राजनीति पीएम मोदी से वसुंधरा की मुलाकात- राजस्थान में चढता सियासी पारा January 2, 2025 / January 2, 2025 by रामस्वरूप रावतसरे | Leave a Comment रामस्वरूप रावतसरे राजस्थान में इस कड़ाके की ठंड में भी सियासी गलियों में पारा चढ़ा हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी के हालिया जयपुर दौरे से सियासी हलचल तेज है। पीएम मोदी बीते 17 दिसंबर को जयपुर के दादिया गांव में ईआर सीपी के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. यहां उनकी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मंच […] Read more » Vasundhara's meeting with PM Modi - political temperature rising in Rajasthan पीएम मोदी से वसुंधरा की मुलाकात
राजनीति हिन्दू समाज के स्थायी जागरण की आवश्यकता December 31, 2024 / December 31, 2024 by डाॅ. निशा शर्मा | Leave a Comment डाॅ. निशा शर्मा हिन्दू समाज की अपनी एक दैवीय विशेषता है जिस कारण सृष्टि के प्रारंभ से ही उसने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है | जब संसार के अन्य भागों में बोलने योग्य भाषा तक का आविष्कार नहीं हुआ था तब भारत में ऋग्वेद जैसा ज्ञान भण्डार अवतीर्ण हो चुका था | धर्म, आध्यात्म,विज्ञान,स्वास्थ्य, युद्ध, […] Read more » Need for permanent awakening of Hindu society
राजनीति लाठियां , सियासत और खामोशी December 31, 2024 / December 31, 2024 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment कुमार कृष्णन कुमार कृष्णन 1974 के छात्र आंदोलन की उपज रहे मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के निजाम में छात्रों को साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार उनके लिए भारी पड़ सकता है। सिर्फ दिसम्बर में उन पर किए गए। ठंड से ठिठुरन होने के बावजूद उन पर पानी की बौछार करवाने की जरूरत नीतीश कुमार को क्यों पड़ी? […] Read more » politics and silence सियासत और खामोशी
राजनीति क्या अब दिल्ली भी चलेगी देश के साथ? December 31, 2024 / December 31, 2024 by डा. विनोद बब्बर | Leave a Comment डा. विनोद बब्बर दिल्ली एक बार फिर अपने भाग्य विधाताओं के द्वार पर पहुंच रही है। लोकतंत्र में मतदाता मशीन का बटन दबाने तक ही सही लेकिन निर्णायक होता है। यह भी सत्य है कि अगले पांच वर्षें तक उसकी सुनी जाए या न सुनी जाए लेकिन तकनीकी रूप से उसे भाग्य विधाता का दर्जा दिया […] Read more » Now will Delhi also move with the country? अब दिल्ली भी चलेगी देश के साथ
राजनीति आम्बेडकर और कांग्रेस December 31, 2024 / December 31, 2024 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment – डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री Read more » Ambedkar and Congress आम्बेडकर और कांग्रेस
राजनीति दिल्ली चुनावों पर ‘रेवड़ी कल्चर’ का खतरनाक साया December 31, 2024 / December 31, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग-दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मी उग्र से उग्रत्तर होती जा रही है। आम आदमी पार्टी मतदाताओं को लुभाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। चुनाव से पहले अब आम आदमी पार्टी ने एक ऐसी लुभावनी, मतदाताओं को आकर्षित करने की योजना की घोषणा की है जिसके अन्तर्गत […] Read more » Dangerous shadow of 'rev culture' on Delhi elections दिल्ली चुनावों पर ‘रेवड़ी कल्चर’
राजनीति इस्लामिक जिहाद से मुक्ति का मार्ग :धर्म संसद December 31, 2024 / December 31, 2024 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment जब शतकों से इस्लामिक जिहाद के भीषण अत्याचारों से मानवता त्राहि – त्राहि करती आ रही हो फिर भी कोई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन इससे सभ्य समाज को सुरक्षित रखने में असफल हो रहा हो तो वैश्विक समाज क्या करे? ऐसे में इन जेहादियों की घृणित और हिंसक सोच से जनमानस को अवगत करा कर […] Read more » धर्म संसद
राजनीति शख्सियत डॉ मनमोहन सिंह देश के ‘आर्थिक भारत रत्न’ जाना देश के ‘आर्थिक चाणक्य’ का December 30, 2024 / December 30, 2024 by डॉ घनश्याम बादल | Leave a Comment डॉ घनश्याम बादल सर पर आसमानी रंग की पगड़ी, सफेद कुर्ता, चुस्त पायजामा, गोरा रंग और चेहरे पर हमेशा एक गंभीरता, बोलना भी कम और मुस्कुराना भी कम । सबको साथ लेकर चलने की दक्षता, विपरीत विचारों वाले दलों के गठबंधन के साथ भी बिना किसी विवाद के पांच साल तक सरकार चलाना, और कांग्रेस […] Read more » Dr. Manmohan Singh became the country's 'Economic Bharat Ratna' and became the country's 'Economic Chanakya'. डॉ. मनमोहन सिंह
