चुनाव राजनीति तुक्के पर नहीं सधा मुलायम सिंह का तीर! April 14, 2014 by रमेश पांडेय | Leave a Comment -रमेश पाण्डेय- समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव भले ही डॉक्टर राम मनोहर लोहिया और जय प्रकाश जी को अपना आदर्श पुरूष बताते हैं, पर सच यह है कि उनके विचारों पर वह कभी एक कदम भी नहीं चलते। हो सकता कि इन महान पुरूषों के विचारों से उनका कोई लेना-देना भी न हो। […] Read more » Mulayam singh missed target ! तुक्के पर नहीं सधा मुलायम सिंह का तीर!
चुनाव राजनीति आखिर क्या है अमित शाह का -बदला लो- आह्वान April 14, 2014 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment -प्रवीण गुगगानी- लोकसभा चुनावों के घटनाक्रम में जब भाजपा नेता और उप्र की बागडोर संभाल रहे अमित शाह और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर रैलियों,जुलुस,आमसभा,रोड शो आदि का प्रतिबन्ध चुनाव आयोग ने लगाया तब इस कार्यवाही पर बहुत से प्रश्नचिन्ह लग गए. नैतिकता-अनैतिकता, उपयुक्त-अनुपयुक्त, समय-असमय जैसे अनेक शब्द मुखौर स्वर चुनाव आयोग की […] Read more » reason behind Amit Shah's call - 'Badla lo' आखिर क्या है अमित शाह का -बदला लो- आह्वान
चुनाव राजनीति क्या इतना नीचे गिरना चाहिये केजरीवाल को ? April 14, 2014 / April 14, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | 6 Comments on क्या इतना नीचे गिरना चाहिये केजरीवाल को ? गज़ल-सम्राट जगजीत सिंह की एक गज़ल है – ज़िन्दगी भर मेरे काम आए उसूल एक-एक कर उन्हें बेचा किया, आज मैंने अपना फिर सौदा किया। गज़ल की उपरोक्त पंक्तियां अरविन्द केजरीवाल पर एकदम सटीक बैठती हैं। अपने आसपास सिद्धान्तों का जाल बुनना और फिर उचित समय पर उनका सौदा कर लेने की […] Read more » Kejrival should not fall so much क्या इतना नीचे गिरना चाहिये केजरीवाल को
चुनाव राजनीति “… उतरा है सुशासन मुखिया के निवास में” April 14, 2014 / April 14, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- पिछले साढ़े आठ सालों के सुशासनी शासन काल में पंचायती राज को दुरुस्त करने का काफी ढिंढोरा पीटा गया, अनेक लोक-लुभावन घोषणाएं की गयीं, सरकारी खजाने से अरबों रुपए बेदर्दी से खर्च भी किए गए लेकिन नतीजा सिफर ही रहाl कुछ सार्थक हासिल तो नहीं ही हुआ, उल्टे गांव और ग्राम-पंचायत हाशिए पर चले गएl मौजूदा […] Read more » "... उतरा है सुशासन मुखिया के निवास में" good governance at CM residence
कविता चुनाव राजनीति व्यंग्य भूख की रोटी, बोल के घी में लिपटाई है April 14, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- भूख की रोटी, बोल के घी में लिपटाई है खाली कटोरी पर, लिखी गई मलाई है बेवफा वादो की चटनी के साथ फिर सपनों वाली वही बासी मिठाई है सजाए हुए बैठे हैं सब एक सी थाली ऐ सियासत तेरी अदाएं निराली !! नकली आंसू और वादो की भरमार हैं कुछ अजब सा, […] Read more » poem on politics बोल के घी में लिपटाई है भूख की रोटी
चुनाव राजनीति बुद्धिजीवियों में बहुलतावादी दृष्टि की कमी April 14, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- अब नरेंद्र मोदी इतना आगे निकल चुके हैं कि उन्हें एकाएक सांप्रदायिक, तानाशाह अथवा फासिस्ट कहकर खारिज करना नामुमकिन है। उन्हें जितना आततायी और मुस्लिम विरोधी घोषित करने की प्रतियोगिताएं बुद्धिजीवी तबकों में हुई हैं, उत्तरोत्तर उनकी स्वीकार्यता उतनी ही बढ़ी है। क्योंकि संघ, भाजपा और मोदी को बौेद्धिक स्तर पर नकारने की […] Read more » need to develop the thinking बुद्धिजीवियों में बहुलतावादी दृष्टि की कमी
