लेख वृद्ध आश्रमों की कारागार में पड़े ‘उग्रसेन’ और आज के कंस June 20, 2025 / June 25, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment पश्चिमी संस्कृति के घातक हमला ने भारत पर परमाणु बम से भी भयंकर प्रभाव डाला है। इस हमला के चलते भारत का सांस्कृतिक गौरव हमारे सामने भंग हो रहा है । मर्यादाएं टूट रही हैं । समाज में अब से पूर्व के प्रत्येक काल की अपेक्षा कहीं अधिक बेचैनी अनुभव की जा रही है। नारी […] Read more » वृद्ध आश्रम
लेख साहित्य एकात्म मानववाद का संदेशवाहक है योग June 20, 2025 / June 23, 2025 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह मानव का प्रकृति से अटूट सम्बन्ध होता है। समाज प्रकृति की व्यवस्था पर टिका हुआ है। प्रकृति व मानव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के बिना मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति दो शब्दों से मिलकर बनी है – प्र और कृति। प्र अर्थात प्रकृष्टि (श्रेष्ठ) और कृति […] Read more » एकात्म मानववाद योग
लेख स्वास्थ्य-योग आत्मा का परमात्मा से मिलन ही योग है June 20, 2025 / June 23, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यानी कि 21 जून 2025 को हम 11 वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रहें हैं। पाठकों को बताता चलूं कि योग शब्द का अर्थ ‘एक्य’ या ‘एकत्व’ होता है, जो संस्कृत धातु ‘युज’ से निर्मित है। युज का अर्थ होता है ‘जोड़ना’। यानी योग का सीधा सा […] Read more » Yoga is the union of the soul with the divine आत्मा का परमात्मा से मिलन ही योग है
लेख वे स्त्रियां June 12, 2025 / June 12, 2025 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल वे सिर्फ स्त्रियां हैंनहीं वे जीवन की चकबेनियांवे जब चलती हैं तो गढ़ती हैंएक परिवार, एक समाज और एक परिवेशवे समर्पित और संघर्षशील हैंघर, परिवार, बच्चे और पति के लिएवे नींद में जागती हैं और बुनती हैं सपनेवे गतिशील हैं कुम्भार की चाक जैसीउठ खड़ी होती हैं भोर के साथऔर चलती हैं चाँद […] Read more » वे स्त्रियां
लेख समाज पिता-पुत्र का रिश्ता बेजोड़ एवं विलक्षण है June 12, 2025 / June 12, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस- 15 जून, 2025– ललित गर्ग- भारतीय संस्कृति में पिता का स्थान आकाश से भी ऊंचा माना गया है, पिता की धर्म है, पिता ही संबल है, पिता ही ताकत है। पिता हर संतान के लिए एक प्रेरणा हैं, एक प्रकाश हैं और संवेदनाओं के पुंज हैं। इसके महत्व को दर्शाने और पिता […] Read more » अंतर्राष्ट्रीय पिता दिवस
लेख समाज मुद्दा: वैवाहिक रिश्तों की डोर, क्यों हो रही कमजोर? June 12, 2025 / June 12, 2025 by प्रदीप कुमार वर्मा | Leave a Comment महिलाओं ने अपने पतियों को उतारा मौत के घाट, बदले हुए सामाजिक परिवेश में अब पुरुष हो रहे प्रताड़ित प्रदीप कुमार वर्मा नीला ड्रम और सीमेंट। फ्रिज में डेड बॉडी। कांटेक्ट किलिंग। जानलेवा जहर का कहर। और शादी के नाम पर साजिश और धोखा। बीते दिनों में प्यार, दोस्ती और शादी का यही स्याह सच समाज में सामने आया है। सात वचनों के जरिए सात जन्म तक साथ निभाने के वादे अब टूट रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि बीते जमाने में जहां महिला को सामाजिक तिरस्कार का शिकार होना पड़ता था। वहीं, इसके उलट अब महिलाओं के हाथों पुरुष प्रताड़ित हो रहे हैं और उनकी जान तक जा रही है। मुस्कान से लेकर सोनम की बेवफाई अब