मीडिया राजनीति सहिष्णुता का समीकरण December 7, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 1 Comment on सहिष्णुता का समीकरण डॉ. मधुसूदन (एक) कुछ प्रश्न: प्रश्न (१): सहिष्णुता शब्द किस भाषा का है? उत्तर(१): अंग्रेज़ी का तो लगता नहीं। फिर क्या अरबी का है, या फारसी का है? नहीं। तो लातिनी, ग्रीक इत्यादि में से किस भाषा का है? नहीं जी, यह शब्द तो हिन्दी का है। पर महाराज, हिन्दी में कहाँ से आया? अब […] Read more » Featured सहिष्णुता का समीकरण
मीडिया राजनीति सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप December 7, 2015 by मनोज कुमार | 1 Comment on सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप मनोज कुमार सहिष्णुता अथवा असहिष्णुता का यह मुद्दा उन लोगों का है जिनके पेट भरे हुए हैं। जो दिन-प्रतिदिन टेलीविजन के पर्दे पर या अखबार और पत्रिकाओं के पन्ने पर पक्ष लेते हैं दिखते हैं अथवा देश और सरकार को कोसते हैं। ये वही आमिर खान हैं जिन्होंने कभी भोपाल में कहा था कि उनकी […] Read more » Featured सहिष्णुता-असहिष्णुता का विलाप
मीडिया विविधा आभासी सांप्रदायिकता को स्थापित करने में लगी शक्तियों के इरादों को समझें November 27, 2015 / November 27, 2015 by संजय द्विवेदी | 2 Comments on आभासी सांप्रदायिकता को स्थापित करने में लगी शक्तियों के इरादों को समझें इस असहिष्णु समय में! संजय द्विवेदी सड़क से लेकर संसद तक असहिष्णुता की चर्चा है। बढ़ती सांप्रदायिकता की चर्चा है। कलाकार, साहित्यकार सबका इस फिजां में दम घुट रहा है और वे दौड़-दौड़कर पुरस्कार लौटा रहे हैं। राष्ट्रपति से लेकर आमिर खान तक सब इस चिंता में शामिल हो चुके हैं। भारत की सूरत और […] Read more » Featured virtual communalism virtual intolerence आभासी सांप्रदायिकता
मीडिया पत्रकार सुरक्षित होंगे तभी प्रेस की आजादी सुरक्षित रहेगी : डॉ. नंदकिशोर त्रिखा November 23, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ”प्रेस की आजादी सुरक्षित रखनी है तो पत्रकार सुरक्षित रहना चाहिए।” यह बात गत 22 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नंदकिशोर त्रिखा ने कही। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने किया था और विषय था- ‘पत्रकार सुरक्षा अधिनियम और मीडिया […] Read more » दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन
मीडिया विविधा सोशल मीडिया में बदजुबान होती अभिव्यक्ति की आजादी November 16, 2015 by एम. अफसर खां सागर | 1 Comment on सोशल मीडिया में बदजुबान होती अभिव्यक्ति की आजादी एम. अफसर खां सागर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प सरीखे सोशल साइट्स ने वैश्विक स्तर पर लोगों को करीब आने का मौका दिया है तथा एक-दूसरे के विचारों और संस्कृति से परिचित भी कराया है। संचार का सदव्यवहार संवाद और संस्कृतियों के प्रसार का हमेशा से आधार रहा है। जिस तरह से सोशल मीडिया का विस्तार हुआ […] Read more » Featured बदजुबान होती अभिव्यक्ति की आजादी
मीडिया उनकी असहिष्णुता उनको मुबारक November 11, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on उनकी असहिष्णुता उनको मुबारक मृत्युंजय दीक्षित देश में बढ़ रही असहिष्णुता के नाम पर विरोध जताने हेतु तथाकथित साहित्यकारों ,फिल्मकारों और वैज्ञानिको की ओर से जहा पुरस्कार वापसी का सिलसिला लगातार जारी हैं वहीं दूसरी ओर असहिष्णुता के मुददे पर जिसप्रकार से दोनों ओर से बयानबाजी की जा रही है उससे बहस काफी जोरदार और रोचक होती जा रही […] Read more »
