मनुष्य के अस्तित्व को बचाने का प्रयास है गो ग्राम यात्रा

copy-of-1111-300x20008 अक्टूबर, शिमला। विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के स्वागत के लिए शिमला में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए महंत सूर्यनाथ ने कहा है कि गो ग्राम यात्रा मानव अस्तित्व को बचाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि भारतीय मान्यताओं के अनुसार मानव अस्तित्व का मूल आधार गोवां ही रहा है और गोवंश की हत्या मानव अस्तित्व की हत्या है।

महंत सूर्यनाथ ने कहा कि मानव के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए ही विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का शंखनाद किया गया है। गोदुग्ध में बच्चों के मस्तिक को विकसित करने वाला एक विशेष प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है। उन्होंने गोवशं के आधार पर की जाने वाली कृषि प्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि आज का किसान रासायनिक खादों का प्रयोग जैविक खादों की अपेक्षा ज्यादा कर रहा है जिसके कारण भूमि की उर्वरता कम हुई है। उन्होंने एक उदाहरण के माध्यम से बताया कि पंजाब के लोगों ने सरकार को एक लिखित पत्र के जरिए अवगत कराया कि यदि रासायनिक खादों पर आधारित खेती किसान करते रहे तो जल्द ही पंजाब की उत्पादकता में कमी आ सकती है। स्वामी सूर्यनाथ ने कहा कि यदि हमारे देश का किसान आधुनिक उपकरणों के बजाय गोवशं पर आधरित कृषि करे तो भारत दो को कभी अन्य देशों से अनाज आयात करने की आवश्यकता नहीं पडेगी।

गो ग्राम यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक केइएन राघवन ने यात्रा के बारे में लोगों को बताते हुए कहा कि ईश्वर ने भी सदैव गो की सेवा की है अत: गो पालन की उपेक्षा ईश्वर की उपेक्षा के समान है। जनसभा में श्री राघवन को हिमाचली टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया गया।

विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का पहाडी क्षेत्र हिमांचल में जोरदार स्वागत हो रहा है। कांगडा से चलने के बाद हमीरपुर और विलासपुर जिलों में गो ग्राम यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। विलासपुर जिला में लोगों द्वारा यात्रा का स्वागत पारंपरिक रणसिंहा के वादन द्वारा किया गया। स्कूली छात्रों द्वारा भी यात्रा का फूल मालाओं द्वारा स्वागत किया गया। जगह जगह पर यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रमों में संतों ने गोवंश की उपयोगिता बताते हुए लोगों को गोपालन व गोसंवर्ध्दन हेतु संकल्प भी कराया।

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