राजनीति राहुल गांधी की देश-विरोधी बचकानी राजनीति February 4, 2025 / February 4, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नीचा दिखाने के इरादे से ऐसा बयान दिया है जो भारत की साख को आघात लगाने वाला है बल्कि देश की एकता एवं अखण्डता को ध्वस्त करने वाला है। राहुल गांधी किस तरह गैर जिम्मेदाराना बयान देने में माहिर हो गए हैं, […] Read more » Rahul Gandhi's childish anti-national politics
राजनीति कुंभ भगदड़ पर शर्मनाक राजनीति February 4, 2025 / February 4, 2025 by राजेश कुमार पासी | Leave a Comment राजेश कुमार पासी 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ का भारतीय धर्म और संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है । इस बार का कुंभ तो 12 कुंभों के बाद होने वाला महाकुंभ है, इसलिए इसका विशेष महत्व है । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसी को देखते हुए इस आयोजन की जबरदस्त तैयारी […] Read more » Shameful politics on Kumbh stampede
राजनीति विधि-कानून प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट के समर्थन में कॉन्ग्रेस का सुप्रीम कोर्ट पहुँचना क्या दर्शाता है! February 4, 2025 / February 4, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे मुग़ल शासन के दौरान कब्जाए गए मंदिरों को वापस लेने से रोकने वाले कानून प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट (पीओडब्ल्युए ) के बचाव में कॉन्ग्रेस पार्टी उतर आई है। उसने सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के समर्थन में एक याचिका दायर की है। कॉन्ग्रेस सुप्रीम कोर्ट में इस कानून की वैधता पर […] Read more » What does Congress' reaching the Supreme Court in support of the Places of Worship Act indicate? प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट
राजनीति विश्ववार्ता बांग्लादेश में बदलेगी बयार February 4, 2025 / February 4, 2025 by ब्रजेश कुमार झा | Leave a Comment डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र पिछले वर्ष 5 अगस्त को बांग्लादेश में एक नाटकीय घटना क्रम में शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी और उन्होंने भारत में शरण ली। इस घटना के तीन दिनों बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफ़ेसर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने देश में अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में शपथ ली थी। बांग्लादेश में इस […] Read more » बांग्लादेश में बदलेगी बयार
राजनीति यमुना में जहर के बयान में ‘ नायाब जाल में उलझे अरविंद केजरीवाल February 3, 2025 / February 3, 2025 by सुशील कुमार नवीन | Leave a Comment वापिस बुलाना नहीं आता तो ब्रह्मास्त्र छोड़ना जरूरी है… वापिस बुलाना नहीं आता तो ब्रह्मास्त्र चलाते क्यों हो! सुशील कुमार ‘ नवीन ‘ महाभारत युद्ध में अपने पिता की मृत्यु से गुस्साए द्रोण पुत्र अश्वत्थामा ने पांडवों के समूल नाश के लिए ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया था। श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन भी उसी क्षण ब्रह्मास्त्र […] Read more » 'Arvind Kejriwal entangled in a unique trap' in Yamuna poisoning statement यमुना में जहर
आर्थिकी राजनीति वित्तीय वर्ष 2025-26 का अग्रणी, पथ प्रदर्शक एवं अतुलनीय बजट February 3, 2025 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment दिनांक 1 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार की वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लोकसभा में बजट पेश किया। श्रीमती सीतारमन ने एक महिला वित्तमंत्री के रूप में लगातार 8वां बजट लोकसभा में पेश कर एक रिकार्ड बनाया है। वित्तमंत्री द्वारा लोक सभा में पेश किया गया बजट अपने आप में पथप्रदर्शक, अग्रणी एवं अतुलनीय बजट कहा जा रहा है क्योंकि इस बजट के माध्यम से किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीब वर्ग एवं मध्यम वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। पिछले कुछ समय से देश की अर्थव्यस्था में विकास की गति कुछ धीमी पड़ती हुई दिखाई दे रही थी अतः विशेष रूप से मध्यम वर्ग एवं गरीब वर्ग के हाथों में अधिक धनराशि शेष बच सके ताकि वे विभिन्न उत्पादों को खरीदकर अर्थव्यवस्था में इनकी मांग बढ़ा सकें, ऐसा प्रयास इस बजट के माध्यम से किया गया है। साथ ही, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से रोजगार उन्मुख क्षेत्रों यथा कृषि क्षेत्र, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, निवेश, निर्यात एवं समावेशी विकास जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि इन्हें विकास के इंजिन के रूप में विकसित किया जा सके। भारत में मध्यमवर्गीय परिवार देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता आया हैं। हाल ही के समय में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में