राजनीति बिहार को बिहारी ही चलाएगा’ का क्या मतलब ? October 30, 2015 by मिलन सिन्हा | 1 Comment on बिहार को बिहारी ही चलाएगा’ का क्या मतलब ? मिलन सिन्हा बिहार को बिहारी ही चलाएगा, ऐसा चुनाव के इस मौसम में नीतीश कुमार कहने लगे हैं, क्यों कि उन्हें बिहारी मतदाताओं को नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को बाहरी बता कर उन पर भरोसा न करने के लिए प्रेरित करना है. राजनीति में ऐसा कहना-करना गैर मुनासिब नहीं कहा जा सकता है. लेकिन […] Read more » Featured बिहार को बिहारी ही चलाएगा
राजनीति अखिलेश कैबिनेट में फेरबदल October 30, 2015 by संजय सक्सेना | Leave a Comment अखिलेश कैबिनेट में फेरबदल बदलाव हुआ,क्यों हुआ,नहीं बतायेंगे संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल में बदलाव करके जाते हुए 2015 में एक नया रंग भर दिया।उन्होंने इस बात की जरा भी परवाह नहीं की कि सियासत और सत्ता के रंग ‘निराले’ होते हैं।यहां कुछ करो तो हलचल और न करों तो […] Read more » Featured अखिलेश कैबिनेट में फेरबदल
राजनीति विश्ववार्ता मुशर्रफ के बड़बोले बोल October 29, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment पाकिस्तान है कि मानता नही. पाकिस्तान अपनी करतूतों की वजह से पूरे विश्व में जिलहत का सामना कर रहा है. अभी हाल में पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने अमेरिकी दौरे पर आतंकवाद और भारत विरोधी डोजियर को लेकर फटकार सुनी. जहां उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस हुई. मामला वहां का शान्त हुआ ही था. अब […] Read more » मुशर्रफ
राजनीति आपातकाल को याद रखने के निहितार्थ? October 29, 2015 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री जून 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल को हालांकि 40 वर्षों से अधिक समय बीत चुका है। परंतु गांधी परिवार व कांग्रेस का विरोध करने वाले कुछ खास लोग इन यादों को समय-समय पर अलग-अलग तरीकों से ताज़ा रखने की कोशिश करते रहते हैं। चाहे वह आपातकाल […] Read more » Featured आपातकाल आपातकाल को याद रखने के निहितार्थ?
राजनीति तांत्रिक अनुष्ठानों के फेर में राजनेता October 27, 2015 / October 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on तांत्रिक अनुष्ठानों के फेर में राजनेता प्रमोद भार्गव अकसर हमारे देश में ग्रामीण, अशिक्षित और गरीब को टोना-टोटकों का उपाय करने पर अंधविश्वासी ठहरा दिया जाता है। अंधविश्वास के पाखंड से उबारने की दृश्टि से चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान भी इन्हीं लोगों पर निशाना साधते हैं। वैसे भी आर्थिक रुप से कमजोर और निरक्षर व्यक्ति के टोनों-टोटकों को तो इस […] Read more » Featured तांत्रिक अनुष्ठानों के फेर में राजनेता
राजनीति विश्ववार्ता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का अमेरिका में अपमान October 27, 2015 / October 28, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अब लगातार कमजोर और मजाक के पात्र बनते जा रहे हैं। आज पाकिस्तान जिन हालातों के दौर से गुजर रहा है इसके लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना, आईएसआई व भारत विरोधी वे तत्व ही जिम्मेदार हैं जो अपनी राजनीति को चलाने के लिए […] Read more » Featured अमेरिका में अपमान नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
राजनीति टूटा ख्वाब, क्या करें नवाज October 27, 2015 / October 28, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment पाकिस्तान नाम तो सुना होगा. अपनी हरकत की वजह से तो विश्व में काफी नाम कमा चुका है. वैसे पाकिस्तान का मतलब देखा जाए तो होता है, ‘पाक+स्थान’ जिसमें पाक का मतलब साफ और स्थान जगह. लेकिन ये तो कुछ अलग ही है. कहते है नाम का काफी असर होता है. लेकिन यहां तो पूरा […] Read more » क्या करें नवाज टूटा ख्वाब
राजनीति बिहार चुनावों में साजिशों पर साजिशें October 24, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on बिहार चुनावों में साजिशों पर साजिशें मृत्युंजय दीक्षित देश की राजनीति आजकल बहुत ही सुविधाजनक हो गयी है किसी भी दल को अब देश के विकास की नहीं अपितु महज अपने वोटबैंक को दुरूस्त रखने की हो गयी है। जब पूरे विश्व में भारत का मान ऊंचा हो रहा है तथा भारत संयुक्तराष्ट्र महासभा में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने की ओर […] Read more » Featured बिहार चुनाव
राजनीति प्रधानमंत्री की खामोशी के अर्थ-अनर्थ October 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी तय मानिए यह देश नरेंद्र मोदी को, मनमोहन सिंह की तरह व्यवहार करता हुआ सह नहीं सकता। पूर्व प्रधानमंत्री मजबूरी का मनोनयन थे, जबकि नरेंद्र मोदी देश की जनता का सीधा चुनाव हैं। कई मायनों में वे जनता के सीधे प्रतिनिधि हैं। जाहिर है उन पर देश की जनता अपना हक समझती है […] Read more » Featured प्रधानमंत्री की खामोशी के अर्थ
राजनीति कांग्रेस के वरिष्ठों में भविष्य की चिंता October 24, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कांग्रेस पार्टी का वर्तमान और भविष्य उसके वरिष्ठ नेताओं के लिए कई प्रकार के प्रश्नचिन्ह उपस्थित कर रहा है। कांग्रेस में अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय व्यतीत करने वाले नेताओं द्वारा गाहे बगाहे कहा जा रहा है कि कांग्रेस की कमान बहुत जल्दी विरासती पृष्ठभूमि से उपजे राजनेता राहुल गांधी को मिलने वाली […] Read more » Featured कांग्रेस कांग्रेस के वरिष्ठों में भविष्य की चिंता वरिष्ठों में भविष्य की चिंता
जन-जागरण राजनीति सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर October 23, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | 1 Comment on सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर उमेश चतुर्वेदी वैचारिक असहमति और विरोध लोकतंत्र का आभूषण है। वैचारिक विविधता की बुनियाद पर ही लोकतंत्र अपना भविष्य गढ़ता है। कोई भी लोकतांत्रिक समाज बहुरंगी वैचारिक दर्शन और सोच के बिना आगे बढ़ ही नहीं सकता। लेकिन विरोध का भी एक तार्किक आधार होना चाहिए। तार्किकता का यह आधार भी व्यापक होना चाहिए। कथित […] Read more » Featured सम्मान वापसी अभियान
राजनीति आप तो ऐसे न थे मुनव्वर राणा October 21, 2015 by अनुज अग्रवाल | 4 Comments on आप तो ऐसे न थे मुनव्वर राणा ” दंगे का समय था | मुल्क में हवा भी डर कर बह रही थी | पर मेरा दरवाजा सुबह ४ बजे खुलता है | किसी ने मुझसे कहा कि आजकल मुल्क का माहौल ठीक नहीं है | आप अपने घर का दरवाजा बंद रखा कीजिये | मैंने जबाब दिया “आप चिंता मत कीजिये जनाब […] Read more » Featured आप तो ऐसे न थे मुनव्वर राणा मुनव्वर राणा