हिंदी ग़ज़ल

है दुनिया पर नहीं भरोसा।
पानी पी पी कर है कोसा।।

घर में इतनी चहल पहल है,
औ कुढ़ कर बैठा है गोशा।

आफिस की मीटिंग में मिला,
आलू बंडा और समोसा।

वे ही नमक हराम हुए हैं,
जिनको हमनें पाला पोसा।

कयामत देखो ले रही है,
लोगों की खुशियों का बोसा।

अनवरत यात्रा हुई जारी,
बिल्कुल पास नहीं है तोसा।

अविनाश ब्यौहार
रायल एस्टेट कालोनी
कटंगी रोड, माढ़ोताल, जबलपुर।

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