राज्यों के पुलिस महानिदेशकों एवं महानिरीक्षकों तथा केंद्रीय सुरक्षा बलों और गुप्तचर संस्थाओं के प्रमुखों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर विचार करते हुए नक्सलवाद को सबसे गंभीर खतरा बताया और.कहा कि इसे नियंत्रित करने में हमें पर्याप्त सफलता नहीं मिल पाई है।
प्रधानमंत्री इस बात पर चिंतित थे कि नक्सली हिंसा को रोकने के प्रयासों के बावजूद नक्सल प्रभावित राज्यों में हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा है। वामपंथी उग्रवाद को नियंत्रित करने में हमें जितनी सफलता मिलनी चाहिए थी उतनी नहीं मिल पाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समस्या से सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या मानकर नहीं निपटा जा सकता। इसके लिए एक सार्थक रणनीति अपनाने की जरूरत है। नक्सली आंदोलन की खूंखार प्रवृत्ति के बावजूद कई क्षेत्रों में उसे आदिवासियों तथा अति गरीबों के एक वर्ग का समर्थन हासिल है।
उन्होंने कहा कि समाज, बुद्धिजीवियों तथा युवाओं के एक बड़े हिस्से में उसका प्रभाव है। इन सब कारणों से यह समस्या और जटिल हो गई है। उन्होंने पुलिस तथा गुप्तचर सेवा प्रमुखों से इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस समस्या से निपटने के लिए नई तथा बेहतर रणनीति बनाने को कहा।
कोई उनसे पूछे कि अब तक उन्हें नियंत्रित करने के लिए उन्होंने ऐसा ख़ास किया क्या था, जो फेल हो गए ?