व्यक्तिगत आयकर की भागीदारी कारपोरेट क्षेत्र से आयकर की भागीदारी से भी अधिक हो गई है। अतः मोदी सरकार से अब यह अपेक्षा की जा रही थी कि मध्यमवर्गीय परिवारों को बजट के माध्यम से कुछ राहत दी जाय। और फिर, मुद्रा स्फीति की सबसे अधिक मार भी गरीब वर्ग के परिवारों एवं मध्यमवर्गीय परिवारों पर ही पड़ती दिखाई देती है। केंद्रीय वित्तमंत्री ने मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर की वर्तमान सीमा को 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया है। अर्थात अब 12 लाख रुपए तक की आय अर्जित करने वाले नागरिकों पर किसी भी प्रकार का आयकर नहीं लगेगा। वेतन एवं पेंशन पाने वाले नागरिकों को 75,000 रुपए की स्टैंडर्ड कटौती की राहत इसके अतिरिक्त प्राप्त होगी। इस वर्ग के करदाताओं को 12.75 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं चुकाना होगा। इसके साथ ही, आय कर की दरों में भी परिवर्तन किया गया है। अब 4 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर आयकर की दर शून्य रहेगी। 4 लाख रुपए से 8 लाख रुपए तक की करयोग्य आय पर आयकर की दर 5 प्रतिशत, 8 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर की दर 10 प्रतिशत, 12 लाख रुपए से 16 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर की दर 15 प्रतिशत, 16 लाख रुपए से 20 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर की दर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपए से 24 लाख रुपए तक की कर योग्य आय पर आयकर 25 प्रतिशत एवं 24 लाख रुपए से अधिक की कर योग्य आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा। मध्यमवर्गीय करदाताओं को उक्त सुधारों से लगभग 80,000 रुपए से 1.10 लाख रुपए तक की राशि की बचत होने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। इस सुधार से कुल मिलाकर देश के बजट में एक लाख करोड़ रुपए की राशि कम प्राप्त होगी अर्थात मध्यमवर्गीय परिवारों को कुल एक लाख करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि का लाभ होगा। और, यह लाभ लगभग 2 करोड़ करदाताओं को होने की सम्भावना है। इससे देश के मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवारों के हाथों अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी जिसे वे विभिन्न उत्पादों की खरीद पर खर्च करेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक होंगे। मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवारों ने जितना सोचा था शायद उससे भी कहीं अधिक राहत उन्हें इस बजट के मध्यम से दी गई है। इसीलिए ही, इस बजट को अग्रणी, पथप्रदर्शक एवं अतुलनीय बजट की संज्ञा दी जा रही है। मध्यमवर्गीय एवं गरीब परिवारों को, आयकर में छूट देकर, दी गई राहत देते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि इससे बजटीय घाटा में वृद्धि नहीं हो। वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजटीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.9 प्रतिशत रहने की सम्भावना पूर्व में की गई थी, परंतु अब संशोधित अनुमान के अनुसार यह बजटीय घाटा कम होकर 5.8 प्रतिशत रहने की सम्भावना है। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजटीय घाटा 5.4 रहने का अनुमान लगाया गया है। अतः देश की वित्तीय व्यवस्था पर किसी भी प्रकार का विपरीत प्रभाव नहीं पड़ने जा रहा है। हां, पूंजीगत खर्चों में जरूर कुछ कमी रही है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 11.11 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च के अनुमान के विरुद्ध 10.18 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत खर्च होने की सम्भावना व्यक्त की गई है। हालांकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 11.12 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च की व्यवस्था बजट में की गई है। इस राशि को 11.11 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15 लाख करोड़ रुपए किया जाना चाहिए था क्योंकि पूंजीगत खर्च में वृद्धि से देश में आर्थिक विकास की दर तेज होती है और रोजगार के नए अवसर निर्मित होते हैं। इस संदर्भ में एक रास्ता यह निकाला गया है कि केंद्र सरकार के उपक्रमों एवं निजी क्षेत्र की कम्पनियों से अपेक्षा की गई है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में ये संस्थान भी अपने पूंजीगत खर्चों में वृद्धि करें ताकि उनके द्वारा किए गए पूंजीगत खर्चों की राशि को मिलाकर कुल पूंजीगत खर्च को 15 लाख करोड़ रुपए से ऊपर ले जाया जाए। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि धन धान्य योजना को 100 जिलों में प्रारम्भ किया जा रहा है, इस योजना के माध्यम से इन जिलों में ली जा रही फसलों की उत्पादकता में वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दलहन के उत्पादन में आत्म निर्भरता प्राप्त करने के लिए 6 वर्षीय मिशन चलाया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को 5 लाख तक बढ़ाया जा रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऋण सीमा को 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए एवं स्टार्टअप के लिए ऋण की सीमा को 10 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जा रहा है। लेदर उद्योग में रोजगार के 22 लाख नए अवसर निर्मित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारत को खिलौना उत्पादन का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाया जाएगा। यूरिया उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाया जाएगा। आज भारत खाद्य तेलों का भारी मात्रा में आयात करता है अतः तलहन के क्षेत्र में भी आत्म निर्भरता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।। भारत में निर्मित विभिन्न उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजारों की तलाश करते हुए विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते सम्पन्न किए जा रहे हैं। देश में बीमा क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति प्रदान की जा रही है। विभिन्न शहरों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपए का एक विशेष फंड बनाया जा रहा है। युवाओं में कौशल विकास के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, आगामी 5 वर्षों में देश के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 युवाओं को अतिरिक्त दाखिला दिए जाएंगे। इंडियन इन्स्टिटूट आफ टेक्नॉलजी कॉलेजों में टेक्नलाजिकल रीसर्च के लिए 10,000 पी एम स्कालर्शिप प्रदान की जाएंगी एवं नए आईआईटी केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी। आरटीफिशियल इंटेलीजेंस सेंटर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 500 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। श्री अयोध्या धाम, महाकुम्भ क्षेत्र प्रयागराज, काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, महाकाल मंदिर उज्जैन की तर्ज पर अन्य धार्मिक स्थलों को भी विकसित किया जाएगा ताकि देश में धार्मिक पर्यटन की गतिविधियों को और अधिक आगे बढ़ाया जा सके। देश में 52 नए पर्यटन केंद्र भी विकसित किए जाने की योजना बनाई गई है तथा भगवान बुध सर्किट भी विकसित किया जाएगा। प्रहलाद सबनानी Read more » path-breaking and incomparable budget for the financial year 2025-26 वित्तीय वर्ष 2025-26
राजनीति बजट 2025: मध्यम वर्ग के लिए बड़ी सौगात February 3, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment केंद्रीय बजट 2025 ऐसे महत्त्वपूर्ण समय पर आ रहा है, जब भारत की आर्थिक वृद्धि चार वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। अमेरिकी टैरिफ के खतरों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों सहित वैश्विक अनिश्चितताएँ नई चुनौतियाँ पैदा कर रही हैं। जवाब में, बजट ने अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की योजना की रूपरेखा […] Read more » बजट 2025
राजनीति राष्ट्रपति मुर्मू पर बेचारी लेडी का कटाक्ष दुर्भाग्यपूर्ण February 3, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर सोनिया गांधी की टिप्पणी को भारतीय जनता पार्टी एवं अन्य राजनीतिक दलों ने ही नहीं, बल्कि आम लोगों ने भी आपत्तिजनक, अशालीन एवं स्तरहीन बताया है। राष्ट्रपति भवन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह बयान न केवल गलत है, बल्कि राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला […] Read more » Poor lady's sarcasm on President Murmu is unfortunate राष्ट्रपति मुर्मू पर बेचारी लेडी का कटाक्ष
राजनीति सुशासन का राज और भ्रष्टाचार का जीरो टॉलरेंस February 3, 2025 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन नीतीश राज में सुशासन के दावे की पोल लगातार खुल रही है। ऐसा लग रहा है कि राज्य के मुखिया यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रशासन से नियंत्रण कमजोर पड़ रहा है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। प्रतिपक्ष के नेता लगातार राज्य में हो रहे अपराध की बुलेटिन जारी कर रहे हैं। […] Read more » The secret of good governance and zero tolerance for corruption भ्रष्टाचार का जीरो टॉलरेंस
राजनीति क्या यूसीसी से पहले देश में ’’हिन्दु कोड ऑफ कंडक्ट’’ आने वाला है! February 3, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे आज पूरी दुनिया में सनातन का डंका बज रहा है। शायद ही ऐसा कोई देश हो जहां पर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन यानी महाकुंभ की चर्चा न हो। इस बीच उसी त्रिवेणी की पावन धरती प्रयागराज से एचसीसी की चर्चा जोर पकड़ रही है। दरअसल ये दावा किया जा रहा है […] Read more » Hindu Code of Conduct Is “Hindu Code of Conduct” going to come in the country before UCC हिन्दु कोड ऑफ कंडक्ट
