व्यंग्य दूसरों की कमाई , हमें क्यों बताते हो भाई ….!! July 7, 2018 / July 7, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा उस विवादास्पद अभिनेता पर बनी फिल्म की चर्चा चैनलों पर शुरू होते ही मुझे अंदाजा हो गया कि अगले दो एक – महीने हमें किसी न किसी बहाने से इस फिल्म और इससे जुड़े लोगों की घुट्टी लगातार पिलाई जाती रहेगी। हुआ भी काफी कुछ वैसा ही। कभी खांसी के सिरप तो […] Read more » Featured क्रिकेटर गरीबी - बेरोजगारी दूसरों की कमाई बाढ़ - सूखा बायोपिक फिल्म हमें क्यों बताते हो भाई
व्यंग्य भगवान सरकारी बंगला किसी से न खाली करवाए… .!! June 22, 2018 / June 22, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा मैं जिस शहर में रहता हूं इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि यहां बंगलों का ही अलग मोहल्ला है। शहर के लोग इसे बंगला साइड कहते हैं। इस मोहल्ला या कॉलोनी को अंग्रेजों ने बसाया था। इसमें रहते भी तत्कालीन अंग्रेज अधिकारी ही थे। कहते हैं कि ब्रिटिश युग में किसी […] Read more » Featured अंग्रेज उच्चतम न्यायालय किसी से न खाली करवाए... .!! भगवान सरकारी बंगला मीडिया पोस्टमार्टम
व्यंग्य इच्छा मृत्यु की ओर बढ़ती कांग्रेस June 20, 2018 / June 20, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार, कल शर्मा जी के घर गया, तो वे ‘इच्छा मृत्यु’ के बारे में एक लेख पढ़ रहे थे। पढ़ने के बाद उन्होंने वह अखबार मुझे पकड़ा दिया। उस लेख का सार इस प्रकार है।जीवन और मृत्यु के बारे में संतों, मनीषियों और विद्वानों ने बहुत कुछ कहा है। जीवन की तरह मृत्यु भी […] Read more » Featured अध्यक्ष राहुल गांधी इच्छा मृत्यु की ओर बढ़ती कांग्रेस नवीन पटनायक न्यायालय ममता बनर्जी
व्यंग्य हमें भी खिलाओ नहीं तो… June 13, 2018 / June 13, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार आजकल दूरदर्शन ने क्रिकेट और फुटबॉल को हर घर में पहुंचा दिया है; पर हमारे बचपन में ऐसा नहीं था। तब गुल्ली-डंडा, पिट्ठू फोड़, कंचे और छुपम छुपाई जैसे खेल अधिक खेले जाते थे। खेल में झगड़ा भी होता ही है। भले ही वह थोड़ी देर के लिए हो। हमारे मित्र शर्मा जी […] Read more » Featured कंचे गुल्ली-डंडा पिट्ठू फोड़ भूतपूर्व मंत्रियों मुख्यमंत्री विधायक सांसद हमें भी खिलाओ नहीं तो...
