इस्लामी आतंकवाद का क्रूरतम हथियार लव जिहाद

1
302

-प्रवीण दुबे-

Islamic-Correctnessइस्लामी आतंकवाद के तमाम चेहरे आज पूरी दुनिया के सामने हैं। इन सभी का एक ही उद्देश्य कि है पूरी दुनिया को कैसे न कैसे दारुल इस्लाम बनाया जाए। कहीं बम बंदूक के सहारे यह खेल खेला जा रहा है तो कहीं धर्मांतरण करके षड्यंत्रों को अंजाम दिया जा रहा है। भारत का ये दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि चाहे खूनी आतंकवाद हो या धर्मांतरण का कुचक्र यहां बड़ी तेजी से अपने पैर जमा चुका है। यूं तो गजनी और गौरी के समय से ही इस्लामी आतंकियों ने तलवार की दम पर भारत में धर्मांतरण किया लेकिन अब इस्लामी कट्टरपंथियों ने धर्मांतरण का जो नया स्वरूप प्रस्तुत किया है- वह है ‘लव जिहाद’। यूं तो इसकी शुरुआत यूरोप से हुई लेकिन जैसा कि शुरुआत में कहा गया है कि इस्लामी आतंक के सभी षड्यंत्र भारत में न केवल बड़ी तेजी से फैले बल्कि उन्हें पूर्ण समर्थन भी मिलता रहा है। सर्वप्रथम 2003-2004 में इग्लैंड सहित तमाम यूरोपीय देशों में इस बात को लेकर विवाद की शुरुआत हुई कि मुस्लिम युवा वहां की ईसाई लड़कियों को बहला-फुसलाकर न केवल काबू में कर रहे हैं, बल्कि उनको इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

उसी समय सबसे पहले इस्लाम के इस क्रूर चेहरे को लव जिहाद का नाम दिया गया। यूरोप में यह विवाद थमता इससे पहले ही इसने भारत में पैर पसारे और इसका सबसे पहला निशाना बना दक्षिण भारत का केरल और कर्नाटक प्रांत। यहां मुस्लिम युवकों को मदरसे में बाकायदा लव जिहाद के लिए प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया। इस बात के बाकायदा तमाम तथ्य सामने आए जिसमें मुस्लिम युवकों ने पूरी योजना से हिन्दू युवतियों को फंसाया और उनका बलात् धर्मांतरण किया। जिन युवतियों ने ऐसा करने से इंकार किया उन्हें मौत की नींद सुला दिया गया। यह संख्या एक दो नहीं सैकड़ों-हजारों में जा पहुंची और तमाम हिन्दू संगठनों स्वयंसेवी संस्थाओं ने इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया।

इसको लेकर केरल के तत्कालीन मार्क्सवादी मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि समूचे केरल के इस्लामीकरण की साजिश चल रही है। यहां सुनियोजित तरीके से हिन्दू लड़कियों के साथ मुस्लिम लड़कों के निकाह कराने का षड्यंत्र चलाया जा रहा है। दिसंबर 2009 में भी केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के.टी.शंकरन ने लव जिहाद पर कटुटिप्पणी करते हुए कहा था, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि प्यार की आड़ में जबरन मतांतरण की साजिश चल रही है। छल और फरेब के बल पर इस तरह के मतांतरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

2006 में इसी तरह के एक मामले  में जब अदालत के समक्ष सबूत प्रस्तुत किए गए तो जस्टिस राकेश शर्मा ने इस पर कड़ा निर्देश देते हुए केन्द्रीय गृहमंत्रालय को आई.बी. से इसकी जांच कराए जाने और कड़े से कड़ा कदम उठाने को कहा। इतना ही नहीं केरल की उच्च अदालत ने भी लव जिहाद से जुड़े मामलों को गम्भीरता से लिए जाने की बात कही।

सबसे महत्वपूर्ण फैसला तो 2010 में कर्नाटक न्यायालय ने दिया। लव जिहाद से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने तुरंत ही लड़की को वापस उसके घर भेजने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि लड़की का मुस्लिम लड़के से शादी करना तथा धर्म परिवर्तन करना औरतों की सुरक्षा के मामले में देश स्तरीय महत्व का मामला है। इतना ही नहीं, न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में यहां तक कहा कि इस तरह के मामलों को औरतों के अवैध व्यापार से जोड़कर भी देखा जाना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्नाटक और केरल में मुस्लिम युवकों द्वारा चलाए जा रहे लव जिहाद का विरोध न केवल हिन्दुओं द्वारा किया गया बल्कि ईसाई भी खुलकर इसके विरोध में सामने आए। केवल केरल और कर्नाटक ही नहीं महाराष्ट्र भी लव जिहाद के दंश को झेल चुका है। यहां भी बड़ी संख्या में हिन्दू युवतियों को इसका शिकार बनाया गया। पिछले दो वर्षों में लव जिहाद ने उत्तर प्रदेश खासकर पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अपने पैर पसारे हैं। कौन भूल सकता है मुजफ्फरनगर के दंगों को। इसकी जड़ में लव जिहाद ही मूल कारण था। मुस्लिम युवक द्वारा हिन्दू लड़की के साथ छेड़छाड़ और इसका विरोध करने पर मुस्लिम युवकों द्वारा लड़की के भाई की हत्या।

