विविधा तभी होगा सच्चे अर्थों में गण का तंत्र January 26, 2011 / December 15, 2011 by विनोद बंसल | Leave a Comment विनोद बंसल पूरे विश्व के अंदर सोने की चिड़िया एवं विश्वगुरू कहा जाने वाला मेरा देश आज चारों तरफ आतंकवाद, हिंसा, वैमनस्य, जाति, पंथ, भाषावाद एवं भ्रष्टाचार ने जकड़ा हुआ है। देश के अधिकांश राजनेता अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते वोट बैंक की भूख में इस देश के सभी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय मूल्यों को खोते […] Read more » republic day celebration
विविधा बढ़ता भ्रष्टाचार–कौन जिम्मेदार? January 26, 2011 / December 15, 2011 by पंकज चतुर्वेदी | 3 Comments on बढ़ता भ्रष्टाचार–कौन जिम्मेदार? पंकज चतुर्वेदी हम शीर्ष पर है, तो इस पर हमें गर्व होना चाहिये लेकिन यदि क्षेत्र और विषय का पता चले तो हमारा सर शर्म से झुक जाता है। हमारा लज्जित होना स्वाभाविक है, क्योंकि हम भ्रष्टाचार के मामले में शीर्ष पर है। यह आंकलन भ्रष्टाचार के खिलाफ दुनिया भर में अलख जागने वाली संस्था […] Read more » increasing corruption भ्रष्टाचार
विविधा स्वामी सत्य प्रकाश : विज्ञान, धर्म और अध्यात्म के युगधर्मी संवाहक January 26, 2011 / December 16, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | 1 Comment on स्वामी सत्य प्रकाश : विज्ञान, धर्म और अध्यात्म के युगधर्मी संवाहक डॉ. स्वामी सत्य प्रकाश के महाप्रयाण 18 जनवरी पर विषेश अखिलेश आर्येन्दु आर्य समाज के इतिहास में विज्ञान, धर्म, वेद, समाज और साहित्य को अतुलित ऊंचाई प्रदान करने वालों में स्वामी सत्य प्रकाश का नाम सर्वोपरि है। यह आर्य समाज को ही गौरव प्राप्त है कि एक संन्यासी, वैज्ञानिक, साहित्यकार, दर्शनशास्त्री और विश्व प्रसिद्ध वेदज्ञ […] Read more » Swamy Satyaprakash डॉ. स्वामी सत्य प्रकाश
विविधा मनरेगा में उग रहा भ्रष्टाचार January 26, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on मनरेगा में उग रहा भ्रष्टाचार विनोद उपाध्याय मध्य प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत उजाड़ और बीहड़ वनक्षेत्रों की बंजर भूमि पर वैकल्पिक ऊर्जा ईंधन या बायो फ्यूल उत्पादन के लिए जेट्रोफा की खेती करने का काम बड़ी जोर शोर के साथ शुरू किया गया था लेकिन अधिकारियों की करतुतों के कारण जेट्रोफा तो नहीं […] Read more » Corruption भ्रष्टाचार मनरेगा
विविधा साज नहीं, अब तो यहां सजता है जिस्म का बजार January 26, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विनोद उपाध्याय कभी दिन ढलते ही तबलों की थाप और घुंघरुओं की खनक से गूंजने वाला इलाके आज शांत पड़े हैं। अब यहां के कोठों पर तहज़ीब और कला के क़द्रदान नहीं, बल्कि शरीर पर नजऱ रखने वाले ही अधिक आते हैं। आज़ादी मिलने के पहले और उसके बाद के कुछ वर्षों तक सराय में […] Read more » Body Market जिस्म बजार
विविधा दारुल उलूम देवबंद में बवाल January 26, 2011 / December 16, 2011 by ए.एन. शिबली | 4 Comments on दारुल उलूम देवबंद में बवाल नए कुलपति को हटाने के लिए पर्दे के पीछे से खेल जारी वसतानवी के खिलाफ खबर नहीं छापने के लिए उर्दू के दो अखबार ने लाख लाख रुपए मांगे ए एन शिबली भारत की सबसे बड़ी और विश्व की कुछ बड़ी इस्लामी शिक्षण संस्थाओं में शामिल दारुल उलूम देवबंद की खबरें हिन्दी और अंग्रेज़ी मीडिया […] Read more » Darum Ulem Devband दारुल उलूम देवबंद
