समाज सरकार को अश्लील एसएमएस की चिंता, बढ़ते बलात्कारों की नहीं? October 13, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment कम उम्र में लड़कियों की शादी का सुझाव तो तालिबानी सोच है! इक़बाल हिंदुस्तानी यूपीए सरकार भ्रष्टाचार के अलावा भी कुछ कर रही है, शायद यही सोचकर मनमोहन सिंह की कैबिनेट ने महिलाओं को अश्लील एसएमएस, एमएमएस और ईमेल भेजने वालों को भी कानून में संशोधन करके एक नये कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे […] Read more »
धर्म-अध्यात्म समाज ‘लव जिहाद’ के लिए मुस्लिम प्रोत्साहन / मा. गो. वैद्य October 8, 2012 by मा. गो. वैद्य | 3 Comments on ‘लव जिहाद’ के लिए मुस्लिम प्रोत्साहन / मा. गो. वैद्य ‘मुस्लिम यूथ फोरम’ नाम से मुस्लिम शिक्षित युवकों को लव जिहाद का खुला आवाहन शुरू हुआ है. इस संदर्भ में निकले पत्रक में हिंदू, सिक्ख, ईसाई युवतियों को प्रयत्नपूर्वक प्रेमजाल में खींचकर उनका धर्मांतर कराने का खुला आवाहन किया गया है. इसके लिए पुरस्कारों की राशि भी घोषित की गई है. पुरस्कारों की राशि : […] Read more » लव जेहाद
समाज हादसों में बदलती आस्था October 5, 2012 / October 5, 2012 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on हादसों में बदलती आस्था प्रमोद भार्गव धार्मिक आयोजनों में जतार्इ जाने वाली श्रद्धा और भक्ति से यह आशय कतर्इ नहीं निकाला जा सकता कि वाकर्इ इनमें भागीदारी से इहलोक या परलोक सुधरने वाले हैं। बलिक जिस तरह से धार्मिक स्थालों पर हादसे घटने का सिलसिला शुरू हुआ है उससे तो यह साफ हो रहा है कि इनमें भागीदारी कर […] Read more » stampede in mandirs
समाज गांधीगिरी सुनने में ही अच्छी, जीवन में ढालना मुश्किल October 5, 2012 / October 5, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment सिद्धार्थ शंकर गौतम वर्तमान पीढ़ी के लिए गांधी दर्शन और उनके आदर्शों पर चलना ठीक वैसा ही है जैसे नंगे पैर दहकते अंगारों पर चलना| चूंकि गांधी द्वारा दिखाया गया सत्य और नैतिकता का मार्ग अत्यंत दुष्कर है व बदलते सामाजिक व आर्थिक ढांचे में खुद को समाहित नहीं कर सकता लिहाजा यह उम्मीद बेमानी […] Read more » Gandhism गांधीगिरी सुनने में ही अच्छी
समाज …मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी October 5, 2012 / October 5, 2012 by प्रणय विक्रम सिंह | Leave a Comment प्रणय विक्रम सिंह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और गुदड़ी के लाल लालबहादुर शास्त्री के अवतरण दिवस के दिन अर्थात 2 अक्टूबर को प्रात समाचार पत्र पढ़ते ही मन व्यथित हो गया। खबर थी कि उत्तर प्रदेश के आइएएस अधिकारी शशिभूषण सुशील ने लखनऊ मेल में सफर कर रही युवती के साथ दुराचार का प्रयास किया। यह […] Read more » molestation cases of women
समाज सार्थक पहल अल्पसंख्यक, आरक्षण और शिक्षा October 2, 2012 / October 2, 2012 by कुमार प्रत्युष | 2 Comments on अल्पसंख्यक, आरक्षण और शिक्षा कुमार प्रत्युष भारत की राजनीति में अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष शब्द का जितना ज्यादा प्रयोग या दुरूपयोग हुआ है, संभवतः अन्य किसी शब्द का ना हुआ हो! हर स्वार्थ्य को साधने का एकमात्र, आसान सा तीर है की उसे अल्पसंख्यकों के भलाई से जोड़ दिया जाए! मेरे मन में ये प्रश्न हमेशा से रहा है की […] Read more » अल्पसंख्यक आरक्षण और शिक्षा