राजनीति नयासाल, मोदी और तमाम चुनौतियों का सामना December 30, 2024 / December 30, 2024 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (नववर्ष 2025 पर विशेष आलेख) हर वर्ष नया साल नयी उम्मीदें लेकर आता है और लोगों के लिये नये लक्ष्य लेकर आता है। नया साल जो कार्य पिछले साल में अधूरे रह गए थे उन कार्यों को नयी ऊर्जा से पूर्ण करने की प्रेरणा और आधार देता है। नए साल में हर व्यक्ति को नए अहसास के साथ अपने अधूरे कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए और अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए व नयी सोच के साथ उन लक्ष्यों को साकार करने का प्रण लेना चाहिए। नया वर्ष हर व्यक्ति के लिए बीते हुए वर्ष की सफलताओं और उपलब्धियों के साथ-साथ कमियों और गलतियों का मूल्यांकन करने का समय है। यह हमें अपने आप को भावी वर्ष के लिए योजना बनाने, कार्य करने तथा आगामी वर्ष के लिए नये लक्ष्य तय करने का अवसर प्रदान करता है। नए साल की शुरुआत में हर व्यक्ति को भावी वर्ष के लिए नए लक्ष्य बनाने चाहिए और उन्हें पूरा करने की रणनीति बनानी चाहिए। जिससे कि अवसरों को सफलता में बदला जा सके। पूरे विश्व का माहौल हर वर्ष नए साल पर खुशनुमा होता है, हर देश में अपने-अपने तरीके से अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत किया जाता है। भारत देश में बात की जाए तो यहाँ पर भारतीय काल गणना के अनुसार पारंपरिक नया साल (नव विक्रम संवत) होता है जिसकी शुरुआत चैत्र महीने से होती है- उसी के अनुसार भारत में प्रमुख त्योहारों के समय का निर्धारण होता है। भारतीय संस्कृति में नव वर्ष का शुभारंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से माना जाता है, लेकिन पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध व विश्वव्यापी अंग्रेजी कलेंडर की मान्यता के चलते भारतीय नव विक्रम संवत मनाने की परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। भारत में शादी-विवाह, विभिन्न धार्मिक आयोजनों और अन्य प्रमुख कार्यों का मुहूर्त भी हिन्दू नवसंवत्सर (नव विक्रम संवत) के अनुसार ही निकाला जाता है। भारत देश में अंग्रेजी नववर्ष बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। पिछले कुछ दशकों से भारत देश में भी अंग्रेजी नववर्ष को अंग्रेजों की भांति मनाया जाने लगा था। जिसमें कि जगह-जगह शराब पार्टियों का आयोजन होना, अष्लील नृत्य पार्टी का आयोजन शामिल था। लेकिन पिछले कुछ सालों से भारत देश में भी अंग्रेजी नववर्ष मनाने का स्वरुप बदला है, आज की कुछ युवा पीढ़ी अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत मंदिरों में पूजा पाठ और घरों में धार्मिक आयोजन कर कर रही है जो कि भारतीय संस्कृति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। अंग्रेजी नववर्ष में पूजापाठ या धार्मिक आयोजनों या जगह-जगह पर भंडारों के आयोजित होने से दुनिया के बाकी समुदाय भी भारतीय संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रहे है। इसी तरह से भारत के लोग अपनी संस्कृति को सहेज कर रखेंगे तो निश्चित ही आने वाले समय में भारतवर्ष का बोलबाला होगा और भारत देश जगद्गुरु के सिंहासन पर काबिज होगा। अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत हम लोग करते ही है और करना भी चाहिए लेकिन इसी तरह धूमधाम से हमें अपने पारंपरिक नए साल (नव विक्रम संवत) को भी मनाना नहीं भूलना चाहिए। एक हद तक भारत देश के लोगों में अपने पारंपरिक नववर्ष (नव विक्रम संवत) के लिए जागरूकता बढ़ने लगी है लेकिन इस पर अभी और काम होना बाकी है। आज हमें अंग्रेजी नववर्ष को मनाने की जो पाश्चात्य संस्कृति थी उसमे बदलाव कर अपने भारतीय परिवेश में बदलना होगा, तभी हमारी संस्कृति का पूरे विश्व में बोलबाला होगा। हमारे देश के प्रमुख संगठनों, धार्मिक गुरुओं और सरकार को इसके लिए और कदम उठाने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में उक्त सभी ने भारतीय संस्कृति को बनाये रखने के लिए काफी काम किया है, तभी भारतीय लोगों में राष्ट्रीयता का संचार हुआ है। भारत सरकार और देश के सभी राज्यों की सरकारों को इस नववर्ष में देश के सभी नागरिकों के भले के लिए योजनाएं बनानी चाहिए, जिसमे शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए। नरेन्द्र मोदी सरकार इस समय देश में बहुत सारी जनहितकारी योजनाएं चला रही है लेकिन शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी पर अभी बहुत काम होना बाकी है। देश की मोदी सरकार और सभी राज्य की सरकारों को देश को शिक्षा माफिआ, चिकित्सा माफिआ और भ्रष्टाचार की जड़ों को खत्म करने का अभियान चलाना चाहिए जिससे कि देश में राम राज्य की स्थापना हो सके और लोगों तक मुफ्त में नहीं सस्ते में