शादी के सपने देखने वाले लोगों को डरा रही है। यही वजह है कि अब समाज में इंसानी और सामाजिक रिश्तों को लेकर एक नई बहस छिढ़ गई है और यह बहस इस तौर पर भी प्रासंगिक है कि आखिर हम किस तरफ जा रहे हैं? मनोविज्ञान के जानकारों का कहना है कि सामाजिक ताने-बाने को बचाने की खातिर हमें इस समस्या का कारण और समाधान निकालना ही होगा। साल 2025 में अपराध की दुनिया में एक अजीब सा बदलाव देखने को मिला है। अब तक की कहानी में यही बात सामने आई थी कि किसी पति ने पत्नी को मौत के घाट उतार दिया या प्रेम संबंधों के चलते पति ने अपनी पत्नी को घर से निकाल दिया लेकिन इस बार कातिल का किरदार महिलाएं निभा रही हैं, वो भी अपने पतियों के खिलाफ। प्रेम, लालच, धोखा और साजिश की जाल में फंसकर पत्नियां वो हदें पार कर रही हैं जिनके बारे में सोचकर भी रूह कांप जाती है। ऐसे मामलों में ताजा उदाहरण राजा रघुवंशी हत्याकांड का है। मप्र के इंदौर के रहने वाले राजा रघुवंशी की लाश 2 जून को मेघालय के मशहूर वेईसावडॉन्ग झरने के पास एक गहरी खाई में मिली थी। वह अपनी नई नवेली पत्नी सोनम के साथ हनीमून पर गए थे लेकिन इस सफर का अंत बेहद खौफनाक रहा। अब मेघालय पुलिस ने खुलासा किया है कि राजा की हत्या उसी की पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर करवाई थी। फिलहाल सोनम सहित चार कांटेक्ट किलर सलाखों के पीछे हैं। इसी साल ऐसे ही एक अन्य मामले में 3 मार्च को मेरठ की मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर मर्चेंट नेवी में काम करने वाले सौरभ राजपूत की हत्या कर दी। सौरभ राजपूत अपनी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और 5 साल की बेटी के साथ मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना के इंदिरा नगर में रहता था। अपनी नौकरी के सिलसिले में लंदन में पोस्टिंग पर सौरभ कुछ दिन पहले ही सौरभ लंदन से मेरठ अपने घर आया था। इस दौरान मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर सौरभ की हत्या कर उसके शव को कई टुकड़ों में काटा और अपना गुनाह छिपाने के लिए सौरभ के शव के टुकड़ों को नीले ड्रम में सीमेंट के साथ बंद कर दिया। मुस्कान की साजिश और सनकीपन यहीं समाप्त नहीं हुआ और इस गुनाह के बाद मुस्कान और उसका प्रेमी साहिल छुट्टियों पर घूमने चले गए। पति के हत्या करने वाली मुस्कान जब अपने प्रेमी साहिल के साथ वापस लौटी, तब यह मामला खुला। यह अलग बात है कि आज दोनों आरोपी जेल में बंद हैं। उप्र के मेरठ में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया जिसमे रविता ने अपने प्रेमी अमरदीप के साथ मिलकर अपने पति अमित कुमार की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव के पास सांप रख दिया ताकि यह हादसा लगे लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सच्चाई सामने ला दी। ऐसे ही एक मामले में रेलवे में काम करने वाले दीपक कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। उसकी पत्नी शिवानी ने दावा किया कि उसे हार्ट अटैक आया था लेकिन दीपक के परिवार ने पोस्टमार्टम की मांग की। जब जांच हुई तो पता चला कि दीपक की हत्या की गई थी और उसकी पत्नी ही आरोपी निकली। महिलाओं के अपराध की दुनिया में कदम रखने तथा अपने ही पति को अपने रास्ते का कांटा समझ उनकी हत्या करने का यह कोई अकेला मामला नहीं है। ऐसे कई और भी मामले हैं जिनमें महिलाओं ने अपने मर्यादा की सारी हद पर कर अपने पति को मौत की नींद सुला दिया। बदलते परिवेश में