राजनीति वेतन वृद्धि और वामपंथी सांसदों का विधवा विलाप September 10, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment -विजय कुमार पिछले दिनों जब सांसदों ने वेतन वृद्धि के लिए शोर किया, तो प्रायः सभी दलों के सांसद इस बहती गंगा में हाथ धोने को आतुर दिखे। अपवाद रहे कुछ वामपंथी सांसद। इससे उनकी ऐसी छवि बनी, मानो वे गरीबों के बड़े हमदर्द हैं; पर इसके पीछे का सच क्या है, यह जान लेने […] Read more » Increment वेतन वृद्धि सांसदों
राजनीति चे ग्वेवारा पूजनीय हैं, लेकिन भारत माता और सरस्वती नहीं??? September 9, 2010 / December 22, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 8 Comments on चे ग्वेवारा पूजनीय हैं, लेकिन भारत माता और सरस्वती नहीं??? पाखण्ड और सत्ता के अभिमान से भरे हुए वामपंथी कार्यकर्ताओं ने सभी जूतों को नष्ट कर दिया और दुकान से बाकी का माल दिल्ली वापस भेजने के निर्देश दे दिये। क्या कहा? पुलिस?…… जी हाँ पुलिस थी ना… दुकान के बाहर तमाशा देख रही थी। भई, जब माकपा का कैडर कोई "जरुरी काम" कर रहा हो तब भला पुलिस की क्या औकात है कि वह उसे रोक ले। Read more » Che Guevara Shoes Communism in Kerala Secularism and Communists
राजनीति झारखंड: इस (कुर्सी) प्यार को मैं क्या नाम दूं September 9, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 5 Comments on झारखंड: इस (कुर्सी) प्यार को मैं क्या नाम दूं -पंकज झा फिर छिड़ी रात बात कुर्सी की. फिर मलाई के लिए लार टपकाने का दौर शुरू. फिर खंड-खंड झारखण्ड के टुकड़े में हिस्सेदारी के लिए जंग. फिर ‘राष्ट्रवाद’ नाम के चिड़िये का पंख नोच खसोट लेने की जद्दोजहद. शिकायत और किसी से नहीं भाजपा से है. उस भाजपा से जिसका आधार रहा है भावनात्मकता […] Read more » Jharkhand झारखंड
राजनीति राहुल गांधी का माओवादी प्रेम September 9, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on राहुल गांधी का माओवादी प्रेम -जगदीश्वर चतुर्वेदी राहुल गांधी इन दिनों राजनीति नहीं वर्चुअल राजनीति कर रहे हैं। वे ऐसे नेता हैं जो बीच-बीच में गांवों में जाते हैं,आदिवासियों में जाते हैं,किसानों के पास जाते हैं। उनके इस तरह के प्रयासों में ईमानदार राजनीतिज्ञ के दर्शन नहीं होते। उनमें अपने परिवार के सभी राजनीतिक गुण हैं। वे मिलनसार हैं,हमदर्द हैं […] Read more » Rahul Gandhi माओवाद राहुल गांधी
राजनीति ‘भोले’ राहुल गांधी की मीठी-मीठी बातें September 9, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on ‘भोले’ राहुल गांधी की मीठी-मीठी बातें -जगदीश्वर चतुर्वेदी पिछले दिनों राहुल गांधी कोलकाता आए और उनका युवा कांग्रेस के लोगों ने जमकर स्वागत किया। वे इसके लायक भी हैं। राहुल गांधी की राजनीतिक शैली मजेदार है। वे जब भी बोलते हैं तो मासूमों की तरह बोलते हैं। राजनेता जब मासूमशैली में बोलता है तो बेहद खतरनाक होता है। राजनेता तो राजनेता […] Read more » Rahul Gandhi नक्सलवाद माओवाद राहुल गांधी
टेक्नोलॉजी राजनीति साइबरयुग में प्रतिक्रांति के नए रूप September 9, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on साइबरयुग में प्रतिक्रांति के नए रूप -जगदीश्वर चतुर्वेदी साइबरयुग में प्रतिक्रांति के तरीके वे ही नहीं हैं जो शीतयुद्ध के जमाने में थे। साइबरयुग की केन्द्रीय उपलब्धि है समाजवाद का अंत। इस अंत को संभव बनाने में समाजवादी देशों की कम्युनिस्ट पार्टियों के आंतरिक कलह ,भ्रष्टाचार,बर्बर व्यवहार की प्रमुख भूमिका रही है। लेकिन सारी दुनिया में सूचना क्रांति और साइबर संस्कृति […] Read more » Cyber साइबर