इन सुविधाओं की पहुंच हो सके। भारत के लोगों को मुफ्त में सुविधाओं की जरूरत नहीं है, बल्कि सस्ते दामों में भारत की सरकारों को ये सुविधायें देश के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचानी चाहिए तभी देश में अंत्योदय का सपना साकार होगा। भारतीय लोग मुफ्त की योजनाओं की जगह आत्मनिर्भर बनकर भारतीय झंडा गाड़ना चाहते हैं। पिछले दस सालों में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अनेक नई शुरूआतें की गईं हैं तथा कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की गई हैं। जिनका लाभ भी आम लोगों को मिला है लेकिन अभी भी मोदी सरकार को अपनी बहुत सारी योजनाओं को उनकी परिणति तक पहुंचाना होगा और अच्छे परिणाम देने होंगे। जिससे देश के हर व्यक्ति तक विकास पहुँच सके। नरेंद्र मोदी सरकार को शासन को सभी स्तरों पर कुशल, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त, जवाबदेह और नागरिक अनुकूल बनाना होगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से प्रयासरत हैं। वर्ष 2025 में मोदी सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर लैंगिक संवेदनशीलता भी सुनिश्चित करनी होगी और जातिगत भेदभाव को जमीनी स्तर से खत्म करने की लोगों में अलख जगानी होगी। इसके अलावा देश में मोदी सरकार को ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग को देश से समाप्त करने की पहल करनी चाहिये क्योंकि ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग- गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का शोषण करने का माध्यम बन गया है। ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग के तहत जो लोग कार्य करते हैं उनसे लगातार वसूली की जाती है, जिसमें सरकारी तंत्र के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल है। सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए। कहा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र को उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तहेदिल से और एकाग्रचित होकर प्रयास करना होगा। जो कि उनके हर प्रयास में दिखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिये वर्ष 2025 में अनेक उपलब्धियां गढ़ने का अवसर है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सम्पूर्ण देश का नागरिक एक सशक्त, एकजुट एवं समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लें तो देश को आगे बढ़ने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते वर्षों में अनेक उपलव्धियाँ हांसिल की हैं, साथ-साथ अनेक सफलताएं भी पायी हैं। इन सफलताओं और उपलब्धियों में मोदी सरकार को अपनी गलतियों और कमियों पर पर्दा नहीं डालना चाहिए। बल्कि अपनी गलतियों और कमियों का मूल्यांकन करके भावी वर्ष के लिए रणनीति बनानी चाहिए। जिससे कि गलतियों और कमियों को सुधारकर अवसरों में बदला जा सके। – ब्रह्मानंद राजपूत Read more » Modi and many challenges to face New Year
राजनीति नववर्ष है कल की रचनात्मक तस्वीर के रेखांकन का December 30, 2024 / December 30, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – नववर्ष मुड़कर एक बार अतीत को देख लेने एवं भविष्य को बुनने का स्वर्णिम अवसर। क्या खोया और क्या पाया इस गणित को विश्लेषित करने एवं आने वाले कल की रचनात्मक तस्वीर के रेखांकन का प्रेरक क्षण। क्या बनाना है और क्या मिटाना है, इस अन्वेषणा में संकल्पों की सुरक्षा पंक्तियों […] Read more » New Year is the creative picture drawing of tomorrow.
राजनीति 2025 में आख़िर कैसा रहेगा राजनीतिक मतभेदों का पारा? December 30, 2024 / December 30, 2024 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment -डॉ सत्यवान सौरभ वर्ष 2025 चुनावों से परे देखने का एक अवसर प्रदान करता है। 2024 में, भारत, में राजनीति ने आश्चर्यजनक मोड़ लिया। ये घटनाक्रम कुछ जगहों पर अभूतपूर्व थे, दूसरों में तेज़ या अप्रत्याशित थे। इसने दिखा दिया कि भारतीय राजनीति में अब क्षेत्रीय दलों की ताकत लगातार बढ़ रही है और भविष्य […] Read more » What will be the temperature of political differences in 2025? राजनीतिक मतभेदों का पारा
राजनीति विश्ववार्ता चीन का डैम: हथियार है या वाकई चीन की जरूरत ? December 30, 2024 / December 30, 2024 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment हाल ही में चीन की जिनपिंग सरकार (कम्युनिस्ट सरकार) द्वारा अपनी सेना पीएलए के लिए 10 लाख कामकाजी ड्रोन के महाआर्डर देने के बाद से पूरी दुनिया में इसकी खूब चर्चा हो रही है। इसी बीच कुछ और खबरें भी चीन की तरफ से आ रहीं हैं। एक प्रमुख खबर हाल ही आई है कि […] Read more » चीन का डैम