लेख गृह युद्ध की भेंट चढऩे तो नहीं जा रहा है इराक़ ? December 26, 2011 / December 26, 2011 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफरी इराक़ के हालात पूर्वानुमान व आशंकाओं के अनुरूप बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। अप्रैल 2003 में सद्दाम हुसैन के सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही इस बात का अंदाज़ा लगने लगा था कि अब भविष्य में इराक़ की सत्ता की जंग स्थानीय शिया व सुन्नी समुदायों के मध्य अवश्य छिड़ेगी। गौरतलब […] Read more » civil war in इराक़ गृह युद्ध
लेख गाँव की फिक्र किसी को नहीं December 25, 2011 / December 25, 2011 by डॉ0 आशीष वशिष्ठ | Leave a Comment डॉ0 आशीष वशिष्ठ देश की लगभग 65 फीसदी आबादी गांवों में निवास करती है। गांधी जी भी कहा करते थे कि भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है। दुर्भाग्य से आजादी के 64 सालों बाद भी गांवों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। सरकार और सरकारी मशीनरी शहरों को चमकाने और आधुनिक बनाने में […] Read more » carelessness about villages गाँव की फिक्र किसी को नहीं
लेख भ्रष्टाचार की गंगोत्री कहां है? December 25, 2011 / December 25, 2011 by सुशान्त सिंहल | 1 Comment on भ्रष्टाचार की गंगोत्री कहां है? सुशान्त सिंहल जब से भ्रष्टाचार को लेकर देश में व्यापक बहस छिड़ी है, एक बात बार-बार कही जा रही है कि देश में भ्रष्टाचार बहुत गहराई तक जड़ें जमा चुका है, इसे मिटा पाना संभव नहीं है। कुछ लोगों का तो स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार हमारे खून में शामिल है और हम भारतीय ऐसे […] Read more » emergence of corruption भ्रष्टाचार की गंगोत्री
लेख सरकारी लोकपाल से क्या उम्मीद करे देश की जनता? December 25, 2011 / December 25, 2011 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment केंद्र सरकार ने जिस तरह का सरकारी लोकपाल विधेयक संसद में पेश किया है उससे देश को बहुत अधिक उम्मीदें नहीं होना चाहिए| अव्वल तो लोकपाल विधेयक का राज्यसभा में पास हो पाना मुश्किल है क्योंकि सरकार की मौजूदा सदस्य संख्या यहाँ कम है| फिर यदि लोकपाल विधेयक किसी तरह पास हो भी गया तो […] Read more » Lokpal Bill सरकारी लोकपाल
लेख सरकार डाटा लीकेज को न रोककर अभिव्यक्ति के पीछे पड़ी है? December 24, 2011 / December 24, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी टेलिफोन कम्पनियां खुलकर उड़ा रही हैं निजता की ध्ज्जियां! सरकार सोशल नेटवर्किंग साइटों पर सेन्सरशिप लगाने की अपनी क़वायद से पीछे हटने का तैयार नहीं है। अब उसके दूरसंचार मंत्री खुलेआम इसके लिये कार्यवाही न कर गूगल को इसके लिये अपने कार्यालय में बुलाकर मजबूर कर रहे हैं। सरकार ने आर्कुट और यू […] Read more » banning social networking data leakage to other companies अभिव्यक्ति के पीछे डाटा लीकेज
लेख मीडिया में भ्रष्टाचार उसके मिशन से धंधा बन जाने की वजह से! December 23, 2011 / December 23, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी जहां पॉवर होगी उसका दुरूपयोग भी होना तय है? लिब्रल, प्राइवेट और ग्लोबल यानी एलपीजी की नीतियों के दौर में मीडिया आज मिशन से पूरी तरह उद्योग यानी धंधा वह भी गंदा बन चुका है। इसमें पाठक और दर्शक उपभोक्ता माने जाते हैं। किसी कानून और नियम को हम अभिव्यक्ति की आज़ादी के […] Read more » corruption in fhe media obscenity in the media मीडिया में भ्रष्टाचार
