मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है…गिरीश पंकज…
मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है, वरना इस महंगाई में तो रूखी-सूखी…
मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है, वरना इस महंगाई में तो रूखी-सूखी…
जिस दिन ऐसी दुनिया देखो, समझो तब सच्ची दीवाली. . हर चेहरा मुस्कान भरा हो,…
इरोम शर्मीला छानू…अब किसी परिचय की मोहताज नही है. वह पिछले आठ वर्षो से आमरण-अनशन…
रंग बदल जाते है धुप में, सुना था फीके पड़ जाते है, सुना था पर…
छोड़ दो थोड़ा-सा दूध थनों में
गायों के बच्चों के लिए
पेड़ में कुछ टहनियां छोड़ दो
नई कोपलों के आने के लिए
बांधो ना मुझे तुम बंधन में बांधो न मुझे तुम बंधन में, बंधन में मैं…
आसमान से एक पक्षी गिरा, फिर शुरू हुआ उसके जीवन का सिलसिला जब-जब वो उड़ना…
हम पराजित किस्म के लोग विजयादशमी मनाकर खुश होने का स्वांग भरते रहते हैं. बहुत-कुछ…
नवरात्र का महापर्व चल रहा है. देवी की आराधना हो रही है. स्त्री भी देवी…
रोकते क्यों हो रूक पाऊँगा इतनी शक्ति नहीं तुम मुझको रोको माँ के आँचल में…
एक पाती ऐसी हम लिखें, मां भारती के नाम हम लिखें, सो रहे हैं, लोग…
कल रात जब मैं सोया तो मैंने एक सपना देखा, जिसका जिक्र मै आपसे करने…