रसन्न थी.महाराज दशरथ ने उसे अपने साथ युद्ध में जाने की अनुमति दे दी थी. कैकेई भी अजीब नारी थी.कैकेय नरेश की वह लाडली शैशवाश्था से अस्त्र शस्त्रों से खेलने की अभ्यस्त हो गयी थी. ऐसे भी राजा की लाडली सुपुत्री होने के कारण उसे .गृह कार्य सीखने की कोई […] Read more » kaikaye ramayan कैकेई का अंतर्द्वंद्व
कहानी कैकेई का अंतर्द्वंद्व February 7, 2012 / February 7, 2012 by आर. सिंह | 2 Comments on कैकेई का अंतर्द्वंद्व आज कैकेई बहुत प्रसन्न थी।महाराज दशरथ ने उसे अपने साथ युद्ध में जाने की अनुमति दे दी थी। कैकेई भीअजीब नारी थी।कैकेय नरेश की वह लाडली शैशवस्था से अस्त्र शस्त्रों से खेलने की अभ्यस्त हो गयी थी। ऐसे भी राजा की लाडली सुपुत्री होने के कारण उसे ।गृह कार्य सीखने की कोई आवश्यकता थी नहीं।राजकुमारियाँ […] Read more » ramayan story of kaikaiye कैकेई का अंतर्द्वंद्व शैशवस्था
कहानी किसकी जीत किसकी हार? January 7, 2012 / January 7, 2012 by राम कृष्ण | 1 Comment on किसकी जीत किसकी हार? रामकृष्ण प्रदेश लोक संगठन (ज़ेड) के उपाध्यक्ष सुदामा पांडे के संबंध में यह जगज़ाहिर था कि उनका सम्पूर्ण परिवार ही नेताओं का है. प्रदेश के आधे से अधिक नेता या तो उनके संबंधी थे, या चेले. स्वयं घर में बड़ा लड़का रमेश देश के एक बहुत बड़े नेता का राजनीतिक सचिव था, छोटा पुत्र अविनाश […] Read more » story by Ram krishna किसकी जीत किसकी हार?
कहानी कहानी : वह विदेशी लड़की December 9, 2011 / December 9, 2011 by आर. सिंह | 2 Comments on कहानी : वह विदेशी लड़की आर. सिंह वह अचानक ही यहाँ मिल गयी थी. मैं अपने मित्र के साथ छुट्टियाँ बिताने सियाटल आया हुआ था मेरा मित्र सपत्निक यहाँ रहता था . मुझे अमेरिका आये हुए अधिक दिन नहीं हुए थे. पर मैं अमेरिका आने का प्रयत्न तो बहुत दिनों से कर रहा था.मेरा अमेरिका आने का स्वप्न तो और […] Read more » foreign girl विदेशी लड़की
कहानी आर. सिंह की कहानी / वर्दी November 17, 2011 / November 28, 2011 by आर. सिंह | 3 Comments on आर. सिंह की कहानी / वर्दी ये घोड़ों के टापों की आवाज ? ये हलचल सी और उसके साथ उठती हुई भयानक चीखें? ये गिरती हुई इमारत और उड़ती हुई धूल? ये सब आप क्या कह रहे हैं? मेरी समझ में तो कुछ भी नही आ रहा है? शाम का धुंधलका अभी पूरी तरह फैला नहीं था, पर पता नहीं आसमान […] Read more » story vardi
कहानी आखिर समस्या कहाँ हैं ? November 16, 2011 / November 28, 2011 by राजीव गुप्ता | 2 Comments on आखिर समस्या कहाँ हैं ? राजीव गुप्ता आज ऑफिस जाना कैंसिल….कितनी अच्छी बारिश हो रही है ….है न गीत ? नारायण ने अपनी पत्नी कम दोस्त ज्यादा , अर्धांग्नी गीत से बरामदे में लगे झूले पर झूलते हुए चाय की चुस्की के साथ पूछा ( सभी पात्र और नाम काल्पनिक हैं ) ! सही कह रहे हो….चलो आज मै भी छुट्टी मार लेती हूँ …. पता नहीं क्यों आज […] Read more » Where is the Problem? समस्या कहाँ हैं
कहानी लघुकथा / पुण्य October 27, 2011 / December 5, 2011 by अर्पित बंसल | Leave a Comment अर्पित बंसल दिन भर के अथक परिश्रम व बाबुओं की आवाज पर भागदौड करने के बाद जैसे ही ननकू ने अपनी साइकिल उठाई पीछे से आती एक आवाज ने उसके कदम रोक दिये ! “अरे ननकू जरा रुकना”, कार्यालय के सबसे बड़े अधिकारी वर्मा जी उसे अपनी मृदु आवाज मे रुकने का इशारा कर रहे […] Read more » fable लघुकथा
कहानी एक लोक कथा : आश्रय—पथ; पाथेय—दुःख October 14, 2011 / December 5, 2011 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा बहुत दिन हुए, दूर के एक देश से होकर कुछ वीर सैनिक अपने अपने घोडों पर सवार होकर चले जा रहे थे । उनकी राह एक घने जंगल से होकर थी, जहाँ उलझी लताएँ काफी घनी और मजबूत हुआ करती थी ; ये इस राह पर भटक गए लोगों की मांसपेशियों को चीर-चीर […] Read more » lok katha एक लोक कथा