अपराध के इस बदले हुए चलन से समाज में वह व्याप्त है और अब लोग शादी के नाम पर डरने लगे हैं। एक जमाना था जब शादी को एक सुखद एवं समर्पित सामाजिक संस्कार माना जाता था। शादी के दौरान पति-पत्नी द्वारा सात वचनों की कसमें खाई जाती थी और यह संबंध मात्र एक जन्म का न होकर सात जन्म तक निभाए जाने का एक वादा होता था लेकिन बीते दिनों में यह वचन कहीं पीछे छूट रहे हैं और संबंध कहीं टूट रहे हैं। इस संबंध में मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि भौतिक संसाधनों की दौड़ तथा अपनी “ईगो” के चलते महिलाओं ने अपने जीवन साथी को ही मौत के घाट उतारने को इस सामाजिक बंधन से मुक्ति का जरिया बना लिया है। यही नहीं, कई बार ऐसा भी देखने में आया है कि अपने घर परिवार की “मान मर्यादा”, दहेज नहीं दे पाने के हालात तथा अन्य मामलों के चलते महिलाओं ने जबरन शादी तो कर ली और इसके बाद जब उन्हें जीवन की कड़वी सच्चाई का पता चला, तब उन्होंने ऐसे कदम उठाना ही ठीक समझा। इसके अलावा धन, संपदा और वैभव, सोशल स्टेटस तथा शिक्षा समेत अन्य मामलों में असमानता होने के चलते भी महिलाओं को अपना वैवाहिक जीवन रास नहीं आ रहा और वह इससे छुटकारा पाने के लिए किसी भी हद तक जा रही है। महिलाओं के इस अपराधिक कृत्य में जादू टोना और तंत्र-मंत्र के भी कुछ संकेत सामने आए हैं। नतीजतन हिंदू धर्म में परमेश्वर कहे जाने वाले पति को ही अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान और समझ कर महिलाएं इन वारदातों को बेहिचक अंजाम दे रही है और इन्हें अपने इस कृत्य का कोई पछतावा भी नहीं है। उनके इस गुनाह में समाज के ही कुछ अन्य पुरुष जैसे प्रेमी, देवर, पिता तथा अन्य लोग भी उनकी मदद कर रहे हैं। इस नए चलन में सामाजिक तानेबाने को चूर-चूर करने के पीछे कहीं ना कहीं फिल्म टीवी सीरियल और सोशल मीडिया का भी हाथ माना जा रहा है। वर्तमान में समाज के इस नए चलन से समाजशास्त्री भी हैरान और परेशान है कि आखिर हम कहां जा रहे हैं? समाजशास्त्रियों और घर परिवार के लोगों को इस बात की चिंता है कि यह क्रम कब तक जारी रहेगा और इसका उपाय क्या है? इस साल के शुरुआत से सामने आई इस सामाजिक एवं अपराधिक समस्या के समाधान पर गौर करें तो पता चलता है कि दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा पर प्रभावी रोक और कानून की कड़ाई से पालना, विवाह से पूर्व वर एवं वधू का मनोवैज्ञानिक परीक्षण, दोनों की काउंसलिंग और आपसी रजामंदी तथा समाज में बराबरी का दर्जा और बेपनाह प्यार से इस प्रकार के कृत्य पर कुछ रोक लगाई जा सकती है। इसके साथ ही महिलाओं को घर-परिवार और समाज में अपेक्षित आजादी तथा सामाजिक कार्यों में बराबर की सहभागिता दी जानी चाहिए जिससे वे खुद को घर-परिवार का एक अनिवार्य हिस्सा मानें। इसके अलावा जादू-टोना तथा तंत्र-मंत्र के कथित प्रचलन पर भी जागरूकता के जरिए प्रभावी रोक लगाने की आवश्यकता है। कुल मिलाकर महिलाओं द्वारा अपने पति को रास्ते से हटाने के इस दौर में सबसे ज्यादा परेशानी इस बात को लेकर है कि परिवार और घर का आधार स्तंभ कहे जाने वाला पुरुष साथी ही जब मौत के साये के चलते भय से जब पीड़ित है तो मजबूत परिवार के साथ-साथ एक बेहतर समाज की कल्पना कैसे की जा सकती है? प्रदीप कुमार वर्मा Read more » Issue: Why is the bond of marital relationship becoming weak? Why is the bond of marital relationship becoming weak? महिलाओं ने अपने पतियों को उतारा मौत के घाट
