विविधा
डॉ. मधुसूदन: ”हिंदी-अंग्रेज़ी टक्कर?” भाग-एक
/ by डॉ. मधुसूदन
(क ) एक रविवारीय भोज के बाद, वार्तालाप में, भोजनोपरांत डकारते डकारते, मेरे एक पश्चिम-प्रशंसक, { भारत-निंदक, उन्हें स्वीकार ना होगा } वरिष्ठ मित्र नें प्रश्न उठाया, कि ”क्या, तुम्हारी हिंदी अंग्रेज़ी से टक्कर ले सकती है? सपने में भी नहीं।” यह सज्जन, हिंदी के प्रति, हीन भाव रखनेवालों में से है। वे, उन के […]
Read more »