लेख चाल का जाल February 17, 2025 / February 17, 2025 by डॉ. नीरज भारद्वाज | Leave a Comment डॉ. नीरज भारद्वाज व्यक्ति जब किसी समाज का सदस्य बनता है तो वह उस समाज में रहने के लिए, उसके सदस्यों से सम्बन्ध बनाए रखने के लिए उस समाज के तौर-तरीके, आचार-व्यवहार और भाषा को सीखता है, इससे वह अन्य सदस्यों के साथ भली-भाँति उठ बैठ सकता है और उसके व्यवहार में कोई बात अनुचित न लगे ऐसा […] Read more »
लेख समाज अत्यधिक महत्वकांक्षा से टूटती परिवार के रिश्तों की डोर February 17, 2025 / February 17, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment (बिखर रहे चूल्हे सभी, सिमटे आँगन रोज। नई सदी ये कर रही, जाने कैसी खोज॥) पिछले कुछ समय में पारिवारिक ढांचे में काफ़ी बदलाव हुआ है। मगर परिवारों की नींव का इस तरह से कमजोर पड़ना कई चीजों पर निर्भर हो गया है। अत्यधिक महत्त्वाकांक्षी होना ही रिश्ते टूटने की प्रमुख वज़ह है। जब परिवारों […] Read more » अत्यधिक महत्वकांक्षा से टूटती परिवार टूटती परिवार के रिश्तों की डोर
लेख विवाह के झूठे वादों से दुष्कर्म के बढ़ते मामले February 17, 2025 / February 17, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment हाल के वर्षों में बलात्कार के ऐसे मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिनमें अभियुक्त पर बलात्कार का आरोप लगाया जाता है। इन मामलों में, एक पुरुष जिसने एक महिला से शादी करने का वादा किया है, उसके साथ यौन क्रियाकलाप और शारीरिक अंतरंगता में शामिल होता है, लेकिन बाद में अपने वादे से […] Read more » Increasing cases of rape due to false promises of marriage. विवाह के झूठे वादों से दुष्कर्म के बढ़ते मामले
लेख हमेशा जीवन बोलना चाहिए, मार्क्स नहीं February 13, 2025 / February 13, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment परीक्षा पर चर्चा विशेष परीक्षा पर चर्चा 2025 सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करती है, जो परीक्षा के तनाव को कम करती है। छात्रों में आत्म-सुधार और जिज्ञासा को बढ़ावा देती है। शैक्षणिक कठिनाइयों का सामना करने के लिए आत्मविश्वास और दृढ़ता को प्रोत्साहित करती है। तनावपूर्ण स्कूली परिस्थितियों में बच्चों का मार्गदर्शन करने के लिए […] Read more » परीक्षा पर चर्चा
लेख टूटी सड़कों पर अटकती गांव की परिवहन व्यवस्था February 13, 2025 / February 13, 2025 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment निधि टाकलूणकरणसर, राजस्थानभारत के ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में परिवहन की समस्या आज भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है. सार्वजनिक परिवहन की अनुपलब्धता, सड़कों की बेहतर स्थिति का न होना और सीमित परिवहन सुविधाओं के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. खासकर महिलाओं, किसानों और छात्रों को इस समस्या का सबसे अधिक सामना करना […] Read more »
मनोरंजन लेख सिर्फ लूटते हैं फर्जी ट्रैवल एजेंट, एजेंसी और वेबसाइट February 13, 2025 / February 13, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment भारत में, हाल ही में धोखाधड़ी करने वाली ट्रैवल एजेंसियों में उछाल आया है जो अयोग्य व्यक्तियों को विदेश भेजने का वादा करती हैं। भले ही बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया गया हो, लेकिन निस्संदेह अभी भी बड़ी संख्या में लोग धोखाधड़ी से काम कर रहे हैं। अवैध छुट्टियों के पैकेज, पंजीकरण धोखाधड़ी […] Read more » Only fake travel agents फर्जी ट्रैवल एजेंट
लेख गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा February 11, 2025 / February 11, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment हाल ही में 10 फरवरी 2025 के दिन हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’(पीपीसी) कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट्स बतातीं हैं कि इस बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में 3.30 करोड़ से अधिक छात्र, 20 लाख […] Read more »