राजनीति शिया पंथ और इस्लाम पंथ का बढ़ता विवाद February 3, 2025 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment – कुलदीप चन्द अग्निहोत्री पिछले दिनों कश्मीर में शिया पंथ के लोगों को लेकर इस्लाम पंथ के पैरोकारों में एक मामला तूल पकड़ने लगा था । उस पर चर्चा करने के लिए शिया पंथ और इस्लाम पंथ के मूल विवाद को जान लेना जरुरी है । दरअसल हज़रत मोहम्मद (सल्ल) के पैरोकारों के दो अलग […] Read more » Growing dispute between Shia sect and Islam sect Shia sect and Islam sect शिया पंथ और इस्लाम पंथ
आर्थिकी राजनीति आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है February 3, 2025 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment दिनांक 31 जनवरी 2025 को भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन द्वारा लोक सभा में देश का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया गया। स्वतंत्र भारत का पहिला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में बजट के साथ पेश किया गया था। 1960 के दशक में आर्थिक सर्वेक्षण को बजट से अलग कर दिया गया एवं इसे बजट के एक दिन पूर्व संसद में पेश किया जाने लगा। आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था की समीक्षा की जाती है एवं अर्थव्यवस्था की सम्भावनाओं को देश के सामने लाने का प्रयास किया जाता है। इसे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग की ओर से तैयार किया जाता है। लोक सभा में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर कुछ देशों में चल रही आर्थिक परेशानियों के चलते भारत के आर्थिक विकास पर भी कुछ विपरीत प्रभाव पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, परंतु, चूंकि भारत की आंतरिक अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है अतः वित्तीय वर्ष 2025-26 में देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच में रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है। हाल ही के समय में ग्रामीण इलाकों में उत्पादों की मांग में तेजी दिखाई दी है और कृषि क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर बढ़ने की सम्भावना है क्योंकि देश में अच्छे मानसून के चलते रबी की फसल के बहुत अच्छे स्तर पर रहने की सम्भावना है और इससे खाद्य पदार्थों की महंगाई की दर भी कम होगी, जिससे नागरिकों के हाथ में अन्य उत्पादों को खरीदने के लिए धन की उपलब्धता बढ़ेगी। आज केवल खाद्य पदार्थों की महंगाई की दर कुछ अधिक मात्रा में बनी हुई हुई है अन्यथा कोर महंगाई की दर तो पूर्व में ही नियंत्रण में आ चुकी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम अर्द्धवार्षिकी में समग्र महंगाई की दर भी नियंत्रण में आ जाएगी। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटने की सम्भावना भी व्यक्त की गई है। भारत आज अपने कच्चे तेल की कुल मांग का 87 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है। यदि कच्चे तेल की कीमतें कम होंगी तो भारत में महंगाई भी कम होगी। विनिर्माण के क्षेत्र में जरूर कुछ चुनौतियां बनी हुई है एवं कई प्रयास करने के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र की सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी बढ़ नहीं पा रही है। विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार के करोड़ों नए अवसर निर्मित करने की क्षमता है। अतः विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भूमि, श्रम एवं पूंजी की लागत को कम करने की आवश्यकता है। इसके लिए आर्थिक एवं वित्तीय क्षेत्र में सुधार कार्यक्रमों को गति देने की आवश्यकता है ताकि इन इकाईयों की उत्पादकता में सुधार हो सके एवं इनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की उत्पादन लागत कम हो सके। विनिर्माण क्षेत्र में कार्य कर रही इकाईयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए जाने की आज महती आवश्यकता है। सेवा क्षेत्र लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है एवं इस क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर अतुलनीय बनी हुई है। भारत में वर्तमान में महाकुम्भ मेला चालू है। आज प्रतिदिन एक करोड़ के आसपास श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए प्रयागराज में पहुंच रहे हैं। रेल्वे द्वारा प्रतिदिन लगभग 3,000 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए कुछ आंकड़ों के अनुसार, महाकुम्भ मेले से उत्तरप्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यवसाय एवं 25,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय उत्तरप्रदेश सरकार को होने की सम्भावना है। रोजगार के लाखों नए अवसर निर्मित हो रहे हैं। यह समस्त कार्य न केवल धार्मिक पर्यटन, होटल व्यवसाय, छोटे छोटे उत्पादों के निर्माण एवं बिक्री में अतुलनीय वृद्धि दर्ज करने में सहायक हो रहे हैं बल्कि इससे देश के सेवा क्षेत्र में भी विकास दर तेज हो रही है। किसी भी देश में मध्यमवर्गीय परिवारों की संख्या जितनी