मेक इन इण्डिया व स्किल्ड इंडिया की परिकल्पना

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‘मेक इन’ व ‘स्किल्ड इंडिया’ की परिकल्पना
साकार करेगा छत्तीसगढ़ का बजट–chhatit2

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 13 मार्च 2015 को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए बजट पेश किया। बजट में पूंजीगत व्यय में 39 प्रतिशत वृद्धि की गई है। बजट में युवा, अधोसंरचना विकास एवं औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी गई है। बजट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक-इन-इंडिया तथा स्किल्ड इंडिया की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक ठोस पहल की गई है। अधोसंरचना के विकास से इन्वेस्टर्स सेंटिमेंट तथा औद्योगिक विकास को ऊर्जा मिलेगी एवं भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने के लिए युवाओं के कौशल उन्नयन को विशेष महत्व मिलेगा। इस बजट के साथ पहली बार ‘यूथ बजट’ प्रस्तुत किया गया है। युवाओं के विकास के लिए बजट में कुल 6 हजार 151 करोड़ आवंटित किया गया है, जो कि कुल आयोजना व्यय का 16 प्रतिशत है। युवाओं को कौशल उन्नयन के अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए अब तक का सर्वाधिक 735 करोड़ रुपए का प्रावधान है। राज्य में इस साल 17 नये आईटीआई तथा 3 पॉलीटेक्निक खोले जाएंगे। युवा समग्र विकास योजना चालू कर आईटीआई, तकनीकी विश्वविद्यालय व व्यापम की प्रवेश परीक्षाओं के परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की कमी की जाएगी और आईटीआई की फीस में भी 50 प्रतिशत की कमी की जाएगी। इस बजट में अधोसंरचना के विकास पर सर्वाधिक 11 हजार करोड़ का प्रावधान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में रोड नेटवर्क के उन्नयन के लिए 5 हजार 183 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसके अंतर्गत राज्य राजमार्ग तथा सभी जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाली सड़कों को डबल लेन में उन्नयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप मोड से 2 हजार किमी लंबाई की सड़कों का भी उन्नयन किया जाएगा, जिस पर 3 वर्ष में 10 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रामीण सड़कों के विकास हेतु 700 करोड़ आबंटित किया गया है। लगभग 5 हजार करोड़ के निवेश से 300 किमी के रेल कॉरीडोर का विकास किया जाएगा। रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय मापदंड के अनुरूप बनाया जाएगा। औद्योगिक विकास में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद््देश्य से नई औद्योगिक नीति तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी नीति लागू की गई है। नया रायपुर में इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा के लिए ट्रिपल आईटी प्रारम्भ कर दिया जाएगा। 17 जिला मुख्यालय में हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण किया जाएगा। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु लगभग 5 हजार करोड़ का प्रावधान है। कृषि बजट के लिए 10 हजार 700 करोड़ आबंटित है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। सिंचाई क्षमता के विस्तार हेतु विशेष महत्व दिया गया है एवं इस हेतु 2 हजार 700 करोड़ आबंटित है। निराश्रित पेंशन राशि में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, गत वर्ष भी इतनी ही वृद्धि की गई थी। इससे 16 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। प्रदेश के टीबी मरीजों को ईलाज के साथ-साथ पूरक पोषण की अभिनव योजना लागू की जाएगी। ऐसा करने में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा। बच्चों में डायबिटीज के बढ़ते हुए प्रसार को देखते हुए मुख्यमंत्री बाल मधुमेह सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जाएगी। शहरी क्षेत्र में स्लम एरिया में सुलभ शौचालय तथा व्यक्तिगत शौचालय हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है। रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग में कामकाजी महिलाओं के लिए 15 करोड़ की लागत से महिला हॉस्टल प्रारम्भ किए जाएंगे। बालिकाओं में उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विस्तार हेतु 4 हजार सीटों के 80 छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा। ट्रायबल सबप्लान के लिए 36 प्रतिशत आयोजना व्यय प्रावधानित है, जबकि जनसंख्या का अनुपात 32 प्रतिशत है। अनुसूचित जाति जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में 11 आई.टी.आई. तथा 1 पॉलीटेक्निक खोले जाएंगे। इन क्षेत्रों में 100 हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल भवन तथा 50 कन्या छात्रावास निर्माण किए जाएंगे। आश्रम छात्रवृत्ति 750 से बढ़ाकर 800 रुपए तथा भोजन सहायक राशि 400 से बढ़ाकर 500 रुपए की जाएगी। 1 करोड़ तक वार्षिक बिक्री वाले छोटे एवं मध्यम व्यवसाइयों को त्रैमासिक विवरणी प्रस्तुत करने से मुक्ति। मंदी से राज्य के आयरन-स्टील उद्योगों को राहत देने के लिये रि-रोल्ड उत्पाद पर वैट की दर 5 से घटाकर 4 प्रतिशत किया गया है। सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को राहत देने के लिये प्रवेश कर से छूट हेतु पंूजी विनियोजन की सीमा रुपये 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ किए गए हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से बायो-टायलेट पर प्रचलित 14 प्रतिशत वैट तथा प्रवेश कर समाप्त कर दिया गया है। अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत निर्मित होने वाले आवास निर्माण में उपयोग हेतु प्री-कास्ट, प्री-फैब्रीकेटेड, मोनोलिथिक कांक्रीट निर्माण पर वैट तथा प्रवेश कर समाप्त कर दिया गया है। एविएशन टरबाईन फ्यूल पर वैट की दर 5 से घटाकर 4 प्रतिशत कर दी गई है। वर्ष 2014-15 के लिए प्रचलित भाव पर छत्तीसगढ़ की आर्थिक विकास दर 13.20 प्रतिशत अनुमानित की गई है। इसी अवधि में देश की विकास दर 11.59 प्रतिशत अनुमानित है। कृषि क्षेत्र में विकास दर 14.18 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 10.62 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र में 15.21 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई गई है। किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-30 करोड़, ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण-158 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए युवा क्षमता विकास योजना तैयार की गई है। कौशल उन्नयन कार्यक्रमों के लिए 735 करोड़ दिए गए हैं। दुर्ग में नवीन विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। बस्तर, कांकेर, रायपुर, दुर्ग तथा राजनांदगांव में आदर्श आवासीय महाविद्यालय की स्थापना कराई जाएगी। 36 महाविद्यालयों में नवीन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जायेंगे। अंबिकापुर तथा राजनांदगांव चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 79 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। महाविद्यालयों में नि:शुल्क वाईफाई सुविधा प्रदान की जाएगी।

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