विविधा मनमानी की पाठशाला January 26, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on मनमानी की पाठशाला विनोद उपाध्याय बात 1978 की है जब लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) केटी सतारावला को जबलपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्ति किया गया था तब उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश के किसी विश्वविद्यालय में उपकुलपति बनने से बेहतर है किसी होटल का मैनेजर बनना। सतारावला ने यह बात किस नजरिए से कही थी यह तो वही जाने […] Read more » School पाठशाला
विविधा विकास का संदर्भ और स्वरूप January 23, 2011 / January 23, 2011 by के. एन. गोविंदाचार्य | 3 Comments on विकास का संदर्भ और स्वरूप के. एन. गोविन्दाचार्य भारतीय संदर्भ में विकास के साथ कुछ बुनियादी शर्त जुड़ी हैं। यहां वास्तविक विकास कार्य उसी को कहा जा सकता है जिसमें अंतिम व्यक्ति का हित सर्वोपरि रहे। जबकि आज हो रहा है इसके ठीक उलटा। आज जो नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें आम आदमी की बजाए पूंजीपतियों एवं प्रभावशाली समूहों […] Read more » विकास
विविधा जीवन संवारने की तीन कलाएं January 23, 2011 / January 23, 2011 by चैतन्य प्रकाश | 1 Comment on जीवन संवारने की तीन कलाएं चैतन्य प्रकाश बदलाव लगातार है। थोड़ा गहरे से देखें तो यह बदलाव हर पल हो रहा है। सृष्टि का, संसार का अगर ठीक गुणवाचक नाम खोजा जाए तो शायद ‘गति’ होगा। गति सर्वत्र है, फिर स्थिति कहां है? जिनको हम स्थिर मानते हैं, उन सब पदार्थों के भीतर अणुओं – परमाणुओं में होने वाली इलेक्ट्रानों […] Read more »
विविधा क्या सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी कोई दिल्ली में सुनने वाला है ? January 22, 2011 / December 16, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on क्या सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी कोई दिल्ली में सुनने वाला है ? डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री सर्वोच्च न्यायालय ने दारा सिंह को फांसी देने की केन्द्रीय सरकार की अपील को नामंजूर कर दिया है। कुछ साल पहले ओडिशा में आस्ट्रेलिया के एक मिशनरी ग्राहम स्टेन्स की जंगल में हत्या हो गई थी। वह अपनी गाडी में था कि कुछ लोगों ने उसकी आग लगा दी। बाद में […] Read more » Dara Singh दारा सिंह धर्मांतरण
विविधा राष्ट्र सर्वोपरि, सियासी रसूख खुदगर्जी नहीं January 22, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on राष्ट्र सर्वोपरि, सियासी रसूख खुदगर्जी नहीं राष्ट्रीय एकता यात्रा के प्रसंग में भरतचंद्र नायक जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के ऐतिहासिक लालचौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने के संकल्प की घोषणा के साथ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खबरों के मानचित्र पर आ गये हैं। दो घोषणाएं देश की जनता में चर्चा का विषय बन चुकी हैं। 12 जनवरी को पं. बंगाल के […] Read more » Rashtriya Ekta Yatra राष्ट्रीय एकता यात्रा
विविधा जीती रहे ‘विकीलीक्स’ January 22, 2011 / December 16, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on जीती रहे ‘विकीलीक्स’ पंकज कुमार साव खोजी पत्रकारिता के लिए आदर्श बन चुके अमेरिकी वेबसाइट ‘विकीलीक्स’ के खुलासों से जब अमेरिकी प्रशासन के माथे पर बल पड़ने शुरू हुए थे, तभी से यह लगने लगा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के भ्रष्टाचार भी अब सार्वजनिक हो पाएंगे, जो किसी न किसी दबाव में सामने नहीं आ पा रहे थे। […] Read more » Wikileaks विकीलीक्स