समाज बालकों की मानसिक संस्कार प्रक्रिया April 13, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 2 Comments on बालकों की मानसिक संस्कार प्रक्रिया चीनी कहावत: “बाल-मानस एक कोरा पत्र होता है, जो भी बालक के जीवन (सम्पर्क) में आता है, इस पत्र पर अपनी छाप (संस्कार)छोड जाता है।” —चीनी कहावत। (एक) संस्कार क्या है? । दुबारा जब वर्षा हुयी, तो पानी के बहाव से नाली थोडी चौडी और गहरी हुयी। और बार बार की ऐसी वर्षा, नाली को, […] Read more » Featured डॉ. मधुसूदन बालकों की मानसिक संस्कार प्रक्रिया मानसिक संस्कार
समाज किसानों की आत्महत्या : कर्ज और माफ़ी कोई स्थायी समाधान नहीं है April 12, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान यह बड़े दुख की बात है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश के किसान लगातार आत्महत्या की ओर प्रवृत हो रहे हैं. आश्चर्य की बात तो यह कि पिछली सरकार के कृषिमंत्री यह कहते रहे कि उन्हें यह नहीं मालूम कि किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के 31 […] Read more » Featured low price of agri products reason of suicide by farmers suicide by farmers कर्ज और माफ़ी किसानों की आत्महत्या खेती की बढ़ती लागत
मीडिया शख्सियत समाज मानवतावादी रचनाकार विष्णु प्रभाकर April 10, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment कालजयी जीवनी आवारा मसीहा के रचियता सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर कहते थे कि एक साहित्यकार को केवल यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे क्या लिखना है, बल्कि इस पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या नहीं लिखना है. वह अपने लिखने के बारे में कहते थे कि प्रत्येक मनुष्य दूसरे के प्रति उत्तरदायी […] Read more » Featured मानवतावादी रचनाकार मानवतावादी रचनाकार विष्णु प्रभाकर विष्णु प्रभाकर
समाज छत April 8, 2015 / April 11, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment मेरे निवास के बगल में ही एक बड़ी संस्था से सम्बद्ध वृद्धाश्रम है। कई बुजुर्ग वहां रहते हैं। एक गोशाला, हनुमान मंदिर और चिकित्सालय भी है। मंदिर में यों तो हर दिन सैकड़ों लोग आते हैं; पर मंगलवार को दर्शनार्थियों की लाइन लगी रहती है। साल में दो बार, नवरात्र के दौरान कथा का […] Read more » Featured छत
समाज पहले किसानों, मज़दूरों और गरीबों की बात हो :-केएन गोविंदाचार्य April 8, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. मनीष कुमार | 12 Comments on पहले किसानों, मज़दूरों और गरीबों की बात हो :-केएन गोविंदाचार्य केएन गोविंदाचार्य को इस देश में भला कौन नहीं जानता. प्रसिद्ध चिंतक-विचारक, आरएसएस के पूर्व प्रचारक और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महासचिव गोविंदाचार्य एक स्थायी क्रांतिकारी हैं. जेपी आंदोलन हो, गंगा बचाओ आंदोलन हो, स्वदेशी आंदोलन हो या फिर अन्ना हजारे के नेतृत्व में चल रहा भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन हो, गोविंदाचार्य हर जगह […] Read more » Featured interview of Govindaacharya ji किसानों की बात केएन गोविंदाचार्य गरीबों की बात मज़दूरों की बात
प्रवक्ता न्यूज़ समाज गीता की हत्या ! क्या कुंठित मानसिकता से ग्रस्त समाज लेगा सबक April 6, 2015 / April 11, 2015 by लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर पत्रकार | 1 Comment on गीता की हत्या ! क्या कुंठित मानसिकता से ग्रस्त समाज लेगा सबक सदियों से महिलाओं की स्थिति निम्न रही है यातनाएं भरी जीवन आज भी जी रही है। नारी की महत्वकांक्षा कहें या महत्ता पुरूष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं फिर भी अपेक्षाओं के अनुरूप नारी जाति का सम्मान समाज में नही मिल पा रही है आज आजादी के बाद भी उपेक्षित का […] Read more » Featured गीता की हत्या ! क्या कुंठित मानसिकता से ग्रस्त समाज लेगा सबक भारतीय संस्कृति महिलाओं की स्थिति मुखाग्नि लक्ष्मी नारायण लहरे
