राजनीति गुलेल के निशाने पर मोदी January 3, 2014 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on गुलेल के निशाने पर मोदी प्रमोद भार्गव दंगे भड़कने के आरोप से बचे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी बेवसाइट कोबरापोस्ट और गुलेल के निशाने पर आ गए हैं। मोदी पर इन बेवसाइटों ने एक निर्दोष महिला की जासूसी करने का आरोप लगाया है। इस मामले को केंद्र की सप्रंग सरकार ने आनन-फानन में संज्ञान में लेते हुए जांच आयोग नियुक्त […] Read more »
राजनीति गठबंधन के गुणा-भाग में आई तेजी January 3, 2014 / January 3, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन के गुणा-भाग में शेयर सूचकांक की तरह तेजी आ गई है। उत्तर प्रदेश और बिहार में वर्चस्व जमाए बैठे क्षेत्रीय क्षत्रप एका-एक सक्रिय हो गए हैं। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जमानत में छूटने के बाद इस सक्रियता […] Read more » Alliance Government Lok sabha Election 2014 गठबंधन के गुणा-भाग में आई तेजी
राजनीति ‘विश्वास-मत’ की कसौटी पर ‘आप’ January 3, 2014 by राजेश कश्यप | 6 Comments on ‘विश्वास-मत’ की कसौटी पर ‘आप’ राजेश कश्यप ‘आम आदमी पार्टी’ दिल्ली विधानसभा में ‘विश्वास-मत’ की कसौटी पर खड़ी है। इस कसौटी पर ‘आप’ खरा उतर पायेगी अथवा नहीं, यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन, वह अपने वायदों पर बिल्कुल खरा उतर चुकी है। ‘आप अपने घोषणा-पत्र के पानी और बिजली से सम्बंधित दोनों शीर्ष वायदों को मात्र 48 घण्टे के […] Read more »
राजनीति क्या राहुल पार लगाएंगे कांग्रेस की नैया? January 2, 2014 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 3 Comments on क्या राहुल पार लगाएंगे कांग्रेस की नैया? हाल ही में आए चार राज्यों के चुनाव परिणामों में इंदिरा कांग्रेस की विफलता तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड सफलता ने साम्प्रदायिक एवं लोकलुभावन राजनीति को करारा तमाचा जड़ा है| जनता जनार्दन अब मनगढंत वादों और दावों को झुठलाने लगी है गोयाकि आम आदमी भी सत्तालोलुप राजनीतिक दलों की राजनीति को समझने लगा […] Read more » क्या राहुल पार लगाएंगे कांग्रेस की नैया?
राजनीति भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक प्रतिस्पर्धा December 29, 2013 / December 30, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -डॉ. डी.एन. मिश्रा- भारतीय राजनीति में कम से कम देर से ही सही अच्छाई की प्रतिस्पर्धा शुरू हो चुकी है। आप आदमी पार्टी -भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सरीखी पार्टियों के भ्रष्टाचार और अंतर्कलह से जन्म ले सकी ,जैसा कि मेरा मानना है भ्रष्टाचार में अगर कांग्रेस को नोबल पुरस्कार दें तो अन्तर्कलह /कुमति का खिताब […] Read more » historical competetion in Indian Politics भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक प्रतिस्पर्धा
राजनीति क्या यह गांधी की कांग्रेस है ? December 29, 2013 / December 30, 2013 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक- 28 दिसंबर 1885। कांग्रेस का स्थापना दिवस। दिन के 12 बजे थे और मुंबई का गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कालेज कांग्रेसजनों से खचाखच भरा था। अंग्रेज अधिकारी एलन आक्टेवियम ह्यूम ने व्योमेश चंद्र बनर्जी के सभापतित्व का प्रस्ताव रखा और एस सुब्रमण्यम अय्यर और काषीनाथ त्रयंबक तैलंग ने उसका समर्थन किया। इस तरह कांग्रेस […] Read more » Congress is this the Congress of Gandhi ? क्या यह गांधी की कांग्रेस है ?
