मीडिया लेख सार्थक पहल सोशल मीडिया पर देह की नुमाइश: सशक्तिकरण या आत्मसम्मान का संकट ? May 16, 2025 / May 16, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment “लाइक्स की दौड़ में खोती पहचान: नारी सशक्तिकरण का असली मतलब” सोशल मीडिया पर नारी देह का बढ़ता प्रदर्शन क्या वाकई सशक्तिकरण है या महज़ लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़? क्या हम सच्ची आज़ादी की ओर बढ़ रहे हैं या एक डिजिटल पिंजरे में कैद हो रहे हैं? क्या आत्मसम्मान की जगह केवल देह की […] Read more » सशक्तिकरण या आत्मसम्मान का संकट सोशल मीडिया पर देह की नुमाइश
मीडिया लेख समाज अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल April 22, 2025 / April 22, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment शिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे सामाजिक चुप्पियों और डिजिटल खतरों से अनजान थीं। हमें यह स्वीकार करना होगा कि शिक्षा सिर्फ डिग्री नहीं, सुरक्षा भी सिखाए। और परवरिश सिर्फ आज्ञाकारी बनाने के लिए नहीं, संघर्षशील और सचेत नागरिक बनाने […] Read more » बेटियों की सुरक्षा पर सवाल
मीडिया राजनीति विश्ववार्ता मेटा की माफी से सोशल मीडिया मंचों को सख्त सन्देश January 16, 2025 / January 16, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- फेसबुक के लिये भारत एक संभावनाओं भरा बड़ा बाजार होने के बावजूद उसकी भारत के प्रति सोच भ्रामक, विवादास्पद एवं नकारात्मक रही है। फेसबुक और मेटा भारत के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और फेकन्यूज को लेकर विवादों में घिरती रही हैं। हाल ही में मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग एक बार फिर […] Read more » मेटा की माफी
मीडिया लेख पत्रकारिता के अपराधीकरण का दौर December 23, 2024 / December 23, 2024 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन राजनीति का अपराधीकरण और अपराध का राजनीतिकरण इस देश में विमर्श का बड़ा मुद्दा रहा है लेकिन पत्रकारिता के अपराधीकरण पर कभी कोई चर्चा नहीं होती। हां,शोर तब मचता है जब कोई पत्रकार वसूली या भयादोहन करते, अपराधियों या पुलिस के साथ मिलकर अपहरण,फिरौती या रंगदारी जैसे संगीन जुर्म मे पकड़ा अथवा शामिल […] Read more »
मीडिया राजनीति विधि-कानून पत्रकारों की स्वतंत्रता को बल देती सुुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी October 18, 2024 / October 18, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में शुक्रवार को कहा कि पत्रकारों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है। जस्टिस हृषिकेश राय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में विचार […] Read more » पत्रकारों की स्वतंत्रता सुुप्रीम कोर्ट
मीडिया लेख लाइक-कमेंट के चक्कर में मौत की रील October 16, 2024 / October 16, 2024 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment सोशल मीडिया के चलते बच्चों और युवाओं में सामाजिक दिखावे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। युवा फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए एक-दूसरे की देखादेखी कर रहे हैं। उन्हें नहीं पता होता कि इसका नतीजा क्या होगा। उन्हें वास्तविकता का पता नहीं है। बच्चे अपने माता-पिता की बात नहीं मानते हैं। जो उम्र पढ़ने की […] Read more » Reel of death due to like-comment
मीडिया लेख शख्सियत समाज श्री उमेश उपाध्याय : मौत आई भी तो इतने चुपके से …. September 2, 2024 / September 4, 2024 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी अब हमारे बीच हैं, आदरणीय भाईसाहब उमेश उपाध्याय जी की स्मृतियां….वे कल तक, नहीं-नहीं…आज सुबह तक हमारे ही साथ थे, चहचहा रहे थे, अपने ज्ञान के महासागर में से चुन-चुन कर मोती दे रहे थे, जिन्हें पन्ना-माणिक्य चाहिए थे, वे उन्हें भी निराश नहीं करते…अपनी बिंदास हंसमुख शैली और तमाम ज्ञान धाराओं […] Read more » श्री उमेश उपाध्याय
मीडिया व्यंग्य झूठ बोले मीडिया काटे August 28, 2024 / August 28, 2024 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष पहले झूठ बोलने पर कौआ काटता था। इसी लिए फिल्म में गीत भी लिखा गया किझूठ बोले कौआ काटे, काले कौए से डरियो। लेकिन अब शहर से कौए गायब हो चुकेहैं। कौआ अब विलुप्त प्राणी होता हुआ नजर आ रहा है। अब जो नया प्राणीपैदा हो गया है उसे कहते हैं मीडिया। पहले […] Read more » झूठ बोले मीडिया काटे
धर्म-अध्यात्म मीडिया लेख चातुर्मास है संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर July 16, 2024 / July 16, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment चातुर्मास शुभारंभ-17 जुलाई 2024 पर विशेष-ललित गर्ग- भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। विशेषकर वर्षाकालीन चातुर्मास का। हमारे यहां मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ होती हैं- ग्रीष्म, वर्षा और शरद। वर्ष के बारह महीनों को इनमें बॉंट दें, तो प्रत्येक ऋतु चार-चार महीने की हो जाती है। वर्षा ऋतु के […] Read more » चातुर्मास
मीडिया लेख मीडिया: दरकते भरोसे को बचाएं कैसे May 29, 2024 / May 29, 2024 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment हिंदी पत्रकारिता दिवस (30 मई) पर विशेष हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाते समय हम सवालों से घिरे हैं और जवाब नदारद हैं। पं.जुगुलकिशोर शुकुल ने जब 30 मई ,1826 को कोलकाता से उदंत मार्तण्ड की शुरुआत की तो अपने प्रथम संपादकीय में अपनी पत्रकारिता का उद्देश्य लिखते हुए शीर्षक दिया – ‘हिंदुस्तानियों के हित के हेत’। […] Read more » hindi journalism day Hindi Journalism Day (30 May) Special on Hindi Journalism Day (30 May) हिंदी पत्रकारिता दिवस
मीडिया राजनीति मीडिया के लिए ‘वॉचडॉग’ की भूमिका में सोसायटी May 27, 2024 / May 27, 2024 by मनोज कुमार | Leave a Comment प्रो. मनोज कुमार पत्रकारिता के इतिहास में हमें पढ़ाया और बताया जाता है कि पत्रकारिता सोसायटी के लिए ‘वॉच डॉग’ की भूमिका में है लेकिन बदलते समय में अब सोसायटी पत्रकारिता के लिए ‘वॉच डॉग’ की भूमिका में आ गया है। पत्रकारिता के कार्य-व्यवहार को लेकर समाज के विभिन्न मंचों पर चर्चा हो रही है। […] Read more » Society in the role of 'watchdog' for media
मीडिया लेख चिंताजनक है अखबारों और लेखकों की स्थिति November 15, 2023 / November 15, 2023 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment समाचार पत्र और यहां तक कि लेखकों को भी अस्तित्व बचाने के लिए गूगल व फे़सबुक को मात देना होगा। बदहाल होती स्थिति पर सवाल यह है- वे ऐसा कैसे करेंगे? सबसे महत्वपूर्ण कारक है न्यूज़ कैरियर की बढ़ोत्तरी- गूगल, फे़सबुक और बाकी दूसरे। एक तरफ वे किसी अन्य द्वारा उत्पादित समाचार ले लेते हैं और दूसरी […] Read more » The situation of newspapers and writers is worrying