राजनीति राजनीतिक दलों के बाजीगर और चुनावी शतरंज February 16, 2024 / February 16, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर शतरंज की बिसात बिछ रही है। कुछ ही हफ्ते बचे हैं और भारतीय जनता पार्टी एवं सभी विपक्षी दलों ने शतरंज की चालों की तरह अपनी-अपनी चालें चल रहे है। भाजपा एवं इंडिया गठबंधन दोनों ही खेमों में अब हर दिन चुनावी रणनीति को लेकर शतरंज […] Read more » राजनीतिक दलों के बाजीगर
राजनीति सोनिया गाँधी ने क्यों लिखी रायबरेली को चिठ्ठी February 16, 2024 / February 16, 2024 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल “मैं अपने बच्चों को भीख मांगते देख लूंगी, परंतु मैं राजनीति में कमद नहीं रखूंगी।” यह पीड़ा सोनिया गांधी की थी जो अपने पति एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को खोने के बाद कहा था। यह एक माँ और औरत की पीड़ा थी। क्योंकि […] Read more » Why did Sonia Gandhi write a letter to Rae Bareli?
राजनीति आला नेताओं की नाराजगी को आखिर समझ क्यों नहीं पा रहा है कांग्रेस नेतृत्व! February 13, 2024 / February 13, 2024 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे महाराष्ट्र प्रदेश के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री शंकर राव चव्हाण के पुत्र एवं महाराष्ट्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के क्षत्रप अशोक चव्हाण ने कांग्रेस को अलविदा कहकर सभी को चौंका दिया है। दरअसल, राहुल गांधी न्याय यात्रा पर निकले हैं। राहुल गांधी की इस यात्रा का समापन मुंबई में ही होना है। […] Read more »
राजनीति मोदी की कूटनीति से धमाकेदार जीत संभव February 13, 2024 / February 13, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – 2024 के आम चुनावों का रण सज चुका है, कुछ ही हफ्ते बचे हैं और भारतीय जनता पार्टी एवं सभी विपक्षी दलों ने भी कमर कस ली है। भाजपा एवं इंडिया गठबंधन दोनों ही खेमों में अब हर दिन चुनावी रणनीति को लेकर बैठकों, मुलाकातों एवं चुनावी गणित को फीट करने का […] Read more » मोदी की कूटनीति से धमाकेदार जीत संभव
राजनीति विश्ववार्ता पाकिस्तान के राष्ट्रीय चुनाव भारी अस्थिरता की शुरुआत का प्रतीक February 13, 2024 / February 13, 2024 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment पाकिस्तान के राष्ट्रीय चुनाव की परिणति भारी अस्थिरता की शुरुआत का प्रतीक है। चुनावी जीत के प्रतिस्पर्धी दावों ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता में नुकसान की भारी कीमत चुकाई है। नयी सरकार निस्संदेह वहां के जनरलों को ढाल देने का काम करेगी, लेकिन विफल अर्थव्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और राज्य से राज्य संबंधों की परेशान करने […] Read more » पाकिस्तान के राष्ट्रीय चुनाव
राजनीति भारत में हरित क्रांति के अगुआ थे स्वामीनाथन ! February 13, 2024 / February 13, 2024 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 फरवरी को यह घोषणा की है कि भारत में ‘हरित क्रांति’ के जनक माने जाने वाले दिवंगत कृषि वैज्ञानिक एम.एस.स्वामीनाथन (पूरा नाम मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन) को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। जानकारी देना चाहूंगा कि पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एमएस […] Read more » हरित क्रांति के अगुआ थे स्वामीनाथन
राजनीति विश्ववार्ता पाकिस्तान में लोकतंत्र है या सेना तंत्र February 12, 2024 / February 12, 2024 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्तानी पाकिस्तान के बनने के पश्चात प्रारंभ से पैदा हुई उसकी राजनीतिक दुश्वारियां अभी तक पीछा नहीं छोड़ रही हैं। सत्ता के संघर्ष के इस खेल में पाकिस्तान ने पाया कुछ नहीं, इसके विपरीत खोया बहुत है। अभी हाल ही में हुए चुनाव में पाकिस्तान के राजनीतिक आसमान में फिर से अस्थिरता के बादल […] Read more » Is Pakistan a democracy or a military system
राजनीति मस्जिदों का नियंत्रण देसी मुसलमानों के हाथ में हो February 12, 2024 / February 12, 2024 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment -डा॰ कुलदीप चन्द अग्निहोत्री यह रहस्य किसी से छिपा नहीं है कि महमूद गजनवी से लेकर औरंगजेब तक के लगभग छह सात सौ साल के कार्यकाल में अरबों ,तुर्कों और मुगल मंगोलों ने हिन्दुस्तान में मंदिरों को ही नहीं गिराया बल्कि बहुत से लोगों को मतान्तरित भी […] Read more » Control of mosques should be in the hands of local Muslims