लेख फतवों में घुटता मुस्लिम समाज December 23, 2011 / December 23, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 5 Comments on फतवों में घुटता मुस्लिम समाज शादाब जफर शादाब आज हिन्दुस्तान की हर सियासी पार्टी मुसलमान के आरक्षण, तालीम,उन के रहन सहन, उन के जिंदगी जीने के गिरते स्तर पर चिंतित दिखाई दे रह है। पर मेरा मानना और सोचने के साथ ही देश की तमाम सियासी पार्टियो से ये भी कहना है कि अरे भाई मुस्लिमो को कोई आरक्षण वारक्षण […] Read more » fatwa and muslim फतवो में घुटता मुस्लिम समाज
महत्वपूर्ण लेख लेख सभी धर्मों में एक ही बात नहीं / शंकर शरण December 23, 2011 / June 6, 2012 by शंकर शरण | 32 Comments on सभी धर्मों में एक ही बात नहीं / शंकर शरण शंकर शरण एक प्रवासी हिन्दू भारतीय की बिटिया ने किसी मुस्लिम से विवाह का निश्चय किया तो वह बड़े दुःखी हुए। उन्होंने समझाने का प्रयास किया कि यह उस के लिए, परिवार के लिए और अपने समाज के लिए भी अच्छा न होगा। तब बिटिया ने कहा, ‘मगर पापा, आप ही ने तो सिखाया था […] Read more » all religion all religion are not equal सभी धर्मों में एक ही बात नहीं
लेख परिवार की अदावत के मारे बाल ठाकरे December 23, 2011 / December 23, 2011 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on परिवार की अदावत के मारे बाल ठाकरे भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति या परिवार हो जो तथा उनकी राजनीति से परिचित न हो| ठाकरे परिवार की राजनीति हमेशा ही कट्टर हिंदुत्व पर आधारित रही है| समय के साथ इसमें मराठी मानुष के हितों से जुडी राजनीति भी हावी होती गई| दशकों से मराठी मानुष की राजनीति में रंग चुके बाल […] Read more » muslim marriage in Thakerey family thakerey and hinduism परिवार की अदावत के मारे बाल ठाकरे
लेख क्रांतिकारी श्रद्धांजलि…स्व. अदम गोंडवी December 21, 2011 / December 21, 2011 by श्रीराम तिवारी | 5 Comments on क्रांतिकारी श्रद्धांजलि…स्व. अदम गोंडवी श्रीराम तिवारी जनकवि रामनाथसिंग ’अदम गौँडवी’ को क्रांतिकारी श्रद्धांजलि….स्व. अदम गोंडवी यह एक क्रमिक एवं स्वाभाविक युति है कि जिन कवियों की मातृभाषा हिंदी या कोई अन्य आंचलिक भाषा होती है,और यदि वे जनवाद या क्रांति जैसे विचारों से प्रेरित है तो वे प्रगतिशीलता के तत्वों को उर्दू शब्दों के सहारे ही थामने में सफल […] Read more » Adam Gondvi क्रांतिकारी श्रद्धांजलि स्व. अदम गोंडवी
लेख आम आदमी की शायराना आवाज़ थे अदम गौंडवी December 21, 2011 / December 21, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 2 Comments on आम आदमी की शायराना आवाज़ थे अदम गौंडवी पंडित सुरेश नीरव मटमैली-सी धोती और खादी के कुर्ते में एक औसत भारतीय की तरह ठेठ देहाती शख्सियत के कवि को मैंने बिजनौर कविसम्मेलन के मंच पर बैठे देखा तो अपने पास ही बैठे कवि डॉक्टर कुंअरबेचैन से इशारों-ही इशारों में जाना चाहा कि ये कौन सज्जन हैं तो उन्होंने कान में धीरे से फुसफुसाया-अदमगौंडवी। […] Read more » aadivasi shayar Adam Gondvi अदम गौंडवी शायराना आवाज़
लेख 121 करोड़ की सरकार मक्कार भ्रष्टाचार की दावेदार ? December 21, 2011 / December 21, 2011 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 1 Comment on 121 करोड़ की सरकार मक्कार भ्रष्टाचार की दावेदार ? इक़बाल हिंदुस्तानी एक बार वोट लेकर पांच साल लूट का लाइसेंस मिल जाता है! प्रवक्ता पर निर्मल रानी ने एक लेख में पूछा है कि जब निर्वाचित प्रतिनिधि संसद में मौजूद हैं तो फिर जनता की तरफ से किसी और को दावेदारी करने का हक़ किसने दिया है? हम उनसे पूछना चाहते हैं कि अगर […] Read more » 121 करोड़ की सरकार corrupt government मक्कार भ्रष्टाचार की दावेदार