राजनीति दोहरा मापदंड April 14, 2014 / April 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -असर कानपुर- १० दिन और मुज़फ्फरनगर सहित पूरा उत्तर प्रदेश जल रहा है | यह अखिलेश सरकार की असफलता है ! वोट बैंक को बनाये रखने के कारण कोई कारवाई नहीं हो रही है अल्पसंख्यक गुटों पर ! इंटेलिजेन्स की रिपोर्ट के अनुसार यह बात 10 दिन पहले ही बताई गयी थी की तनाव बढ़ता […] Read more » politics on Muzaffarnagar दोहरा मापदंड
चुनाव राजनीति आरक्षण का सवाल या राजनीति की चाल April 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on आरक्षण का सवाल या राजनीति की चाल -असर कानपुरी- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मई २०१३ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी ) में आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा में वृद्धि को ४.५० लाख से बढ़ाकर ६ लाख सालाना कर दिया है अर्थात लगभग ५० हज़ार रुपये तक की मासिक आय वाले परिवार आरक्षण का लाभ ले सकेंगे | साल २००८ में […] Read more » reservation or political game आरक्षण का सवाल या राजनीति की चाल
चुनाव राजनीति बिहार का मानस ‘खुमारी’ में है… April 14, 2014 / April 14, 2014 by व्यालोक पाठक | Leave a Comment -व्यालोक पाठक- फगुनाहट की खुमारी खत्म होने के बाद चैत की चिलचिलाती धूप में चुनावी शोर भले ही तीखा हो गया है, लेकिन यह केवल शोर ही है, खासकर बात अगर बिहार के नज़रिए से करें। इस चुनाव पर किसी भी तरह का ज्ञान लेने और देने से पहले कुछ चीजें बिल्कुल तयशुदा तौर पर […] Read more » politics & Bihar people बिहार का मानस ‘खुमारी’ में है...
चुनाव राजनीति नफरत के सिक्के मंडी से बाहर April 14, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -नरेन्द्र मोदी की स्वीकार्यता का नया शिखर- -मुकेश सतांकर- भारत के मतदाता इन दिनों जनतंत्र के चुनाव महोत्सव में मशगूल हैं। 16वीं लोकसभा के चुनाव में जनता में इतनी उत्सुकता और बदलाव की चाहत कभी नहीं देखी गई, जितनी नौ चरणों वाले मतदान के दौर में जनता में परिलक्षित हो रही है। राजनेताओं का आरोप […] Read more » political war नफरत के सिक्के मंडी से बाहर
राजनीति दिवालिएपन के शिकार वंशवादी…… April 13, 2014 / April 13, 2014 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय जनतंत्र के त्यौहार को अब तक उमंग और उम्मीद के साथ मनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार जिन निहित स्वार्थों ने जनतंत्र की स्वस्थ परम्पराओं को धत्ता बताते हुए जिस तरीके से चुनाव राजनीति में व्यक्तिगत कीचड़ फैंकने और फैलाने की दुर्गंधात्मक रीत कायम करने की हरकत की है वह अत्यन्त शर्मनाक […] Read more »
राजनीति माओवादी कायर हैं और सरकारें बहादुर! April 13, 2014 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment माओवादी हमलों से रक्तरंजित छत्तीसगढ़ कब मुक्त होगा ? -संजय द्विवेदी भारतीय राज्य की सहनशीलता की कहानियां देखनी हों तो माओवाद से उनके संघर्ष के तरीके से साफ पता चल जाएंगी। राजनीति कैसे किसी राज्य को भोथरा और अनिर्णय का शिकार बना सकती है, इसे बस्तर इलाके में हमारे लड़ाई लड़ने के तरीके से समझा जा सकता है। […] Read more »