राजनीति अपहरण पर राष्ट्रीय नीति की जरूरत September 8, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | Leave a Comment जीना है तो मरने के लिए तैयार रहे – पंकज झा बिहार में माओवादियों द्वारा आठ दिन से बंधक बना कर रखे एहसान खान, रूपेश कुमार और अभय यादव को सोमवार की सुबह रिहाई के बाद चुनाव की तैयारियीं में जुटे मुख्यमंत्री नितीश कुमार को राहत ज़रूर मिल गयी होगी. आरक्षकों के परिवार जनों को […] Read more » Maoist अपहरण नक्सली माओवादी
राजनीति सोनियाःअब सहानुभूति नहीं, बड़ी उम्मीदें September 8, 2010 / December 22, 2011 by संजय द्विवेदी | 7 Comments on सोनियाःअब सहानुभूति नहीं, बड़ी उम्मीदें उनका कांग्रेस अध्यक्ष बनना चौंकाने वाली खबर नहीं -संजय द्विवेदी देश की 125 साल पुरानी पार्टी ने एक बार फिर श्रीमती सोनिया गांधी को अपना अध्यक्ष चुन लिया है। जाहिर तौर पर यह कोई चौंकाने वाली सूचना नहीं है। पार्टी के 125 सालों के इतिहास में 32 वर्ष इस दल पर नेहरू परिवार के वारिसों […] Read more » Soniya Gandhi कांग्रेस सोनिया गांधी
राजनीति प्रधानमंत्री की नसीहत : गरीबों की फज़ीहत September 8, 2010 / December 22, 2011 by अशोक बजाज | 6 Comments on प्रधानमंत्री की नसीहत : गरीबों की फज़ीहत सड़ता अनाज और न्यायालय का फैसला प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने सुप्रीमकोर्ट को नीतिगत मामलो में हस्तक्षेप न करने की नसीहत देकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है । न्यायालय के आदेश, निर्देश या इच्छा को न मानने या उसे लंबित रखने का वाक्या तो पहले भी हुआ है लेकिन यह पहली बार […] Read more » politics राजनीति
राजनीति मेरा बेटा नहीं… बाकी मरें तो चलेगा – कश्मीर के आज़ादी आंदोलन का पाखण्ड और हकीकत… September 8, 2010 / December 22, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 10 Comments on मेरा बेटा नहीं… बाकी मरें तो चलेगा – कश्मीर के आज़ादी आंदोलन का पाखण्ड और हकीकत… सवाल उठता है कि "भारतीय पासपोर्ट" ही क्यों? जवाब एकदम सीधा और आसान है कि यदि असिया अंदराबी के पाकिस्तानी आका उसके बेटे को पाकिस्तान का पासपोर्ट बनवा भी दें तो विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर पाकिस्तानी पासपोर्ट को "एक घुसपैठिये" के पासपोर्ट की तरह शंका की निगाह और "गुप्त रोगी" की तरह से देखा जाता है, बारीकी से जाँच की जाती है, तमाम सवालात किये जाते हैं, जबकि "भारतीय पासपोर्ट" की कई देशों में काफ़ी-कुछ "इज्जत" बाकी है अभी… इसलिये अंदराबी भारत से नफ़रत(?) करने के बावजूद भारत का ही पासपोर्ट चाहती है। इसे कहते हैं धुर-पाखण्ड… Read more » Asiya Andarabi Azad Kashmir Movement Kashmir Voilence कश्मीर
राजनीति इतिहास से भी सबक नहीं लेते…. – पंकज झा. September 5, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 11 Comments on इतिहास से भी सबक नहीं लेते…. – पंकज झा. इस धर्मप्राण देश में ऐसी घटनाएं होती रहती है कि सहसा ही इश्वर पर भरोसा करने का मन हो जाए. कभी किसी सकारात्मक तो बहुधा नकारात्मक कारणों से. खास कर जब भी आप देश के कर्णधार नेताओं के बारे में सोचेंगे तो ज़रूर भरोसा दुगना हो जाएगा कि वास्तव में भगवान नाम की कोई ताकत […] Read more » history इतिहास
राजनीति तीन महीने में पैसा डबल! काले धन में जनता की हिस्सेदारी! September 5, 2010 / December 22, 2011 by मन ओज सोमक्रिया | 6 Comments on तीन महीने में पैसा डबल! काले धन में जनता की हिस्सेदारी! Double Your Money in 3 Months! Public Sharing the Black Money! 20वीं सदी तक हमारे भ्रष्ट अधिकारीगण, नेता और उधोगपति टैक्स की चोरी कर के और अन्य परियोजनाओं से चुराए गए धन को स्विस एवं अन्य विदेशी ऍकाउंटों में जमा करते थे। एक समय पर तो भारत की समानान्तर अर्थव्यवस्था (Parallel Economy of India) द्वारा […] Read more » Public जनता