राजनीति केजरीवाल ने कांग्रेस की क़ब्र खोद दी है अब दफ़नाना बाक़ी है! December 28, 2013 / December 30, 2013 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 5 Comments on केजरीवाल ने कांग्रेस की क़ब्र खोद दी है अब दफ़नाना बाक़ी है! -इक़बाल हिंदुस्तानी- समाज में जागरूकता लाये बिना व्यवस्था में परिवर्तन कैसे होगा? अरविंद केजरीवाल ने एक साल के अंदर पहले आम आदमी पार्टी बनाकर, उसके बाद दिल्ली में 28 सीटें जीतकर और अब आप की सरकार का सीएम बनकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की 25 नवंबर 2012 की उस चुनौती का मुंहतोड़ जवाब दे दिया […] Read more » Arvind Kejriwal Congress केजरीवाल ने कांग्रेस की क़ब्र खोद दी है अब दफ़नाना बाक़ी है!
राजनीति कारोबारी का लड़ना-मिलना सब मतलब से होता है! December 28, 2013 / December 28, 2013 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- मुंबई में आयोजित एक गैर-राजनैतिक समारोह में मनसे नेता राज ठाकरे और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का पुरानी बातें भूला कर मंच साझा करना जितना अप्रत्याशित था, उतना ही रहस्यमय भी। क्योंकि पांच साल पहले राज ठाकरे अमिताभ बच्चन समेत उत्तर भारतीयों के खिलाफ दुर्व्यवहार और दुर्भावनापूर्ण बातों की सारी सीमाएं […] Read more » the meaning of Raj-Amitabh meeting कारोबारी का लड़ना - मिलना सब मतलब से होता है!
राजनीति यदि आज महामति चाणक्य होते तो December 27, 2013 / December 27, 2013 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on यदि आज महामति चाणक्य होते तो भाग-1 आज की राजनीति में कांट-छांट, उठापटक, तिकड़मबाजी से काम निकालने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। कुटिल नीतियों से, छल-बल से, दम्भ से, पाखण्ड से अन्याय से, अत्याचार से किसी भी उचित अनुचित ढंग से अपने वैचारिक विरोधी को नीचा दिखाने की इस प्रवृत्ति को ही आज के राजनीतिज्ञों ने कूटिनीति की संज्ञा […] Read more » if chanakya were alive today! यदि आज महामति चाणक्य होते तो
राजनीति राज-अमिताभ के पास आने के निहितार्थ December 27, 2013 / December 27, 2013 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment -सिद्धार्थ शंकर गौतम- २३ दिसम्बर का दिन महाराष्ट्र की राजनीति और बॉलीवुड के लिए काफी अहम था| मौका था मुम्बई में माटुंगा स्थित षणमुखानंद हॉल में महाराष्ट्र नवनिर्माण चित्रपट कर्मचारी सेना (एमएनसीकेएस) की सातवीं सालगिरह का। महाराष्ट्र नवनिर्वाण सेना की फिल्म उद्योग शाखा ने इस अवसर पर १० वरिष्ठ कलाकारों को जीवन बीमा पॉलिसियां सौंपी। […] Read more » raj thakre - amitabh bachchan closeness says राज-अमिताभ के पास आने के निहितार्थ
राजनीति कुछ तो लोग कहेंगे. लोगों का काम है कहना December 27, 2013 / December 27, 2013 by बीनू भटनागर | 3 Comments on कुछ तो लोग कहेंगे. लोगों का काम है कहना बीनू भटनागर- 8 दिसम्बर 2013 की शाम दिल्ली विधानसभा के परिणामो ने सभी को स्तब्द्ध कर दिया राजनीति मे एक नये दल के अभ्युदय के रूप मे ‘आप’ ने 28 सीटों पर कब्ज़ा कर लिया। भाजपा के पास 31 और कांग्रेस के पास 8 सीटें आई। ‘आप’ की जगह कोई और पार्टी होती तो भाजपा […] Read more » AAP takes oath कुछ तो लोग कहेंगे. लोगों का काम है कहना
राजनीति आम आदमी पार्टी का भारतीय राजनीति में नया प्रयोग December 27, 2013 / December 27, 2013 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on आम आदमी पार्टी का भारतीय राजनीति में नया प्रयोग -नरेन्द्र कुमार सिंह- अन्ना आन्दोलन के दिनों में अरविन्द केजरीवाल का नाम अचानक सुर्खियों में आया था । उस समय लगता था कि एक महत्वाकांक्षी युवा देश की सत्ता अपने हाथों मे लेने के लिए संघर्ष कर रहा है । जब वे अन्ना का पक्ष लेकर बोलते थे तो लगता था कोई व्यक्ति अधिनायक बनने […] Read more » new political experiment of 'AAP' आम आदमी पार्टी का भारतीय राजनीति में नया प्रयोग