लेख स्वास्थ्य-योग स्मोकिंग और सांसें – ये रिश्ता क्या कहलाता है June 11, 2025 / June 11, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – भाषणा बंसल गुप्ता हमें जिंदा रहने के लिए क्या चाहिए? आप शायद इस सवाल पर हंस रहे होंगे कि कितना बचकाना सवाल है। बच्चा-बच्चा जानता है, कि जीवित रहने के लिए हमारी सांसों का चलना बहुत जरूरी है। सांसें गईं, तो सब गया। मतलब इन्सान खत्म। जितना सच ये है कि, सांसों की जरूरत […] Read more » Smoking and breathing स्मोकिंग और सांसें
लेख समाज रिश्तों के लाश पर खड़ा आधुनिक प्रेम June 10, 2025 / June 10, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment इंदौर के राजा और सोनम के मेघालय हनीमून पर हुई हत्या की घटना न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि सामाजिक, नैतिक और मानसिक स्तर पर गहरी चिंता पैदा करती है। यह अपराध आधुनिक प्रेम और विवाह संबंधों में फैलते अविश्वास और स्वार्थ की भयावह तस्वीर पेश करता है। साथ ही, मेघालय जैसे पर्यटन स्थलों की […] Read more » राजा और सोनम
पर्व - त्यौहार लेख भारत के स्वराज्य की हुंकार : हिन्दू साम्राज्य दिवस June 9, 2025 / June 9, 2025 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment – लोकेन्द्र सिंह छत्रपति शिवाजी महाराज भारत की स्वतंत्रता के महान नायक हैं, जिन्होंने ‘स्वराज्य’ के लिए संगठित होना, लड़ना और जीतना सिखाया। मुगलों के लंबे शासन और अत्याचारों के कारण भारत का मूल समाज आत्मदैन्य की स्थिति में चला गया था। विशाल भारत के किसी न किसी भू-भाग पर मुगलों के शोषणकारी शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष तो […] Read more » The roar of India's independence: हिन्दू साम्राज्य दिवस
लेख बेवफाई की हनीमून डायरी June 9, 2025 / June 9, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment ✍️ प्रियंका सौरभ मैंने देखा था एक जोड़ाहाथों में हाथ, आँखों में स्वप्न लिएवो कहते थे – “हमसफ़र”पर शायद किसी एक के लिएये सफर सिर्फ “अंत” था। मेघालय की वादियों मेंजहाँ झीलें चुपचाप सब सुनती हैं,वहीं गूंजा था एक मौन चीत्कारएक प्रेमी पति,जो पत्नी के हृदय में नहीं,उसके षड्यंत्र में जी रहा था। राजा…जिसे लगा […] Read more » Honeymoon Diaries of Infidelity
लेख राखीगढ़ी: भारत की स्त्री-केंद्रित सभ्यता की झलक June 6, 2025 / June 6, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment इतिहास की परतों में छुपी स्त्री, संस्कृति और सभ्यता का पुनर्पाठ हरियाणा स्थित राखीगढ़ी हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है, जहाँ से मिले 4600 साल पुराने महिला कंकाल, शंख की चूड़ियाँ और ताम्र नृत्यांगना की प्रतिमा सभ्यता में स्त्री की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करते हैं। डीएनए विश्लेषण ने ‘आर्य आक्रमण सिद्धांत’ पर सवाल […] Read more » राखीगढ़ी
पर्यावरण लेख असम में सोलर प्रोजेक्ट रुका, हुई आदिवासी संघर्ष की जीत June 6, 2025 / June 6, 2025 by निशान्त | Leave a Comment आख़िरकार ज़मीन की लड़ाई ने रंग दिखाया। कार्बी आंगलोंग की पहाड़ियों में बसे हजारों आदिवासी परिवारों की जंग ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) को झुका दिया है। बैंक ने 500 मेगावाट के जिस सोलर पार्क प्रोजेक्ट के लिए 434 मिलियन डॉलर की फंडिंग मंज़ूर की थी, उसे अब रद्द कर दिया गया है। यह सिर्फ़ […] Read more » असम में सोलर प्रोजेक्ट