व्यंग्य लूट सके तो लूट May 16, 2018 by विजय कुमार | 1 Comment on लूट सके तो लूट बचपन में हम लोग प्रायः अंत्याक्षरी खेला करते थे। इसकी शुरुआत कुछ ऐसे होती थी – समय बिताने के लिए करना है कुछ काम शुरू करो अंत्याक्षरी लेकर हरि का नाम। अंत्याक्षरी से कई लाभ थे। जहां एक ओर गर्मी में भीषण लू से बचत होती थी, वहां मनोरंजन और दिमागी कसरत […] Read more » Featured अंत्याक्षरी खाने चाराप्रेमी लालू जी तेजप्रताप रौद्र रूप लूट
व्यंग्य जूते के प्रयोग की संभावनाएं May 14, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment यों तो जूता ऐसी चीज है, जिसके बिना काम नहीं चलता। चप्पल, सैंडल, खड़ाऊं आदि इसके ही बिरादर भाई और बहिन हैं। जूते के कई उपयोग हैं। घर के अंदर एक, बाहर दूसरा तो नहाने-धोने के लिए तीसरा। आजकल तो सब गडमगड हो गया है; पर 25-30 साल पहले तक क्या मजाल कोई बिना जूते-चप्पल […] Read more » Benjamin Netanyahu Featured Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu may have insulted Japanese Prime Minister Shinzo with shoe-shaped desert dishes Shinzo जूता चाकलेट जूते के प्रयोग
व्यंग्य महाभियोग का फोग ! April 24, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment देवेंन्द्रराज सुधार लोकतंत्र में विपक्ष गलत कामों को रोकता है। वह सत्ता पक्ष की तानाशाही पर नकेल कसता है। शक्तियों के अविवेकपूर्ण उपयोग पर नजर गड़ाए रखता है। एक मजबूत विपक्ष नियमों और सिद्धांतों की बुनियाद पर सत्ता पक्ष के लोगों की नाक में दम करके रखता है। लेकिन यह घोर विडंबना है कि नाक […] Read more » Featured महाभियोग लोकतंत्र विपक्ष विपरीत बुद्धि''
व्यंग्य जिया जले, जाँ जले ! April 13, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment देवेंद्रराज सुथार अब तो न दिन को चैन आता है और न ही रात को नींद आती है। इस आलम में कुछ नहीं भाता है और न ही कोई ख्याल आता है। जिया जलता है। जाँ जलती है। नैनों तले धुआँ चलता है। रुक जाइए ! यदि आप मुझे प्रेमी समझने की भूल कर रहे […] Read more » Featured आमीर इंसान ऐसी गरीब गर्मी जानवर ठंड सर्दी
व्यंग्य मार्किट ददाति मोटिवेशन April 4, 2018 by अमित शर्मा | Leave a Comment अमित शर्मा (CA) इस मीन (स्वार्थी) दुनिया में विटामिन की बहुत कमी पाई जाती है जिसके कारण बहुत सी बीमारियां बिना किसी क्लिक और एंटर के स्वतः ही डाऊनलोड हो जाती है। विटामिन सी औऱ विटामिन डी के अलावा विटामिन एम अर्थात मोटिवेशन की कमी भी पिछले काफ़ी समय से सामाजिकता के रैंप पर कैटवॉक […] Read more » Featured बाजार मोटिवेशन मोटिवेशनल स्पीकर्स रिश्ते
व्यंग्य बेइज़्ज़ती सर्वत्र अर्जयेत March 28, 2018 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment अमित शर्मा (CA) पहले मैं इस भ्रम में जीता था कि हर इंसान अपना जीवन सम्मानित तरीके से व्यतीत करना चाहता हैं लेकिन कालांतर में मेरी इस सोच में अंतर तब आया जब मुझे स्वनेत्रो से बेइज़्ज़ती के साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाली विभूतियों का दर्शन लाभ मिला। भारत की खोज, बड़े ही मौज […] Read more » बेइज़्ज़ती बेइज़्ज़ती सर्वत्र अर्जयेत
व्यंग्य माफी के मजे… !! March 27, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा क्या पता महाभारत काल में धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन को अंधे का पुत्र अंधा… जैसा संबोधन कहने के बाद उत्पन्न कटुता को दूर करने के लिए द्रौपदी के पास सॉरी कहने का कोई विकल्प था या नहीं या भीषण युद्ध छिड़ने के बाद रावण के पास आइ एम… एक्सट्रीमली सॉरी…. कहने का कोई […] Read more » Featured माफी
व्यंग्य साहित्य माफी एप March 22, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment मैंने बहुत मना किया, पर शर्मा जी चुनाव लड़ ही गये। अब चुनाव में तो कई तरह की झूठी-सच्ची बातें कहनी पड़ती हैं। शर्मा जी भी सुबह से शाम तक मंुह फाड़कर मन की भड़ास और दिमागी गंदगी बाहर निकालते रहे। उनकी एक पहचान तो गंदे मफलर से थी, दूसरी इन बेसिर पैर की बातों […] Read more » app for forgiveness Featured