लेख सार्थक पहल महामारी के सबक को सीख बनाना होगा February 3, 2021 / February 3, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत में कोरोना संक्रमण के कहर को झेल रही जिन्दगी बड़े कठोर दौर के बाद अब सामान्य होने की कगार पर दिखाई दे रही है। वैज्ञानिकों की नेशनल सुपर मॉडल समिति ने लगभग चार माह पहले ही दावा किया था कि देश में कोरोना का चरम सितम्बर में ही आ चुका था और […] Read more » The lesson of the epidemic has to be learned अनियमित मौसम एवं वायु जलवायु संकट बढ़ता प्रदूषण भूमि व पहाड़ों पर असीमित दोहन लगातार पिघलते ग्लेशियर
महिला-जगत लेख सार्थक पहल बीहड़ में स्त्री स्वाभिमान की जागरूकता February 1, 2021 / February 1, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment सूर्यकांत देवांगनभानुप्रतापपुर, छत्तीसगढ़ भारतीय समाज में आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं पीरियड्स को लेकर कई मिथकों और संकोचों में अपना जीवन गुजार रही हैं। ’पीरियड्स’ महिलाओं की जिंदगी से जुड़ा एक अहम विषय है, जिस पर खुलकर बात नहीं होती है। देश के बड़े शहरों में हालात जरूर थोड़े बदले हैं, लेकिन गांव और कस्बों में […] Read more » स्त्री स्वाभिमान की जागरूकता
लेख सार्थक पहल मजबूत हौसले ने दी उड़ान January 27, 2021 / January 27, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment रमा शर्मा टोंक, राजस्थान पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में देश में मुस्लिम बालिका शिक्षा की दर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पहले की अपेक्षा स्कूल जाने वाली मुस्लिम बालिकाओं की संख्या बढ़ी है। स्कूलों में लड़कियों के […] Read more » राजस्थान का घुमंतु मुस्लिम बंजारा समुदाय
राजनीति सार्थक पहल भारत में धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी चलाए जा रहे हैं कई अस्पताल, इन्हें दिया जाना चाहिए प्रोत्साहन January 13, 2021 / January 13, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारत में रोटी, कपड़ा और मकान को मूलभूत आवश्यकताओं की श्रेणी में गिना जाता है। परंतु, कोरोना वायरस महामारी के बाद की स्थितियों को देखते हुए अब यह कहा जा सकता है कि रोटी, कपड़ा और मकान के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को भी अब इसी श्रेणी में गिना जाना चाहिए। अब समय आ गया […] Read more » धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा संचालित किए जा रहे अस्पतालों के योगदान
जन-जागरण मनोरंजन महिला-जगत समाज सार्थक पहल अवसर मिले तो-महिलायें,क्या कुछ न कर दिखाएं ? January 13, 2021 / January 13, 2021 by निर्मल रानी | 1 Comment on अवसर मिले तो-महिलायें,क्या कुछ न कर दिखाएं ? निर्मल रानी वैसे तो हमारे पौराणिक शास्त्रों में जिस तरह अनेक देवियों,उनके जीवन,उनके कार्यकलापों,अदम्य साहस तथा उनके वैभव का उल्लेख किया जाता उससे तो यही प्रतीत होता है कि महिलायें हमेशा से ही निर्भीक,निडर,साहसी तथा पुरुषों की ही तरह सब कुछ कर गुजरने की क्षमता रखने वाली रही हैं। अन्यथा आज उन देवियों की पूजा […] Read more » ए आई-176 कैप्टन आकांक्षा सोनवरे कैप्टन ज़ोया अग्रवाल कैप्टन पापागरी तनमई कैप्टन शिवानी भारतीय महिला पायलट्स लक्ष्मी सहगल
जन-जागरण लेख सार्थक पहल नक्सल क्षेत्रों में अहिंसा एवं शांति की आहट का आगाज January 13, 2021 / January 13, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गनक्सलवाद देश की एक बड़ी समस्या है, यह सामाजिक-आर्थिक कारणों से उपजी समस्या है। आदिवासी गरीबी, बेरोजगारी और सरकारी उपेक्षा के कारण एक निचले स्तर की जीवनशैली जीने को मजबूर हैं। स्वास्थ्य-सुविधा के अभाव में गंभीर बीमारियों से जूझते इन क्षेत्रों में असामयिक मौत कोई आश्चर्य की बात नहीं। नक्सलवादी क्षेत्रों का विकास करने […] Read more » Non-violence and peace in Naxal areas started आचार्य महाश्रमण नक्सल क्षेत्रों में अहिंसा