समाज ईमानदारी एक स्वस्थ वैज्ञानिक सोच है April 6, 2015 / April 7, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on ईमानदारी एक स्वस्थ वैज्ञानिक सोच है अक्सर जब ईमानदारी की बात होती है तो अधिकांश लोग अपने आप को ईमानदार प्रक्षेपित करने में लग जाते हैं जबकि उनके मन में कहीं एक चोर छुपा होता है जिसे वे ढंकने की कोशिश करते दिखते हैं। अब यदि आज की राजनीति की बात करें तो कुछ नगण्य अपवादों को छोड़ आज की राजनीति […] Read more » Featured अशोक खेमका ईमानदारी बेईमानी मोदी की ईमानदारी शैलेन्द्र चौहान
जन-जागरण समाज समाज व्यवस्था और स्त्री April 6, 2015 / November 7, 2016 by शैलेन्द्र कुमार सिंह | Leave a Comment भारतीय समाज व्यवस्था में स्त्री के स्वतंत्र व्यक्तित्व की राह में बाधाएं’ इस पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्राणी मनुष्य ही हैl प्रकृति की संरचना में स्त्री-पुरुष का भेद नहीं हैl दोनों अपनी मूल संरचना में स्वतंत्र होते हुए एक-दूसरे के पूरक हैं और समान रूप से सहभागी भीl लेकिन मानव जैसे-जैसे विकास करते गया उसने […] Read more » Featured पुरुषवादी प्राकृतिक अधिकार शैलेन्द्र कुमार सिंह समाज व्यवस्था और स्त्री स्त्री के सम्मान स्वतंत्रता और समानता का अधिकार
जन-जागरण समाज बच्चियों के साथ दरिंदगी पर उदासीनता क्यों April 3, 2015 / April 4, 2015 by रमेश पांडेय | 1 Comment on बच्चियों के साथ दरिंदगी पर उदासीनता क्यों देश में लगातार बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में हुई हाल की घटनाओं ने दरिंदगी की इंतहा पार कर दी है। बावजूद इसके भी सरकारों की तरफ से उदासीनता बरती जा रही है। अगर ऐसे ही रहा तो आने वाले दिनों में सामान्य […] Read more » child sex crime crime against children Featured ramesh pandey उदासीनता बच्चियों के साथ दरिंदगी बच्चियों के साथ दरिंदगी पर उदासीनता क्यों
समाज महिला सशक्तिकरण के नाम पर अभिनेत्रियों का भोंड़ापन April 2, 2015 / April 4, 2015 by रमेश पांडेय | 2 Comments on महिला सशक्तिकरण के नाम पर अभिनेत्रियों का भोंड़ापन समाज का सुन्दर एवं सुव्यवस्थित स्वरुप प्रदान करने में महिला समाज का अद्वितीय स्थान है। शायद इसी वजह से भारतीय संस्कृति मातृ प्रधान है। हमारी संस्कृति में अगर देवताओं के नाम भी लिए जाते हैं तो पहले शक्तिस्वरुपा उनकी पत्नियों के नाम लिए जाते हैं, यथा सीताराम, राधे कृण्ण। वैसे सामाजिक तौर पर भी घर […] Read more » bold actress bold vs necked Featured indian actress woman strenthening ऐक्ट्रेस दीपिका पादुकोण दीपिका का वीडियो दीपिका का वीडियो माई चॉइस दीपिका पादुकोण बॉलिवुड ऐक्ट्रेस दीपिका पादुकोण महिला सशक्तिकरण माई चॉइस रमेश पाण्डेय वीडियो माई चॉइस
पुस्तक समीक्षा प्रवक्ता न्यूज़ समाज साहित्य ऊँटेश्वरी माता का महंत March 26, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ऊँटेश्वरी माता का महंत मदर टैरेसा पर उठा विवाद अभी थमा भी नही है कि एक ईसाई संगठन से जुड़े कैथोलिक विश्वासी पी.बी.लोमियों की हालही में आई पुस्तक ‘‘ ऊँटेश्वरी माता का महंत” ने ईसाई समाज के अंदर चर्च की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल उठा दिये है। “ऊँटेश्वरी माता का महंत” र्शीषक से लिखी गई यह पुस्तक एक […] Read more » ईसाई समाज के अंदर चर्च की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल ऊँटेश्वरी माता का महंत” पी.बी.लोमियों मदर टैरेसा पर उठा विवाद अभी थमा भी नही है कि एक ईसाई संगठ कैथोलिक विश्वासी
खान-पान जन-जागरण धर्म-अध्यात्म समाज माता के दूध का ऋण, सत्य धर्म की खोज व उसका पालन March 26, 2015 / March 26, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment अपार ब्रह्माण्ड का एक छोटा सा ग्रह यह पृथिवी लोक सर्वत्र मुनष्यों एवं अन्य प्राणियों से भरा हुआ है। मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जिसे परमात्मा ने बुद्धि तत्व दिया है जो ज्ञान का वाहक है। ईश्वर निष्पक्ष एवं सबका हितैषी है। इसी कारण उसने हिन्दू, मुसलमान व ईसाई आदि मतों के लोगों में किंचित […] Read more »