अधिक होगी उस देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर अधिक रहेगी क्योंकि विभिन्न उत्पादों को खरीदने के लिए अर्थव्यवस्था में मांग तो इसी वर्ग के माध्यम से उत्पन्न होती है। अतः देश में प्रयास किए जाने चाहिए कि मध्यमवर्गीय परिवारों के हाथ में अधिक राशि उपलब्ध रहे। भारत में हालांकि समावेशी विकास हुआ है क्योंकि गरीबों की संख्या में तेजी से एवं भारी मात्रा में कमी दर्ज हुई है। परंतु, गरीबी रेखा से हाल ही में ऊपर आकर मध्यमवर्गीय परिवारों की श्रेणी शामिल हुए परिवार कहीं फिर से गरीबी रेखा के नीचे नहीं चले जायें, इस सम्बंध में भरसक प्रयास किए जाने चाहिए। वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों में हो रही आर्थिक परेशानियों के चलते भारत निर्मित विभिन्न उत्पादों के निर्यात में उतनी वृद्धि दर्ज नहीं हो पा रही है जितनी आर्थिक विकास की दर को 8 प्रतिशत से ऊपर रखने के लिए होनी चाहिए। इससे विदेशी व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। साथ ही, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी दृष्टिगोचर हो रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपए की कीमत पर भी लगातार दबाव बना हुआ है। हालांकि विदेशी निवेश में आ रही कमी को अस्थायी समस्या बताया गया है और विभिन्न देशों में स्थितियों के सुधरने एवं अमेरिका में आर्थिक नीतियों के स्थिर होने के साथ ही, भारत में विदेशी निवेश पुनः बढ़ने लगेगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर के 6.2 प्रतिशत रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है। वृद्धि दर में गिरावट के मुख्य कारणों में शामिल हैं देश में लोक सभा एवं कुछ राज्यों में विधान सभा चुनाव होने के चलते आचार संहिता लागू की गई थी, इससे केंद्र सरकार एवं कुछ राज्य सरकारों को अपने पूंजीगत खर्चों को रोकना पड़ा था। नवम्बर 2024 तक केंद्र सरकार द्वारा केवल 5 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्चे किये जा सके हैं, जबकि औसतन 90,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च प्रति माह होने चाहिए थे। क्योंकि, पूंजीगत खर्चों के लिए पूरे वर्ष भर का बजट 11.11 लाख करोड़ रुपए का निर्धारित हुआ था। अब सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल 9 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च ही हो सकते हैं। विभिन्न कम्पनियों द्वारा अदा किए जाने वाले कर में भी कमी दिखाई दी है और कुछ कम्पनियों की लाभप्रदता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। जिन जिन कम्पनियों की लाभप्रदता बहुत अच्छे स्तर पर बनी हुई है, इन कम्पनियों से अपेक्षा की गई है कि केंद्र सरकार के साथ साथ वे भी अपने पूंजीगत खर्चों में वृद्धि करें ताकि देश में नई विनिर्माण इकाईयों की स्थापना हो और विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति बढ़े, रोजगार के करोड़ों नए अवसर निर्मित हों और महंगाई पर नियंत्रण बना रहे। विशेष रूप से देश में आधारभूत ढांचे को और अधिक मजबूत करने में निजी कम्पनियों द्वारा अपनी भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कमी करने के सम्बंध में भी अब गम्भीरता से विचार करना चाहिए ताकि विनिर्माण इकाईयों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की उत्पादन लागत कम की जा सके और वैसे भी अब मुद्रा स्फीति तो नियंत्रण में आ ही चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में मुद्रा बाजार में 1.5 लाख करोड़ रुपए की राशि से तरलता को बढ़ाया ही है, इससे बैकों द्वारा विभिन्न कम्पनियों, कृषकों एवं व्यापारियों को ऋण प्रदान करने में आसानी होगी। आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद का आकार 273 लाख करोड़ रुपए का रहा है जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 295 लाख करोड़ रुपए का हो गया, अब वित्तीय वर्ष 20224-25 में 324 लाख करोड़ रुपए एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 357 लाख करोड़ रुपए का रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है। इस प्रकार सम्भव है कि भारत आगामी 2/3 वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसी प्रकार बजट घाटा जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 6.4 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5.6 प्रतिशत का रहा था वह अब वित्तीय वर्ष 2024-25 में घटकर 4.8 प्रतिशत एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत रहने की सम्भावना व्यक्त की गई है। इस प्रकार केंद्र सरकार द्वारा देश की वित्तीय स्थिति को लगातार मजबूत बनाए रखने के प्रयास सफल रहे हैं। केंद्र सरकार के बजट में कुल आय 34.3 लाख करोड़ रुपए एवं कुल व्यय 50.3 लाख करोड़ रुपए रहने की सम्भावना है, इससे बजट घाटा 16 लाख करोड़ रुपए का रह सकता है। प्रहलाद सबनानी Read more » According to the Economic Survey भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत