खेल जगत समाज राष्ट्रमंडल खेलों के बहाने मीडिया को नारी पूजा याद आयी? August 12, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 26 Comments on राष्ट्रमंडल खेलों के बहाने मीडिया को नारी पूजा याद आयी? डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ खबरें बेचने के लिये मीडिया अनेक प्रकार के तरीके ईजाद करने लगा है। यदि घटनाएँ नहीं हो तो पैदा की जाती हैं। वैसे घटनाएँ रोज घटित होती हैं, लेकिन कितने लोगों को लूटा गया, कितनी स्त्रियों के साथ बलात्कार हुआ, कितनों की दुर्घटना में मौत हुई, कितने करोड किसने डकारे आदि […] Read more » Commanwealth Games राष्ट्रमंडल खेल
समाज कल्याण के नाम पर कण्डोम August 11, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. राजेश कपूर | 16 Comments on कल्याण के नाम पर कण्डोम -डॉ राजेश कपूर पश्चिमी प्रभाव में हमने सीखना शुरू कर दिया है कि कण्डोम साथ लेकर चलो ताकि एड्स से बचाव हो। सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे अश्लील विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं कि कण्डोम साथ लेकर चलो। क्या मायने हैं इसके? भारतीयों की ऐसी पतित सोच तो कभी नहीं रही, पर हमें ऐसा बनाने […] Read more » Condom कण्डोम
समाज जाति आधारित जनगणना के फायदे August 11, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on जाति आधारित जनगणना के फायदे -अनिल कुमार सात मई को संसद में हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने जाति आधारित जनगणना की मांग पर विचार करने का आश्वासन देकर जाति के जिन्न को बोतल से बाहर निकाल दिया। संसद में उस दिन लगभग सभी राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के लिए सहमत हो गए थे। हालांकि इस […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज दधीचि देहदान समिति के माध्यम से मृत देह भी अमर हो रही है August 5, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on दधीचि देहदान समिति के माध्यम से मृत देह भी अमर हो रही है -अरुण कुमार सिंह क्या आप अपनी मृत्यु के बाद भी अपनी आंखों से इस दुनिया को देखना चाहते हैं? क्या आप यह चाहते हैं कि मृत्यु के बाद भी आपका हृदय किसी दूसरे के शरीर को धड़काए? क्या आपकी यह इच्छा है कि देहावसान के पश्चात् आपकी कोई हड्डी किसी के काम आए? यदि हां, […] Read more » samiti दधीचि देहदान समिति
समाज स्वतंत्रता बनाम उच्छृंखलता August 5, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on स्वतंत्रता बनाम उच्छृंखलता -प्रवीण कुमार किसी भी सभ्य समाज में जिसको किसी भी प्रकार के मसल पवार का उपयोग निंदनीय है खासकर यदि वह महिलाओं के विरोध में हो तो शर्मनाक भी है। परन्तु सामाजिक मापदण्डों को स्वतंत्रता के नाम पर तोड़ना भी निंदनीय है। बेलेटाईन डे या फ्रेडशिप डे के नाम पर हम जिस समाज की रचना […] Read more » independence उच्छृंखलता
समाज निस्वार्थ सेवा ही असली सेवा है July 30, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 4 Comments on निस्वार्थ सेवा ही असली सेवा है – डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री मध्यकालीन भारतीय दश गुरु परम्परा के आठवें गुरु श्री हरकिशन जी के जीवन का एक प्रसंग है। उनके जीवन काल में प्लेग का प्रकोप हुआ था। प्लेग अपने आप में भयावह बीमारी है और उन दिनों तो प्लेग को मृत्यु का पर्यायवाची ही माना जाता था। लोग अपने घर बार […] Read more » Selfless Service निस्वार्थ सेवा
समाज निर्दोष नहीं है पोर्न July 30, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी पोर्न और अर्द्ध पोर्न फिल्मों या धारावाहिकों में पुरूष को अमूमन सेक्स के अति आग्रहशील दिखाया जाता है। पुरूष को अनेक बार अनेक औरतों से सेक्स करते हुए दिखाया जाता है। वहीं दूसरी ओर औरत को सेक्स के चौकीदार के रूप में पेश किया जाता है। पुरूष का ध्यान आकर्षित करने वाली के […] Read more » Porn पोर्न
समाज ऑनर किलिंग और खाप पंचायत July 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on ऑनर किलिंग और खाप पंचायत – अखिलेश आर्येन्दु खाप पंचायतों का केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 को बदलने के मांग को कानून मंत्री वीरप्पा मोइली द्वारा खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद पंचायतें बराबर हरियाणा सरकार पर इस अधिनियम में बदलाव करने की मांग पर अड़ी हुई हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि खाप पंचायतों […] Read more » Khap Panchayat ऑनर किलिंग खाप पंचायत
समाज जातिय आधारित जनगणना अर्थात समाज तोड़ अभियान July 29, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जातिय आधारित जनगणना अर्थात समाज तोड़ अभियान – लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल 2011 के जनगणना में जातिय सूचनाएं भी संकलित की जाए इसके लिए विपक्षी दलों का दबाव पड़ रहा है। केंद्र सरकार असमंजस की स्थिति में है। क्योंकि सरकार के भीतर भी कुछ घटक या कांग्रेस के भी कुछ मंत्रियों की राय इसके समर्थन में है। इसी कारण इस विषय पर 27 […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज जंगल की भाषा बोलता आदमी July 28, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. सुभाष राय | 5 Comments on जंगल की भाषा बोलता आदमी -डा. सुभाष राय भाषा, संयम और धैर्य आदमी को जानवर से अलग करने वाले उपकरण हैं। किसी विद्वान ने कभी कहा था कि आदमी एक सामाजिक पशु है। आदमी मूल रूप से जानवर ही है लेकिन उसकी सामाजिकता उसे जंगलीपन के अँधेरे में खो जाने से रोकती है। सामाजिक होने की सबसे बड़ी शर्त होती […] Read more » language भाषा
समाज भारत में छुआ-छूत नहीं थी / डॉ. राजेश कपूर July 28, 2010 / June 6, 2012 by डॉ. राजेश कपूर | 26 Comments on भारत में छुआ-छूत नहीं थी / डॉ. राजेश कपूर -डा. राजेश कपूर, पारम्परिक चिकित्सक पता नहीं भारत में कब और कैसे ये छुआ-छूत का विषधर सांप घुस गया? पूर्वाग्रहों को छोड़ कर ज़रा तथ्यों व प्रमाणों की रोशनी में देखें तो पता चलता है कि भारत में जातियां तो थीं पर छुआ- छूत नहीं. स्वयं अंग्रेजों के द्वारा दिए आंकड़े इसके प्रमाण हैं. भारत […] Read more » India छुआछूत
समाज दलित समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक पहल की आवश्यकता July 21, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on दलित समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक पहल की आवश्यकता – अखिलेश आर्येन्दु पिछले दिनों हरियाणा के हांसी के मिर्चपुर गांव के दलितों के अनेक घर गांव के दबंगो के जरिए जला देने के बाद दलित समस्या एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। एक सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर कब तक दलित उच्च वर्गों के जरिए उत्पीड़ित किए जाते रहेंगे। […] Read more » Dalit दलित