लेख शख्सियत समाज साक्षात्कार रैदास युगपुरुष और युगस्रष्टा सिद्ध संत थे February 11, 2025 / February 13, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment संत रविदास जयन्ती- 12 फरवरी, 2025ललित गर्गमहामना संत रविदास कहो या रैदास-भारतीय संत परम्परा, भक्ति आन्दोलन और संत-साहित्य के जहां महान् हस्ताक्षर है, वहीं वे अलौकिक-सिद्ध संत, समाज सुधारक, साधक और कवि हैं। दुनियाभर के संत-महात्माओं में उनका विशिष्ट स्थान है। सद्गुरु रामानंद के पारस स्पर्श ने चर्मकार रैदास को भारत वर्ष का महान चमत्कारी […] Read more » Raidas was a proven saint of the era and the creator of the era. संत रविदास जयन्ती- 12 फरवरी
लेख धनाढ्यों के विदेश पलायन पर प्रदर्शन क्यों नहीं? February 10, 2025 / February 10, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद सौ से अधिक अवैध भारतीयों के पहले बैच को अपराधियों की तरह अपमानजनक तरीके से भारत भेजा गया है। सितम्बर- 2024 तक सालभर में अवैध रूप से अमेरिका जाने की कोशिश में 90 हजार से अधिक लोग पकडे़ गये थे। ये लोग […] Read more » धनाढ्यों के विदेश पलायन पर प्रदर्शन क्यों नहीं
आर्थिकी लेख रेपोदर में कमी के साथ ही भारत में ब्याज दरों के नीचे जाने का चक्र प्रारम्भ February 10, 2025 / February 10, 2025 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारतीय रिजर्व बैंक के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री संजय मल्होत्रा ने अपने कार्यकाल की प्रथम मुद्रानीति दिनांक 7 फरवरी 2025 को घोषित की। अभी तक प्रत्येक दो माह के अंतराल पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा घोषित की गई मुद्रा नीति के माध्यम से लिए गए निर्णयों का देश में मुद्रा स्फीति को नियंत्रण में रखने में विशेष योगदान रहा है। हालांकि पिछले लगभग 5 वर्षों में रेपो दर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। मई 2020 में अंतिम बार रेपो दर में वृद्धि की घोषणा की गई थी। इसके बाद घोषित की गई 29 मुद्रा नीतियों में रेपो दर को स्थिर रखा गया है और यह अभी भी 6.5 प्रतिशत के स्तर पर कायम है। परंतु,अब फरवरी 2025 माह में घोषित की गई मुद्रा नीति में रेपो दर में 25 आधार बिंदुओं की कमी करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत पर लाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को देश में मुद्रा स्फीति की दर को नियंत्रण में रखने हेतु मेंडेट दिया गया है और इस मेंडेट पर ध्यान रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में मुद्रा स्फीति को नियंत्रण में रखने में सफलता भी पाई है। परंतु, वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रथम एवं द्वितीय तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर घटकर 5.2 प्रतिशत एवं 5.4 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत की रही थी। अतः देश में आर्थिक विकास की दर पर भी अब विशेष ध्यान देने की आवश्यकता प्रतिपादित हो रही थी, इसीलिए भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 25 आधार बिंदुओं में कमी की घोषणा की है। रेपो दर में कमी करने का उक्त निर्णय मुद्रानीति समिति के समस्त सदस्यों ने एकमत से लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकलन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-45 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 6.4% की रहेगी और वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह बढ़कर 6.