उत्पाद समीक्षा लेख सार्थक पहल केसर की सुगंध से महका कश्मीर January 11, 2021 / January 11, 2021 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment ● श्याम सुंदर भाटियासच मानिए, कश्मीरी आतंकवाद ने केसर की खुशबू को भी कैद कर रखा था। धारा 370 हटने के करीब डेढ़ साल बाद अब केसर की सुगंध भी आजाद होने लगी है, क्योंकि आख़िरकार टेररिस्ट टैक्स अलविदा हो गया है। तीन दशक में पहली बार दिल्ली समेत दीगर सूबों के केसर कारोबारी घाटी […] Read more » Kashmir infused with the aroma of saffron केसर की सुगंध से महका कश्मीर
मनोरंजन सार्थक पहल हमारी आर्थिक तस्वीर को बदल सकते हैं मछली एवं पशु पालन January 6, 2021 / January 6, 2021 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment कृषि के साथ-साथ पशुधन पालन, डेयरी, मत्स्य पालन गतिविधियाँ सभ्यता के प्रारंभ से मानव जीवन का एक अभिन्न अंग हैं. इन गतिविधियों से खाद्य व्यवस्था में सुधार हुआ और पशुधन को सहेजने में मदद जलवायु और स्थलाकृति के कारण पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र ने भारत की उन्नति में एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक भूमिका निभाई […] Read more » Fish and animal husbandry Fish and animal husbandry can change our economic picture डेयरी पशुधन पालन मछली एवं पशु पालन मत्स्य पालन
राजनीति सार्थक पहल भारतीय रेल में हो रहे कई क्रांतिकारी बदलाव January 4, 2021 / January 4, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment पूरे विश्व में ही यात्रा एवं माल ढोने के लिए रेल्वे एक कुशल साधन माना जाता है। कई देशों के आर्थिक विकास को गति देने का श्रेय वहां विकसित की गई दक्ष रेल्वे लाइनों के योगदान को भी दिया जाता है। विश्व के कई विकसित देशों, जैसे जापान, फ़्रान्स, कनाडा, सिंगापुर, चीन, अमेरिका आदि, के […] Read more » Many revolutionary changes happening in Indian Railways क्रांतिकारी बदलाव भारतीय रेल
मनोरंजन सार्थक पहल दुनिया का अनोखा स्कूल “हिम्मतशाला” December 24, 2020 / December 24, 2020 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विजयलक्ष्मी सिंह आठवीं कक्षा यानि महज 13-14 वर्ष की उम्र, ये वो समय होता है जब किशोर जिंदगी का ककहरा सीखना शुरू ही करते हैं। इसी अपरिपक्व उम्र में चार बालको ने अपने सहपाठी मोनू पर स्कूल के नजदीक खेत में बीयर की टूटी बोतल से कई वार किए। मोनू सौभाग्यशाली रहा पेट में कांच […] Read more » हिम्मत विद्यालय
लेख सार्थक पहल लेखक अंशुमन भगत की पुस्तकें युवाओं में है लोकप्रिय December 19, 2020 / December 19, 2020 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मशहूर लेखक अंशुमन भगत ने अपने कर्म इच्छा से युवकों के लिए लाई गई एक श्रेष्ठ पुस्तक की रचना की है, जिसमे महत्वपूर्ण शब्दकोश रचनाएं रचि गई है, और ये काफी प्रसिद्ध है सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर, नौजवान अंशुमन भगत ने अपना रास्ता खुद चुना, जबकि आजकल के युवक पीढ़ियां अनेक कर्मो मे व्यस्त […] Read more » Author Anshuman Bhagat Author Anshuman Bhagat's books are popular among the youth. अंशुमन भगत
समाज सार्थक पहल रोज़गार का सशक्त माध्यम बन सकता है पशुधन December 10, 2020 / December 10, 2020 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment फूलदेव पटेल मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार ऐसे वक़्त में जबकि देश में रोज़गार के अवसर कम होते जा रहे हैं, बड़ी बड़ी कंपनियां कर्मचारियों की छटनी कर रही हैं, रोज़गार के अवसर लगातार सीमित होते जा रहे हैं, ऐसे वक़्त में भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसी न किसी रूप में रोज़गार के अवसर उपलब्ध हैं। वास्तव […] Read more » Livestock can become a strong medium of employment पशुधन रोज़गार का सशक्त माध्यम