मीडिया छाबड़ाजी: नेताओं की निष्ठुरता November 6, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक जयपुर में श्री गुरुशरण छाबड़ा का अनशन सचमुच आमरण सिद्ध हुआ। अनशन करते-करते उन्होंने प्राण-त्याग दिए। उनके परिजन ने उनके शरीर का दाह-संस्कार भी नहीं किया। उन्होंने अस्पताल को उनका शरीर-दान कर दिया। देश में इतनी बड़ी घटना हो गई लेकिन कोई हलचल नहीं है। इससे क्या सिद्ध होता है? हमारे अखबारवाले […] Read more » छाबड़ाजी श्री गुरुशरण छाबड़ा श्री गुरुशरण छाबड़ा का अनशन
मीडिया सिनेमा हिंसा के परतों के बीच “तितली” November 3, 2015 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस जौहर,चोपड़ा और बड़जात्या की फिल्मों में अमूमन सुखी और संपन्न परिवारों के बारे में बताया जाता है,जहाँ नैतिकता व संस्कारों का ध्यान हद दर्जे तक रखा जाता है.वहां कोई टकराहट नहीं होती है और ये हर तरह से एक आदर्श परिवार होते हैं जहाँ सभी लोग खुश रहते हैं. यह सब दर्शकों को […] Read more » “तितली”
जन-जागरण टॉप स्टोरी मीडिया साहित्य तब कहां गया था तुम्हारा धर्म? November 3, 2015 / November 3, 2015 by देविदास देशपांडे | Leave a Comment किसी जंगल में शिकार का दौर चलता है, तब आम तर पर कुछ लोग जानवर के पीछे आवाज लगाते चलते है। ये लोग जानवर को एक दिशा में धकेलते है ताकि असली शिकारी उसकी शिकार कर सकें। फिलहाल देश में पुरस्कार वापसी का जो दौर चला है, वह इसी प्रथा की याद दिलाता है। अपने […] Read more » Featured samman vapsi तब कहां गया था तुम्हारा धर्म? पुरस्कार वापसी
मीडिया सार्थक पहल बड़ी कामयाबी है छोटा राजन की गिरफ़्तारी October 28, 2015 / October 28, 2015 by मदन तिवारी | Leave a Comment सोमवार दोपहर होते ही देश के साथ साथ विश्व के तमाम मीडिया टीवी चैनल्स, न्यूज़ वेबसाइट्स में डॉन राजेंद्र सदाशिव निखलजे उर्फ़ छोटा राजन की गिरफ़्तारी की ख़बरें प्रकाशित होने लगी। छोटा राजन की गिरफ़्तारी की खबर के साथ साथ उसकी तस्वीर भी प्रकाशित हुई जिससे देश की जनता और सरकार ने चैन की सांस […] Read more » Featured छोटा राजन छोटा राजन की गिरफ़्तारी
मीडिया जज्बातों से खेलना बन्द कीजिए ….. October 26, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अरविन्द मंडलोई जो बात मैं लिखने जा रहा हूँ उसको सिर्फ इस संदर्भ में समझिये कि समाज का जो मनोविज्ञान है वो क्या है ? हर आदमी एक खास मुकाम हासिल कर जिन्दा रहना चाहता है । हर आदमी अपने काम को कर्त्तव्य नहीं समाज पर एहसान मानता है । केन्द्रीय कार्यालयों में सेवारत चपरासी […] Read more » Featured जज्बातों से खेलना बन्द कीजिए .....
मीडिया आत्ममंथन करे मीडिया October 16, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ.अमित प्रताप सिंह पत्रकारों से मार-पीट या जान से मार देने जैसी घटनाओं की के समाचार आजकल आम होते जा रहे हैं, ऐसी घटनाओं के बाद सामान्यतः लोकतंत्र के झंडाबरदार अंततः जुबानी जमाखर्च करके अपने – अपने काम में लग जाते हैं और बेचारा मीडिया अपने फूटे सर और शरीर पर बंधी पट्टियों के साथ […] Read more » आत्ममंथन करे मीडिया