खेत-खलिहान विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा September 30, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment गाय बनेगी विश्व एकता का साझा सूत्र माँ की दया ६२ वर्ष पहले हमारा देश विदेशी शासन से स्वतंत्र हुआ। विडंबना देखिए, यद्यपि हम स्वयं अपने स्वामी बन गये पर पश्चिमी चकाचोंध के अवांछनीय प्रभावों के दास भी हो गये। तब से अपनी यात्रा के प्रत्येक पड़ाव पर हम अपनी मौलिकता और स्वाभिमान खोते गये। […] Read more » Cow गो ग्राम यात्रा
खेत-खलिहान बेमौसम भी करें पानी की चिंता September 30, 2009 / December 26, 2011 by अमरेन्द्र किशोर | 2 Comments on बेमौसम भी करें पानी की चिंता बसंत आते ही पानी की चिंता हमें सताने लगती है। पानी की कमी की वजह से पलायन जैसी खबरें सुर्खियों में सजती हैं। जल संकट के नाम पर विचार गोष्ठियों का आयोजन होता है। इस संकट से निजात पाने के लिए सरकारी महकमों में हल्ला तूफान मचता है और बारिश आते ही हम जल संकट […] Read more » Unseasonable बेमौसम
खेत-खलिहान कितने भयावह हैं आहरों को मिटाने के नतीजे! September 29, 2009 / December 26, 2011 by अमरेन्द्र किशोर | 1 Comment on कितने भयावह हैं आहरों को मिटाने के नतीजे! झारखंड के लोक गीतों और लोक कथाओं में जहाँ जल स्त्रोंतों की स्तुति छलकती है वहीं सरकार द्वारा गठित विभिन्न आयोगों के रिपार्ट से इस बात की जानकारी मिलती है कि वहाँ कभी सिंचाई की बड़ी अच्छी व्यवस्था थी। उल्लेखनीय है कि 1860 ई0 में अंग्रजों ने भीषण अकाल के बाद ईस्ट इण्डिया इरीगेशन एण्ड […] Read more » Dangerous भयावह
आर्थिकी खेत-खलिहान विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा September 4, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा भारत गांवों का देश है। गांव देश की आत्मा और कृषि उसकी योति है। इनका प्राण-तत्व गाय है। प्रकृति की यह अनमोल दैन (गो वंश) विलुप्त होने की कगार पर है। देश में गाय की सैकड़ों प्रजातियां (नस्लें) थीं। मोटे तौर पर आज इनमें से मात्र तैंतीस प्रजातियां बची हैं। ये भी उपेक्षा का शिकार […] Read more » Cow गो ग्राम यात्रा
खेत-खलिहान रेत के धोरों में सब्ज़ियों की खेती August 28, 2009 / December 27, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 2 Comments on रेत के धोरों में सब्ज़ियों की खेती आज जहां बंजर भूमि के क्षेत्र में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने पर्यावरण और कृषि विशेषज्ञों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं, वहीं अरावली पर्वत की तलहटी में बसे गांवों के बालू के धोरों में उगती सब्ज़ियां मन में एक खुशनुमा अहसास जगाती हैं। हरियाणा के मेवात ज़िले के गांव नांदल, खेडी […] Read more » Vegetable सब्ज़ियों
आर्थिकी खेत-खलिहान समाज सार्थक पहल क्या इन ८ सवालों के जवाब हैं ……….. आज के आर्थिक विशेषज्ञों के पास : कनिष्क कश्यप June 10, 2009 / December 27, 2011 by कनिष्क कश्यप | 2 Comments on क्या इन ८ सवालों के जवाब हैं ……….. आज के आर्थिक विशेषज्ञों के पास : कनिष्क कश्यप क्या इन ८ सवालों के जवाब हैं, अगर हाँ ? तो हमें बताएं ! क्यों की पश्चिम के पिचासी संस्कृति का दिन-ब-दिन हावी होते जाना, हमारी अपनी कमजोरी और मानसिक दिवालियापन का सूचक तो नहीं ? बाज़ार शब्द अपनी शाब्दिक परिधि तक तो बड़ा हीं मोहक और प्रभावी लगता है, इससे बहार निकलते हीं यह मर्यादायों को […] Read more » Economic Expert आर्थिक विशेषज्ञ
खेत-खलिहान खाली होती थाली March 30, 2009 / December 25, 2011 by रमेश कुमार दुबे | Leave a Comment हमारे संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन रक्षा को एक बुनियादी अधिकार माना गया है; लेकिन सभी नागरिकों को भरपेट भोजन हासिल न हो तो इस अधिकार का क्या महत्व रह जाता है। Read more » LOSSES IN AGRICULTURE खाली होती थाली
खेत-खलिहान भविष्य की कृषि खतरे में – जयराम ‘विप्लव’ March 14, 2009 / December 25, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment सभ्यता के आरभ से ही " कृषि " मानव की तीन जीवनदायनी आधारभूत आवश्यकताओं में से एक -भोजन की आपूर्ति के लिए अपरिहार्य बना हुआ है । कृषि के अलावा ज्ञान-विज्ञान... Read more » future agriculture in danger भविष्य की कृषि खतरे में
खेत-खलिहान बुंदेलखंड: अकाल को निमंत्रण March 4, 2009 / December 24, 2011 by रमेश कुमार दुबे | 1 Comment on बुंदेलखंड: अकाल को निमंत्रण पिछले पांच वर्षों से वर्षा में अत्यधिक कमी के कारण समूचा बुंदेलखंड अकाल की चपेट में है। नदी, तालाब, नलकूप सभी सूख चुके हैं। भुखमरी से मौतें हो रही हैं। लोग खेत-खलिहान... Read more » Invitation to famine अकाल बुंदेलखंड बुंदेलखंड: अकाल को निमंत्रण
खेत-खलिहान वाणिज्यिक बायोटेक फसल उगाई में भारत का चौथा स्थान February 20, 2009 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अमेरिका जैसे विकसित देशों की तर्ज पर भारत में भी वाणिज्यिक बायोटेक फसल उगाई जा रही है। कृषि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहे एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन का कहना है Read more » biotech agriculture कृषि वाणिज्यिक बायोटेक फसल उगाई में भारत
खेत-खलिहान श्वेत क्रांति की सच्चाई February 2, 2009 / December 22, 2011 by रमेश कुमार दुबे | Leave a Comment हाल में दिल्ली में दूध की कीमतों में एक रूपये प्रतिलीटर की वृध्दि की गई। सहकारी डेयरी कंपनियों के अनुसार संग्रहण, भण्डारण, प्रसंस्करण और विपणन की बढती लागत के कारण दूध के दाम बढाना आवश्यक हो गया था। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। यहां प्रतिवर्ष 10.2 करोड़ टन दूध का उत्पादन […] Read more » white revolution श्वेत क्रांति
खेत-खलिहान भुखमरी की जड़ January 21, 2009 / December 22, 2011 by रमेश कुमार दुबे | 5 Comments on भुखमरी की जड़ अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आईएफपीआरआई) के ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2008 के अनुसार भारत में भूख की समस्या चिंताजनक स्तर तक पहुंच गई है। भारत की स्थिति अफ्रीका के उपसहारा क्षेत्र के 25 देशों से भी बदतर है। दक्षिण एशिया में सिर्फ बांग्लादेश हमसे पीछे है। यह इंडेक्स निकालने के लिए बच्चों के कुपोषण, बाल […] Read more » starvation भुखमरी