राजनीति मोदी के आत्मविश्वास से भरा आमचुनाव का गणित February 7, 2024 / February 7, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:-लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा के समय विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मविश्वास एवं कर्मठता से भरकर कहा कि मैं ऐसे आँकड़ों में नहीं पड़ता लेकिन मैं देख रहा हूं कि देश का मिजाज भारतीय जनता पार्टी को 370 और […] Read more » General election mathematics full of Modi's confidence
आर्थिकी राजनीति भारत शेयर बाजार पूंजीकरण के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर पहुंचा February 7, 2024 / February 7, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारत आज अर्थ के विभिन्न क्षेत्रों में नित नई ऊंचाईयां छू रहा है। दिसम्बर 2023 के प्रथम सप्ताह में भारत ने फ्रान्स एवं ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए शेयर बाजार के पूंजीकरण के मामले में पूरे विश्व में पांचवा स्थान हासिल किया था। भारत से आगे केवल अमेरिका, चीन, जापान एवं हांगकांग थे। परंतु, अब दो माह से भी कम समय में भारत ने शेयर बाजार के पूंजीकरण के मामले में हांगकांग को पीछे छोड़ते हुए विश्व में चौथा स्थान प्राप्त कर लिया है। भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण 4.35 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का हो गया है। अब ऐसा आभास होने लगा है कि भारत अर्थ के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करता हुआ दिखाई दे रहा है। एक ईसवी से लेकर 1750 ईसवी तक आर्थिक दृष्टि से पूरे विश्व में भारत का बोलबाला था। इस खंडकाल में विश्व के कुल विदेशी व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से भी अधिक की रही है क्योंकि उस समय पर भारत में सनातन संस्कृति का पालन करते हुए व्यापार किया जाता था। भारत में कर्म एवं अर्थ के कार्यों को धर्म का पालन करते हुए करने की प्रथा का पुरातन शास्त्रों में वर्णन मिलता है। भारत में चूंकि आज एक बार पुनः सनातन संस्कृति का पालन करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य सम्पन्न हो रहे हैं अतः पूरे विश्व का भारत पर विश्वास बढ़ रहा है अतः न केवल विदेशी वित्तीय संस्थान बल्कि विदेशी नागरिक भी भारत के पूंजी (शेयर) बाजार में अपने निवेश को लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। भारत में नैशनल स्टॉक एक्स्चेंज पर लिस्टेड समस्त कम्पनियों के कुल बाजार पूंजीकरण का स्तर 2 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर जुलाई 2017 में पहुंचा था और लगभग 4 वर्ष पश्चात अर्थात मई 2021 में 3 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर गया था तथा केवल लगभग 2.5 वर्ष पश्चात अर्थात दिसम्बर 2023 में यह 4 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर को भी पार कर गया था और आज यह 4.35 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर से भी आगे निकल गया है। इस प्रकार भारत शेयर बाजार पूंजीकरण के मामले में आज पूरे विश्व में चौथे स्थान पर आ गया है। प्रथम स्थान पर अमेरिकी शेयर बाजार है, जिसका पूंजीकरण 50.86 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। द्वितीय स्थान पर चीन का शेयर बाजार है जिसका पूंजीकरण 8.44 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। वर्ष 2023 में चीन के शेयर बाजार ने अपने निवेशकों को ऋणात्मक प्रतिफल दिए हैं। तीसरे स्थान पर जापान का शेयर बाजार है जिसका पूंजीकरण 6.36 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। चौथे स्थान पर भारत का शेयर बाजार है जिसका पूंजीकरण 4.35 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है। पांचवे स्थान पर हांगकांग का शेयर बाजार है जिसका पूंजीकरण 4.29 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है। जिस तेज गति से भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण आगे बढ़ रहा है, अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय पश्चात ही भारतीय शेयर बाजार का पूंजीकरण जापान शेयर बाजार के पूंजीकरण को पीछे छोड़ते हुए पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर आ जाएगा। भारतीय शेयर बाजार आज विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया है क्योंकि भारतीय शेयर बाजार अपने निवेशकों को भारी लाभ दे रहा है। हाल ही में सम्पन्न किए गए एक सर्वे में यह बात उभरकर सामने आई है कि विश्व के 100 बड़े निवेशक फंड जिनकी संपतियां 26.25 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक की हैं, ने चीन के स्थान पर भारत में अपने निवेश बढ़ाने की बात की है। भारत के बाद ब्राजील एवं चीन में ये फंड अपने निवेश की बात कर रहे हैं। वर्ष 2023 में विभिन्न विदेशी निवेशक फंडों ने 2000 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश भारत के शेयर बाजार में किया है। पिछले लगातार 8 वर्षों के दौरान भारतीय शेयर बाजार ने अपने निवेशकों को लाभ दिया है जबकि विश्व के कई बड़े बाजार यथा चीन, हांगकांग एवं जापान जैसे बाजार भी लगातार यह लाभ नहीं दे पाए हैं। भारतीय शेयर बाजार ने वर्ष 2023 में अपने निवेशकों को 10 प्रतिशत से अधिक का लाभ दिया है। भारत विश्व में विकास के इंजन के रूप में उभर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि वर्ष 2024 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में भारत का योगदान 16 प्रतिशत से भी अधिक का रहने वाला है। जब अन्य देशों की विकास दर कम हो रही हैं तब भारत में आर्थिक विकास दर तेज हो रही हैं। यह सब केंद्र सरकार द्वारा देश में लागू की जा रही आर्थिक नीतियों के कारण सम्भव हो पा रहा है। देश में मंदिर अर्थव्यवस्था एवं धार्मिक पर्यटन के बढ़ते आधार के चलते ही यह सम्भव हो पा रहा है। जब भारत की विकास दर बढ़ रही है तो भारत में कार्य कर रही विनिर्माण एवं अन्य क्षेत्रों में कार्यरत कम्पनियों का व्यापार भी बढ़ रहा है और भारतीय पूंजी बाजार में इन कम्पनियों के शेयरों की कीमत भी बढ़ रही है। अतः विदेशी संस्थान सहित विदेशी नागरिक भी अपने निवेश पर अधिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। विदेशी निवेशक एवं विदेशी संस्थान जो माह सितम्बर 2023 तक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे, अब अचानक भारी मात्रा में भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। आज कई बार तो एक दिन में 5000 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि का निवेश इन विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार में किया जा रहा है। केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों द्वारा कई बार यह आरोप लगाया जाता है कि भारत में सरकारी उपक्रमों को समाप्त किया जा रहा है। जबकि पिछले 27 माह के खंडकाल के दौरान सरकारी उपक्रमों का पूंजीकरण शेयर बाजार में दुगना होकर 46.40 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का हो गया है। सरकारी उपक्रमों ने अपने बाजार पूंजीकरण में इस अवधि में अतुलनीय वृद्धि दर्ज की है। बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज का सेन्सेक्स पिछले 27 माह में 60,000 के स्तर से 70,000 के स्तर को पार कर गया है। इन सरकारी उपक्रमों के कोरपोरेट गवर्नन्स में भारी सुधार हुआ है, जिसके चलते न केवल विदेशी निवेशकों का बल्कि भारत के संस्थागत निवेशकों एवं खुदरा निवेशकों का भी विश्वास इन सरकारी उपक्रमों पर बढ़ा है। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र में लगातार लागू किए जा रहे विभिन्न सुधार कार्यक्रमों के चलते विदेशी संस्थागत निवेशक, विदेशी खुदरा निवेशक एवं विदेशों में निवास कर रहे भारतीय मूल के नागरिक भी भारतीय कम्पनियों में भारी मात्रा में शेयर बाजार के माध्यम से निवेश कर रहे हैं। हाल ही के समय में भारतीय कम्पनियों की लाभप्रदता में भी अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर हुई है जिससे इन कम्पनियों के विभिन्न वित्तीय अनुपात बहुत आकर्षक बन गए हैं। जबकि चीन, हांगकांग, ब्रिटेन, जापान जैसे शेयर बाजार अपने निवेशकों को ऋणात्मक अथवा बहुत कम रिटर्न दे पा रहे हैं। कई विदेशी संस्थान निवेशक तो चीन, हांगकांग आदि देशों से अपना पूंजी निवेश निकालकर भारतीय शेयर बाजार में कर रहे हैं। इससे आगे आने वाले समय में भी भारतीय शेयर बाजार में वृद्धि दर आकर्षक बनी रहेगी, इसकी भरपूर सम्भावना व्यक्त की जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि शेयर बाजार में निवेशक अपनी जमापूंजी का निवेश बहुत सोच विचार कर करता है एवं जब निवेशकों को यह आभास होने लगता है कि अमुक कम्पनी का भविष्य बहुत उज्जवल है एवं निवेशक द्वारा किए गए निवेश पर प्रतिफल अधिकतम रहने की सम्भावना है, तभी निवेशक अपनी जमापूंजी को शेयर बाजार में उस अमुक कम्पनी में निवेश करते है। इस प्रकार, जब किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर निवेशकों का भरोसा बढ़ता हुआ दिखाई देता है तो विशेष रूप से विदेशी निवेशक एवं विदेशी संस्थागत निवेशक उस देश में विभिन्न कम्पनियों के शेयर में अपनी निवेश बढ़ाते हैं। चूंकि विदेशी संस्थानों को आगे आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एवं भारतीय कम्पनियों की विकास यात्रा पर भरपूर भरोसा है अतः भारतीय शेयर बाजार में निवेश भी रफ्तार पकड़ रहा है। Read more » India reached fourth place in the world in terms of stock market capitalization