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी। इस वर्ष खरीफ की फसल बहुत अच्छे स्तर पर आई है एवं आगे आने वाली रबी की फसल भी ठीक रहेगी क्योंकि मानसून की बारिश अच्छी रही थी और देश के जलाशयों में, क्षमता के अनुसार, पर्याप्त पानी इन जलाशयों में उपलब्ध है, जिसे कृषि सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा रहा है और जो अंततः कृषि की पैदावार को बढ़ाने में सहायक होगा। इससे ग्रामीण इलाकों में उत्पादों की मांग में वृद्धि देखी गई है। हालांकि शहरी इलाकों में उत्पादों की मांग में अभी भी सुधार दिखाई नहीं दिया है। परंतु हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मध्यमवर्गीय करदाताओं को आय कर में दी गई जबरदस्त छूट के चलते आगे आने वाले समय में शहरी क्षेत्रों में भी उत्पादों की मांग में वृद्धि दर्ज होगी और विनिर्माण क्षेत्र में कार्यरत औद्योगिक इकाईयों की उत्पादन वृद्धि दर तेज होगी। सेवा क्षेत्र तो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर ही रहा है। प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ मेले में धार्मिक पर्यटन के चलते देश की अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त योगदान होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस प्रकार, भारत की आर्थिक विकास दर के वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 7 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 8 प्रतिशत रहने के प्रबल सम्भावना बनती है। भारतीय रिजर्व बैंक का आंकलन उक्त संदर्भ में कम ही कहा जाना चाहिए। इसी प्रकार मुद्रा स्फीति के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई की दर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4.8 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में घटकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है। भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई की दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों के महंगे होने के चलते ही बढ़ती है, जिसे ब्याज दरों को बढ़ाकर नियंत्रण में नहीं लाया जा सकता है। हेडलाइन मुद्रा स्फीति की दर अक्टूबर 2024 में अपने उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गई थी परंतु उसके बाद से लगातार नीचे ही आती रही है। इसी प्रकार, कोर मुद्रा स्फीति की दर भी लगातार नियंत्रण में बनी रही है। केवल खाद्य पदार्थों में के महंगे होने के चलते उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई पर दबाव जरूर बना रहा है। इस प्रकार महंगाई दर के नियंत्रण में आने से अब भारत में ब्याज दरों में कमी का दौर प्रारम्भ हो गया है। आगे आने वाले समय में भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कमी की घोषणा की जाती रहेगी ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है और दिसम्बर 2025 तक रेपो दर में लगभग 100 आधार बिंदुओं की कमी की जा सकती है और रेपो दर घटकर 5.25 प्रतिशत तक नीचे आ सकती है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि देश में आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर रेपो दर में परिवर्तन के बारे में समय समय पर विचार किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने नीति उद्देश्य को भी निष्पक्ष रखा है परंतु चूंकि ब्याज दरों में अब कमी करने का चक्र प्रारम्भ हो चुका है अतः इसे उदार रखा जा सकता था। इसका आश्य यह है कि आगे आने वाले समय में भी रेपो दर में कमी की सम्भावना बनी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में की गई कमी की घोषणा के बाद अब विभिन्न बैकों को ऋणराशि पर ब्याज दरों को कम करते हुए ऋणदाताओं को लाभ पहुंचाने के बारे में शीघ्रता से विचार करना चाहिए जिससे आम नागरिकों द्वारा बैकों को अदा की जाने वाली किश्तों एवं ब्याज राशि में कुछ राहत महसूस हो सके। इससे अर्थव्यवस्था में भी कुछ गति आने की सम्भावना बढ़ेगी। दिसम्बर 2024 माह में देश में तरलता में कुछ कमी महसूस की जा रही थी और बैकों के पास ऋण प्रदान करने योग्य फंड्ज की कमी महसूस की जा रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने तुरंत निर्णय लेते हुए आरक्षित नकदी अनुपात (CRR) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया था, जिससे बैकों की तरलता की स्थिति में कुछ सुधार दृष्टिगोचर हुआ था। बैकों के लिए इसे अधिक सरल बनाने की दृष्टि से जनवरी 2025 में भी भारतीय रिजर्व बैंक ने लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपए बांड्ज विभिन्न बैकों से खरीदे थे ताकि इन बैकों की तरलता की स्थिति में और अधिक सुधार किया जा सके और बैकिंग सिस्टम में तरलता की वृद्धि की जा सके। उक्त वर्णित उपायों का परिणाम यह है कि आज भारतीय बैकों का ऋण:जमा अनुपात 80.8 प्रतिशत के स्तर पर बना हुआ है और बैकों की लाभप्रदता में भी लगातार सुधार होता दिखाई दे रहा है। विभिन्न बैकों द्वारा अभी तक घोषित किए गए परिणामों के अनुसार, बैकों ने लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपए का लाभ घोषित किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूर परिस्थितियां अभी भी अस्थिर बनी हुई हैं और वैश्विक स्तर पर रुपए पर दबाव बना हुआ है। अभी हाल ही में डॉलर इंडेक्स 109 के स्तर तक पहुंच गया था और 10 वर्षीय यू एस बांड यील्ड भी 4.75 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, इससे अन्य देशों की मुद्राओं पर दबाव बढ़ता जा रहा है और आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले में रुपए की कीमत अपने निचले स्तर 87.66 पर पहुंच गई थी। परंतु, आगे आने वाले समय में अमेरिका में भी यदि ब्याज दरों में कमी की घोषणा होती है तो भारत में भी ब्याज दरों में कमी का चक्र और भी तेज हो सकता है। ब्रिटेन एवं कुछ अन्य यूरोपीयन देशों ने भी हाल ही के समय में ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है। चूंकि अब कई देशों में मुद्रा स्फीति नियंत्रण में आ चुकी है अतः अब लगभग समस्त देश ब्याज दरों में कमी की घोषणा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे अब आने वाले समय में इन देशों में आर्थिक विकास दर में कुछ तेजी आते हुए भी दिखाई देगी। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के चलते अमेरिका के शेयर बाजार में केवल जनवरी 2025 माह में ही 15,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि निवेशकों द्वारा डाली गई है, जबकि भारत के शेयर बाजार से 2.50 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निकाली गई है, इससे भी भारतीय रुपए पर दबाव बना हुआ है। परंतु भारतीय रिजर्व बैंक को शायद आभास है कि यह समस्या अस्थायी है एवं भारतीय कम्पनियों की लाभप्रदता में सुधार होते ही विदेशी संस्थागत निवेशक पुनः भारतीय शेयर बाजार में अपने निवेश को बढ़ाएंगे। अमेरिका एवं चीन के बीच छिड़े व्यापार युद्ध का प्रभाव भी भारत पर सकारात्मक रहने की सम्भावना है क्योंकि इससे यदि चीन से अमेरिका को निर्यात कम होते हैं तो सम्भव हैं कि भारत से अमेरिका को निर्यात बढ़ें। भारत से निर्यात बढ़ने पर भारतीय रुपए पर दबाव कम होने लगेगा, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक को भारत में रेपो दर को कम करने में और अधिक आसानी होगी। प्रहलाद सबनानी Read more » the cycle of downward trend in interest rates has started in India. With the reduction in repo rate भारत में ब्याज दरों के नीचे जाने का चक्र
लेख समाज बेटी नहीं बचाओगे, तो बहू कहाँ से लाओगे? February 10, 2025 / February 10, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम ने बेटे को प्राथमिकता देने के मुद्दे पर सफलतापूर्वक जागरूकता बढ़ाई है, लेकिन अपर्याप्त कार्यान्वयन और निगरानी के कारण, यह अपने वर्तमान स्वरूप में अपने मुख्य लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहा है। 22 जनवरी, 2015 को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य […] Read more » बहू कहाँ से लाओगे
राजनीति लेख हर बुजदिल हिंदू मुसलमान है : कहना कितना सही ? February 6, 2025 / February 6, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सामान्यतया जब भी किसी हिंदू युवा को मुसलमानों या इस्लामिक आतंकवाद पर या मुस्लिम फंडामेंटलिज्म पर बोलना होता है तो यह बात सुनने को अक्सर मिलती है कि जो आज मुसलमान हैं ,वह कभी हिंदू थे। परंतु उनके पूर्वज कायर थे, जिन्होंने सनातन को छोड़ दिया और इस्लाम स्वीकार कर लिया। वे मुस्लिम अत्याचारों को […] Read more » हर बुजदिल हिंदू मुसलमान