राजनीति दिल्ली विवि छात्रसंघ ने राहुल गांधी के लांचिंग अभियान की निकाल दी हवा September 13, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 4 Comments on दिल्ली विवि छात्रसंघ ने राहुल गांधी के लांचिंग अभियान की निकाल दी हवा -डॉ0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री राहुल गांधी को लोंच करने के लिए पिछले कुछ अर्से से एक अभियान चलाया जा रहा है । आजकल सारा मेनेजमैट का खेल है । कुछ लोगों को विश्वास है कि मैनजमैंट ठीक ढंग की हो तो गंजे को भी कंघी बेची जा सकती है। मैनजमेंट के हर अभियान का एक […] Read more » Rahul Gandhi छात्रसंघ चुनाव राहुल गांधी
राजनीति जब सरकार करे अपना काम, कोर्ट की फिर क्या दरकार September 13, 2010 / December 22, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 2 Comments on जब सरकार करे अपना काम, कोर्ट की फिर क्या दरकार -अमलेन्दु उपाध्याय हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के अनाज बांटने के फैसले पर बहुत ही विनम्र शब्दों में असहमति जताई है और सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप न करने का अनुरोध किया है। देश के चुनिन्दा संपादकों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से सुप्रीम कोर्ट के अधिकार […] Read more » High Court अनाज सर्वोच्च न्यायालय
राजनीति ब्रह्मवादिनी अरूंधती राय का माओवादी ब्रह्म September 13, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 5 Comments on ब्रह्मवादिनी अरूंधती राय का माओवादी ब्रह्म -जगदीश्वर चतुर्वेदी इन दिनों फंड़ामेंटलिस्टों के बयानों की मीडिया में बयार बह रही है। हर दल के पास एक या एकाधिक फंडामेंटलिस्ट हैं। वे विचारों के वाहक और प्रचारक होते हैं। उसी तरह भारत के स्वयंसेवी संगठनों और माओवादियों की फंड़ामेंटलिस्ट हैं अरूंधती राय । नामी हस्ती हैं। उन्हें विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त है। […] Read more » Maoist अरूंधती राय माओवाद
राजनीति बहुलतावाद के शत्रु हैं माओवादी September 13, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी भारत में एक तबका है जो माओवादियों के नृशंस कर्मों पर इन दिनों फिदा है और आए दिन मीडिया और इंटरनेट में माओवादियों के पक्ष में ‘जय हो-जय हो’ करता रहता है। माओवाद के प्रति जाने-अनजाने हो रही इस जय-जयकार में असली सवालों पर बातें नहीं हो रही हैं। पहला सवाल यह है […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति भाजपा को नहीं, भारत को बचाना है! September 11, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 51 Comments on भाजपा को नहीं, भारत को बचाना है! -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ इस समय भाजपा अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष कर रही है। इसलिये अब हम भारतीयों को चाहिये कि धर्म का मुखौटा पहनकर देश को तोडने वाली भाजपा, संघ, विश्व हिन्दू परिषद आदि के नाटकीय बहकावे में नहीं आना है और मुसलमानों को इनके उकसावे में आकर अपना धैर्य नहीं खोना है। […] Read more » Bhajpa भाजपा
राजनीति बदले बदले से मनमोहन नज़र आते हैं September 11, 2010 / December 22, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 5 Comments on बदले बदले से मनमोहन नज़र आते हैं -अमलेन्दु उपाध्याय कांग्रेस के युवराज राहुल बाबा की दो सबसे बड़ी चिंताएं कौन सी हैं? सवाल है बहुत बेतुका पर है बहुत पेचीदा। प्रश्न आम भारतीय के लिए अर्थहीन है लेकिन नेहरू गांधी राजपरिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पूरा राजपरिवार आजकल इन दो सवालों को हल करने के लिए तमाम गुणा-भाग पर लगा हुआ […] Read more » Manmohan Singh मनमोहन सिंह
