सरफ़राज़ ख़ान
ऐसी खुराक जो वसा से भरपूर हो उससे प्रोस्टेट का खतरा बढ़ सकता है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक़ यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास के एम डी एन्डर्सन कैंसर सेंटर, हाउस्टन की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन पुरुषों ने सैचुरेटिड फैट-स्टीक, बर्गर, पनीर, आइसक्रीम, सलाद ड्रेसिंग और मेयोनेज का सेवन बहुत अधिक किया, उनमें सर्जरी के बाद बीमारी होने का खतरा करीब दो गुना ज्यादा हुआ बनिस्बत उन लोगों के जिन्होंने कम सैचुरेटिड फैट लिया। यह शोध इनटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित हुआ है।
सर्जरी से पहले की खुराक खासकर सैचुरेटिड फैट लेने का असर सर्जरी के बाद मरीज पर पड़ता है। ज्यादा सैचुरेटिड फैट लेने वाले मोटे लोगों को ”बीमारी मुक्त” रहने के लिए छोटा पीरियड होता है बनिस्बत गैर मोटे पुरुषों के जो कम सैचुरेटिड फैट वाला भोजन लेते हैं।
ऐसे मोटे पुरुष जो बहुत ज्यादा सैचुरेटिड फैट लेते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर से मुक्ति का समय बहुत ही कम होता है (19 महीने), जबकि गैर मोटे पुरुषों में जो कम वसा वाला भोजन लेते हैं उनमें इस बीमारी से मुक्ति के लिए 46 महीने का समय मिलता है। गैर मोटापे के शिकार पुरुष जो बहुत ज्यादा फैट लेते हैं और मोटापे वाले पुरुष जो कम वसा लेते हैं, दोनों में ही बीमारी मुक्त रहने की अवधि क्रमश: 29 और 42 महीने होती है। शोध में यही निष्कर्ष निकाला गया कि सैचुरेटिड फैट लेने की भूमिका प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने में अहम होती है। (स्टार न्यूज़ एजेंसी)
सरफराज जी आपके द्वारा दी गयी जानकारी महत्वपूर्ण होते हुए भी एकांगी है.सत्य तो यह है की असंतुलित भोजन सब बीमारियों का जड़ है.अगर किसी भी ऐसी बीमारी को ले जो आपके जीवन पद्धति की देन है तो सबके जड़ में कारण होगा असंतुलित आहार और शारीरिक परिश्रम का अभाव.अगर हम स न्तुलित भोजन ले,यानि की ऐसा भोजन ले जिसमे कर्बोहैद्रेट ,प्रोटीन और fat का समुचित मिश्रण हो और हम नियमित व्यायाम करे तो न केवल कैंसर,हृदय रोग या मधुमेह इत्यादि से छुटकारा पा सकते है,बल्कि सर्दी ,खांसी ,जुकाम आदि मौसमी बिमारियों से भी मुक्त रह सकते हैं.