—विनय कुमार विनायक
तैमूरलंग का प्रतिनिधि शासक
दिल्ली का सुल्तान खिज्रखान था
(1414 से1421 ई.)
चौदह सौ चौदह से इक्कीस तक
खिज्र खान का शासन
दिल्ली तक सिमट आया था
उसने उपाधि शाह की
कभी नहीं धारण की
पहला सैय्यद शाह कहलाया था
मुबारक शाह(1421ई.)
जिसने चलाया स्वनिर्मित सिक्का
उसका वारिस मुहम्मद शाह
(1434-1444ई.)
फिर अलाउद्दीन आलम शाह
(1444-1451 ई.)
जो लोदियों के हाथ बिका था
स्वेच्छा से गद्दी सौंपी थी
बहलोल लोदी अफगान को।
दिल्ली सल्तनत तहस नहस हुई,
तेरह सौ अठानवे में तैमूरलंग से!
दौलत खान लोदी से सत्ता छीनी
सैयद खिज्रखान ने बिना जंग के!
सिपहसालार हीं रहा ‘रैयत-ए-आला’
किसानों के प्रमुख की उपाधि लेके
तैमूरलंग उतराधिकारी शाहरुख के!
सैयद ने दौलत लोदी से सत्ता ली
अंतिम सैयद आलम शाह की सत्ता
जब पालम तक सीमित हो गयी
खानेजहां बहलोल लोदी को दे दी!
याहिया बिन अहमद सरहिन्दी ने
तारीख-ए-मुबारकशाही लिखी थी!