राजनीति वेतन वृद्धि और वामपंथी सांसदों का विधवा विलाप September 10, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | Leave a Comment -विजय कुमार पिछले दिनों जब सांसदों ने वेतन वृद्धि के लिए शोर किया, तो प्रायः सभी दलों के सांसद इस बहती गंगा में हाथ धोने को आतुर दिखे। अपवाद रहे कुछ वामपंथी सांसद। इससे उनकी ऐसी छवि बनी, मानो वे गरीबों के बड़े हमदर्द हैं; पर इसके पीछे का सच क्या है, यह जान लेने […] Read more » Increment वेतन वृद्धि सांसदों
राजनीति चे ग्वेवारा पूजनीय हैं, लेकिन भारत माता और सरस्वती नहीं??? September 9, 2010 / December 22, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 8 Comments on चे ग्वेवारा पूजनीय हैं, लेकिन भारत माता और सरस्वती नहीं??? पाखण्ड और सत्ता के अभिमान से भरे हुए वामपंथी कार्यकर्ताओं ने सभी जूतों को नष्ट कर दिया और दुकान से बाकी का माल दिल्ली वापस भेजने के निर्देश दे दिये। क्या कहा? पुलिस?…… जी हाँ पुलिस थी ना… दुकान के बाहर तमाशा देख रही थी। भई, जब माकपा का कैडर कोई "जरुरी काम" कर रहा हो तब भला पुलिस की क्या औकात है कि वह उसे रोक ले। Read more » Che Guevara Shoes Communism in Kerala Secularism and Communists
राजनीति झारखंड: इस (कुर्सी) प्यार को मैं क्या नाम दूं September 9, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 5 Comments on झारखंड: इस (कुर्सी) प्यार को मैं क्या नाम दूं -पंकज झा फिर छिड़ी रात बात कुर्सी की. फिर मलाई के लिए लार टपकाने का दौर शुरू. फिर खंड-खंड झारखण्ड के टुकड़े में हिस्सेदारी के लिए जंग. फिर ‘राष्ट्रवाद’ नाम के चिड़िये का पंख नोच खसोट लेने की जद्दोजहद. शिकायत और किसी से नहीं भाजपा से है. उस भाजपा से जिसका आधार रहा है भावनात्मकता […] Read more » Jharkhand झारखंड
राजनीति राहुल गांधी का माओवादी प्रेम September 9, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on राहुल गांधी का माओवादी प्रेम -जगदीश्वर चतुर्वेदी राहुल गांधी इन दिनों राजनीति नहीं वर्चुअल राजनीति कर रहे हैं। वे ऐसे नेता हैं जो बीच-बीच में गांवों में जाते हैं,आदिवासियों में जाते हैं,किसानों के पास जाते हैं। उनके इस तरह के प्रयासों में ईमानदार राजनीतिज्ञ के दर्शन नहीं होते। उनमें अपने परिवार के सभी राजनीतिक गुण हैं। वे मिलनसार हैं,हमदर्द हैं […] Read more » Rahul Gandhi माओवाद राहुल गांधी
राजनीति ‘भोले’ राहुल गांधी की मीठी-मीठी बातें September 9, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on ‘भोले’ राहुल गांधी की मीठी-मीठी बातें -जगदीश्वर चतुर्वेदी पिछले दिनों राहुल गांधी कोलकाता आए और उनका युवा कांग्रेस के लोगों ने जमकर स्वागत किया। वे इसके लायक भी हैं। राहुल गांधी की राजनीतिक शैली मजेदार है। वे जब भी बोलते हैं तो मासूमों की तरह बोलते हैं। राजनेता जब मासूमशैली में बोलता है तो बेहद खतरनाक होता है। राजनेता तो राजनेता […] Read more » Rahul Gandhi नक्सलवाद माओवाद राहुल गांधी
टेक्नोलॉजी राजनीति साइबरयुग में प्रतिक्रांति के नए रूप September 9, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on साइबरयुग में प्रतिक्रांति के नए रूप -जगदीश्वर चतुर्वेदी साइबरयुग में प्रतिक्रांति के तरीके वे ही नहीं हैं जो शीतयुद्ध के जमाने में थे। साइबरयुग की केन्द्रीय उपलब्धि है समाजवाद का अंत। इस अंत को संभव बनाने में समाजवादी देशों की कम्युनिस्ट पार्टियों के आंतरिक कलह ,भ्रष्टाचार,बर्बर व्यवहार की प्रमुख भूमिका रही है। लेकिन सारी दुनिया में सूचना क्रांति और साइबर संस्कृति […] Read more » Cyber साइबर