समाज क्या युवा-प्रेम, सच में प्रेम है? September 15, 2012 / September 15, 2012 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 3 Comments on क्या युवा-प्रेम, सच में प्रेम है? पियुष द्विवेदी ‘भारत’ मेरे एक मित्र ने मुझसे कहा कि वो एक लड़की से बहुत प्यार करता है! उसके बिना नही रह सकता! तब मैंने उससे पूछा कि कैसी है वो लड़की? वो बोला, “मेरे लिए वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है, बस!” मैंने उसे समझाते हुवे कहा, “देखो भाई, केवल खूबसूरती सबकुछ नही […] Read more » young generation lov युवा-प्रेम
समाज उत्तर भारतीयों के हालात के लिए दोषी कौन? September 11, 2012 / September 11, 2012 by मुकेश चन्द्र मिश्र | 3 Comments on उत्तर भारतीयों के हालात के लिए दोषी कौन? ठाकरे परिवार ने अपनी राजनीति चमकाने या अन्य किसी कारण से उत्तर भारतीयों या बिहारियों के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल रखा हैं और उत्तर भारतीय नेताओं ने उन्हे निशाने पर ले रखा है। इन सारे विवादों से जो एक बात निकल कर सामने आ रही है वो ये की उत्तर भारतीय नेता हद से […] Read more » Uttar Bhartiya
समाज आरक्षण समाज निर्माण का औजार बने September 10, 2012 / September 9, 2012 by डॉ. अनिल जैन | 2 Comments on आरक्षण समाज निर्माण का औजार बने डॉ अनिल जैन आरक्षण समाज निर्माण का औजार बने, समाज को टुकड़ों में बटने वाला हथियार नहीं | एक चिकित्सक के रूप में हम यह कह सकते हैं कि शरीर के किसी अंग के कमजोर होने या उसमें कोई दोष उत्पन्न होने के स्थिति में अन्य अंगों के वनिस्पत रोगग्रस्त अंग का इलाज पहले और […] Read more » Reservation आरक्षण समाज निर्माण का औजार बने
समाज समानता का मूल अधिकार विभेद की मनाही नहीं करता! September 4, 2012 / September 4, 2012 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on समानता का मूल अधिकार विभेद की मनाही नहीं करता! समानता का मतलब सबको आँख बंद करके एक समान मानना नहीं है, बल्कि सरकार के द्वारा समान लोगों के साथ समान व्यवहार करना है, जिसके लिए एक समान लोगों, समूहों और जातिओं का वर्गीकरण करना समानता के मूल अधिकार को लागू करने के लिए अत्यंत जरूरी है! अत: अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के मूल […] Read more » आरक्षण समानता संविधान
समाज यहां आज भी लोग गुफाओं में रहते हैं August 30, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on यहां आज भी लोग गुफाओं में रहते हैं आशुतोष शर्मा देश के महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक फैले मॉल, गांवों गांवों तक पहुंची मल्टीनेशनल कंपनियों के कोल्ड ड्रिक्स की बोतलें और महंगे मोबाईल फोन रखने वाले ग्रामीणों को देखकर ऐसा लगता है कि रोटी, कपड़ा और मकान अब लोगों की बुनियादी आवश्यकता नहीं रह गई है, बल्कि यह सब गुजरे जमाने की […] Read more »
समाज बाल श्रम प्रतिबंधित करना अच्छा कदम मगर इससे जुड़े दूसरे पक्ष का क्या..? August 30, 2012 / August 30, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment सिद्धार्थ शंकर गौतम अब किसी चाय के ठेले पर छोटू नहीं दिखेगा या कोई बच्चा आपकी गाड़ी की सफाई नहीं करेगा| दरअसल केंद्र सरकार ने चौदह साल से कम उम्र के बच्चों से काम करवाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध को हरी झंडी दे दी है। ऐसा करने वाले को अब अधिकतम तीन साल की […] Read more » child labour बाल श्रम बाल श्रम प्रतिबंधित करना