राजनीति यूसीसी पर उत्तराखण्ड की बड़ी एवं सार्थक पहल February 6, 2024 / February 6, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने समान आचार संहिता (यूसीसी) के ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी है, इसी चार दिनों के विशेष सत्र में इसे आसानी से पारित भी कर दिया जायेगा। इस तरह देश को आजादी मिलने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन जाएगा। इससे पहले गोवा में यह […] Read more » Big and meaningful initiative of Uttarakhand on UCC
आर्थिकी राजनीति पूंजीगत खर्च बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करना बजट की सफलता है February 2, 2024 / February 2, 2024 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment वर्ष 2024 में लोक सभा चुनाव होने जा रहे हैं, अतः केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में भारी भरकम घोषणाओं से बचते हुए दिनांक 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में वोट ओन अकाउंट पेश किया। लोक सभा चुनाव के सम्पन्न होने के पश्चात एक बार पुनः वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट माननीया वित्त मंत्री महोदया द्वारा लोक सभा में पेश किया जाएगा। इस तरह से परम्परा का निर्वहन ही किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 वर्ष के लिए पेश किए किए गए बजट की मुख्य विशेषता यह है कि पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करने का सफल प्रयास किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए केंद्रीय बजट में 7.5 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया था। इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए गए बजट में बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए का कर दिया गया था और अब वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपए के रिकार्ड पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। यदि किसी देश में पूंजीगत व्यय की मात्रा बढ़ाई जाती है तो इससे उस देश के लिए आय के साधन भी बढ़ते हैं। यह तथ्य भारत के मामले में भी उजागर होता दिखाई दे रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान लगातार भारी भरकम राशि के पूंजीगत व्यय के कारण अब देश की सकल आय में भी वृद्धि दृष्टिगोचर है। न केवल अप्रत्यक्ष कर, वस्तु एवं सेवा कर, की औसत मासिक वसूली 1.66 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक की हो गई है बल्कि प्रत्यक्ष करों में भी 25 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि दर्ज हो रही है। जिसके चलते केंद्र सरकार को पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के साथ ही वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने में भी सफलता मिल रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से 23.24 लाख करोड़ रुपए की कुल आय अनुमानित है और कुल खर्च 44.90 लाख करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का, 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से कुल आय बढ़कर 30.80 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है तो कुल व्यय 47.66 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना है। इस प्रकार वित्तीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद का, 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय घाटे को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत तक नीचे लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वित्तीय घाटा कम होने का सीधा सा अर्थ है कि केंद्र सरकार को बाजार से कम ऋण लेने की आवश्यकता होगी क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत खर्च में बढ़ौतरी के चलते आय के साधन बढ़ रहे हैं। इससे भारतीय बैकों को निजी क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने हेतु अधिक राशि उपलब्ध होगी। वैसे भी, पिछले दो वर्षों के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किए गए भारी भरकम पूंजीगत खर्च के चलते देश के आर्थिक चक्र में जो गति आई है उसके कारण उत्पादों की मांग में वृद्धि दर्ज हुई है एवं विभिन्न विनिर्माण इकाईयां अपनी उत्पादन क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक उपयोग करने लगी हैं। इस स्थिति के बाद सामान्यतः विनिर्माण इकाईयों के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना आवश्यक हो जाता है। अतः अब उद्योग क्षेत्र को अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी जिसे बैकों से ऋण लेकर पूरा किया जा सकता है। अतः केंद्र सरकार अपने संसाधनों का उचित उपयोग करते हुए अभी से यह प्रयास कर रही है कि उसे स्वयं कम ऋण की आवश्यकता हो ताकि यह राशि उद्योग क्षेत्र को ऋण के रूप में उपलब्ध करायी जा सके। इस प्रकार, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने इस बजट के माध्यम से पूंजीगत खर्च को बढ़ाने के बावजूद वित्तीय घाटे को कम करने का सफल प्रयास किया है। पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत के नागरिकों ने वित्तीय क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखे हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किया गया है कि भारत में सर्वसमावेशी, सर्वांगीण एवं सर्वस्पर्शी विकास हो। देश में खाद्यान की चिंता दूर हुई है। ग्रामीण इलाकों के प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लगभग एक करोड़ नए मकान निर्मित किए गए हैं, हर घर नल योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में घरों तक पीने का पानी उपलब्ध कराया गया है एवं मातृशक्ति को कूकिंग गैस उपलब्ध कराई गई है। 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं ताकि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे ही इन बैंक खातों के माध्यम से हितग्राहियों के हाथों में पहुंचे। 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अंतर्गत 11.8 करोड़ किसानों को 6,000 रुपए प्रतिवर्ष सम्मान निधि सीधे उनके खातों में जमा की जा रही है। 4 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। फसलों की विभिन्न पैदावार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। कुल मिलाकर, पिछले 10 वर्षों के दौरान 25 करोड़ नागरिकों को गरीबी रेखा के ऊपर लाने में सफलता मिली है। इससे अब भारतीय नागरिकों की अपेक्षाएं भी बढ़ गई है। अतः नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करते हुए माननीया वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किए गए बजट में घोषणा की है कि एक करोड़ नागरिकों को, जो सोलर पेनल का उपयोग करेंगे, 300 यूनिट बिजली मुफ्त में प्रदान की जाएगी ताकि भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और पेट्रोल, डीजल एवं कोयले के उपयोग को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त नए मकान बनाए जाएंगे ताकि देश के प्रत्येक परिवार के पास अपनी छत उपलब्ध हो सके। आगे आने वाले कुछ वर्षों में लखपति दीदी बनाने के उद्देश्य से 9 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि मातृशक्ति रोजगार देने वाली बनें। देश में अभी तक एक करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लखपति दीदी बनाया जा चुका है। इस लक्ष्य को अब 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा रहा है। देश में अधोसंरचना को विकसित करने के उद्देश्य से रेल्वे के तीन नए कोरिडोर बनाए जाने का प्रावधान भी किया गया है। प्रथम, ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा। द्वितीय, पत्तन गलियारा एवं तृतीय अधिक यातायात वाला गलियारा। यह तीन गलियारे पूर्व में ही विकसित किए जा रहे समर्पित माल गलियारे के अतिरिक्त होंगे। इन तीन गलियारों के विकसित होने के बाद देश में रेल्वे की सुविधाओं में और अधिक सुधार होगा। इसी प्रकार देश में हवाई अड्डों की संख्या भी बढ़कर 149 हो गई है एवं अब कई 2 एवं 3 टायर शहरों में भी हवाई अड्डों का निर्माण किया जा चुका है। भारत में कार्य कर रही विभिन्न विमानन कम्पनियों द्वारा 1000 नए विमानों को खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है। कुल मिलाकर देश में अधोसंरचना के क्षेत्र में, रोड, रेल, हवाई मार्ग एवं जल मार्ग सहित, अतुलनीय सुधार हुआ है। केंद्र सरकार रेवड़ियां बांटने के स्थान पर देश में आधारभूत संरचना को विकसित करने पर अधिक जोर दे रही है। इससे देश की सकल आय में वृद्धि हो रही है और युवा, महिला, किसान एवं गरीब वर्ग के हितार्थ नई नई योजनाएं चलाने में आसानी हो रही है। देश के समस्त परिवारों के लिए अपनी छत, जल, शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था किए जाने के भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। इससे देश के नागरिकों में विश्वास पैदा हो रहा है। प्रहलाद सबनानी Read more »