राजनीति क्या बिहार में जंगलराज था या है ? अगर ‘हाँ’ …तो इसमें भाजपा का भी योगदान है August 15, 2015 by आलोक कुमार | 1 Comment on क्या बिहार में जंगलराज था या है ? अगर ‘हाँ’ …तो इसमें भाजपा का भी योगदान है आज से पाँच दिनों पहले , रविवार ९ अगस्त २०१५ को , गया की रैली में बिहार के पिछले २५ वर्षों के शासनकाल को , जंगलराज , कुशासन और बिहार की बदहाली का कारण बता कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो भाजपा की प्रदेश इकाई को सांसत में ही डाल दिया है l प्रधानमंत्री के […] Read more »
राजनीति काहे की आजादी August 15, 2015 by अनिल कुमार पाण्डेय | Leave a Comment अनिल कुमार पाण्डेय भारत १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ था। अंग्रेजों से राजनैतिक मुक्ति की ये ६९वीं वर्षगांठ है। आज देश को आजादी मिले सात दशक गुजर गये, बावजूद इसके आज भी हमारी मानसिकता का स्तर ठीक वैसा ही है जैसा कि आजादी के पहले का था। मानसिक गुलामी आज […] Read more » काहे की आजादी
राजनीति इतिहास छुपाने का महापाप क्यों? August 15, 2015 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on इतिहास छुपाने का महापाप क्यों? प्रवीण दुबे १५ अगस्त अर्थात एक ऐसा दिन जब हमें परतंत्रता की बेडिय़ों से मुक्ति मिली थी, यह वही दिन है जब भारत की धरती पर दो सौ वर्षों तक लहराने वाले यूनियन जेक की जगह हमारे प्यारे तिरंगे ने ली थी। यह शान का दिन है, स्वभिमान का दिन है यह उन हुतात्माओं को […] Read more » इतिहास छुपाने का महापाप क्यों?
राजनीति भारत का अखंड स्वरुप– डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री August 15, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment कहा जाता है कि वीर सावरकर की अस्थियाँ अभी भी उनके वंशजों के पास सुरक्षित हैं । वे अपनी मृत्यु से पूर्व वसीयत कर गये थे कि उनकी अस्थियाँ सिन्धु नदी में तभी प्रवाहित की जायें जब भारत एक बार फिर से अखंड हो जाये । अखंड भारत का क्या अर्थ है ? पन्द्रह अगस्त […] Read more » भारत का अखंड स्वरुप
राजनीति अब समाजवाद की बागडोर अखिलेश को सौपने की तैयारी August 14, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित राजधानी लखनऊ में विगत 4 अगस्त को समाजवादियों का सम्मान समारोह किया गया इस बहाने देशभर के समाजवादी एकत्र हुए तथा भविष्य में समाजवादी की भूमिका पर अपने विचारों का आदान प्रदान भी किया। यह सम्मेलन तो था समाजवादियों के सम्मान का लेकिन इसके मुख्य केंद्रबिंदु युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही थे। […] Read more » अखिलेश अब समाजवाद की बागडोर
राजनीति सियासी भंवर में फंसी जीएसटी August 14, 2015 / August 14, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment केशव झा इसे देश का दुर्भाग्य ना कहें तो क्या कहें की हमारे सियासतदान देशहित जैसे अतिमहत्वपूर्ण मसलों पर भी सियासत करने पर उतारूँ हैं। सियासत के हालिया संदर्भ को देखें तो आर्थिक एकीकरण करने वाली विधेयक जीएसटी पर भी सियासी खिंचतान और जोराजमाइश चरम पर है। जीएसटी पर सरकार और विपक्ष खेमों में बटीं […] Read more » जीएसटी
राजनीति संसद में दिखा राजनीती का स्वार्थी चेहरा August 14, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on संसद में दिखा राजनीती का स्वार्थी चेहरा भारत में राजनीति का जो दौर दिखाई दे रहा है, उससे किसका भला हो रहा है और भविष्य में किसका भला होगा। अगर इस प्रकार की राजनीति देश की जनता के लिए हितकारी नहीं है तो ऐसी राजनीति से देश के राजनीतिक दलों को तौबा करना ही चाहिए। अपने अपने स्वार्थों के भंवर में कैद […] Read more » संसद में दिखा राजनीती स्वार्थी चेहरा
राजनीति लोकतंत्र के लिए सबसे शर्मनाक सत्र August 14, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on लोकतंत्र के लिए सबसे शर्मनाक सत्र मृत्युंजय दीक्षित संसद का वर्तमान मानसून सत्र संभवतः 68 वर्षो में सबसे शर्मनाक सत्र के रूप में याद किया जायेगा। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद देश के जनमानस मे आशा व उम्मीदों का एक नया दीप जला था लेकिन कांग्रेस पार्टी के केवल दो बड़े नेताओं श्रीमती सोनिया गांधी व राहुल गांधी […] Read more » लोकतंत्र लोकतंत्र के लिए सबसे शर्मनाक सत्र
राजनीति नाक की लड़ाई बना संसदीय हंगामा August 12, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | 2 Comments on नाक की लड़ाई बना संसदीय हंगामा उमेश चतुर्वेदी लोकसभा से कांग्रेस के 25 सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस का आक्रामक होना स्वाभाविक ही है। लोकतांत्रिक समाज में विपक्ष अक्सर ऐसे अवसरों की ताक में रहता है, ताकि वह खुद को शहीद साबित करके जनता की नजरों में चढ़ सके। ठीक सवाल साल पहले मिली ऐतिहासिक और करारी हार से पस्त […] Read more » नाक की लड़ाई संसदीय हंगामा
टॉप स्टोरी राजनीति हिंद स्वराज जन-गण-मन मंगलदायक जय हे August 12, 2015 / August 15, 2015 by नीलाक्ष “विक्रम” | 1 Comment on जन-गण-मन मंगलदायक जय हे नीलाक्ष “विक्रम” राष्ट्रगान के एक शब्द अधिनायक को लेकर नई बहस शुरू है। बहस और अदालती मामले पहले भी सुर्खियां बने हैं। इस बार राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठे दो लोगों में इस मुद्दे पर मतभिन्नता है। ‘अधिनायक’ शब्द हटाने या न हटाने को लेकर राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और त्रिपुरा के […] Read more » जन-गण-मन मंगलदायक जय हे
राजनीति मदरसे, आधुनिक शिक्षा और ताजा विवाद August 12, 2015 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस हर फैसले का एक परिपेक्ष होता है, महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले को भी एक परिपेक्ष में देखने की जरूरत है जिसमें निर्णय लिया गया है कि जो मदरसे महाराष्ट्र सरकार का पाठ्यक्रम नहीं अपनायेंगे उन्हें स्कूल नहीं माना जाएगा, इसका मतलब है कि वहां पढ़ने वाले बच्चों को ‘आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन’ […] Read more » आधुनिक शिक्षा मदरसे
राजनीति कृपया चुनावी भाषणों को गालियों में तब्दील मत कीजिए August 12, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 3 Comments on कृपया चुनावी भाषणों को गालियों में तब्दील मत कीजिए शैलेन्द्र चौहान एक समय था जब नेता एक-दूसरे के प्रति शालीन भाषा का इस्तेमाल करते थे। वे इसका ख्याल रखते थे कि राजनीतिक बयानबाजी व्यक्तिगत आक्षेप के स्तर पर न आने पाए। उनकी ओर से ऐसी टिप्पणियों से बचा जाता था जो राजनीतिक माहौल में कटुता और वैमनस्य पैदा कर सकती थीं। दुर्भाग्य से आज […] Read more » कृपया चुनावी भाषणों को गालियों में तब्दील