यह सिलसिला यहीं नहीं थमा मेरठ का सरावा गांव भी सुर्खियों में है, यहां के स्थानीय मदरसे में पढ़ने वाली गांव की ही एक युवती का जबरन धर्म परिवर्तन कर उसके साथ बलात्कार किया गया। आगे और भी घिनौने कृत्यों को अंजाम दिया गया। बाद में इन घटनाओं पर हिन्दू संगठनों ने रोष व्यक्त किया और सड़कों पर उतरे तो उन पर कथित धर्मनिरपेक्षतावादियों द्वारा सांप्रदायिक दंगे फैलाने का आरोप लगाया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार लव जिहाद की घटनाएं सामने आ रही हैं और माहौल लगातार बिगड़ता ही जा रहा है।

केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ही नहीं अब तो देश के लगभग हर हिस्से में लव जिहाद की घटनाएं सामने आ रही है। हाल ही में झारखंड के रांची में राष्ट्रीय स्तर की निशाने बाज तारा शाहदेव लव जिहाद का शिकार बनी। पूरा देश इस घटना को लेकर सन्न है। तारा शाहदेव का आरोप है कि रकीबुल हसन नाम के शख्स ने खुद को रंजीत कोहली बताकर उससे धोखा करके शादी की। बाद में तारा शाहदेव को इस्लाम अपनाने के लिए दबाव डाला गया यहां तक जुर्म किए गए कि कुत्ते तक से कटवाया गया।

यह मामला अभी थमा भी नहीं है कि हरियाणा के सोनीपत में नर्सरी में काम करने वाली नाबालिग लड़की से बलात्कार और फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी करने का मामला सामने आया है। मुजफ्फरनगर हो या मेरठ अथवा रांची या फिर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र में लगातार जारी इस तरह की घटनाएं उस वक्त सुर्खियों में हैं जब कई हिन्दू संगठन लगातार यह कह रहे हैं कि देश में हिन्दू लड़कियों का धर्म बदलवाने के लिए कुछ लोग षड्यंत्र पूर्वक उनसे प्यार के नाटक को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे लव जिहाद कहा जा रहा है।
तमाम हिन्दू संगठनों और समाजसेवी संगठनों ने तो लव जिहाद जैसे सोचे समझे हिन्दू विरोधी षड्यंत्र का पूरा कच्चा चिट्ठा तक पुलिस और यहां तक कि न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया है। जिससे पता चलता है कि किस प्रकार लव जिहाद सीमा पार के लश्कर हिजबुल जैसे  आतंकी संगठनों की हिन्दू और हिन्दुस्थान विरोधी साजिश का अंग है। जिसके अंतर्गत ऐसी  हिन्दू युवतियों की आड़ में जिहादी रंगरूटों के लिए सुरक्षित ठिकाने बनाना है। आकर्षक दिखने वाले स्थानीय मुस्लिम युवाओं का सारा खर्च आतंकी संगठन उठाता है। ऐसे मुस्लिम  युवा हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फांसकर उनसे निकाह कर लेते हैं। प्रेमजाल में फांसने और युवतियों को बेवकूफ बनाने के लिए हिन्दू नाम, हाथों पर कलावा, मोटरसाइकिल आदि पर हिन्दू प्रतीकों का अंकन आदि का सहारा लिया जाता है। जैसे ही युवतियों को इन युवकों की असलियत का पता चलता है उनसे धर्मपरिवर्तन करने को बाध्य किया जाता है जैसा कि तारा शाहदेव प्रकरण में सामने आया है। ऐसा न करने पर प्रताडि़त कर हत्या कर दी जाती है। इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि लव जिहाद में मुस्लिम युवकों द्वारा हिन्दू युवतियों से विवाह करने पर इनाम की राशि भी तय की गई है। यह राशि 5 से 10 लाख रुपए तक है।

यह बेहद गम्भीर विषय है। केरल, कर्नाटक की अदालतों और वहां के मुख्यमंत्री तक ने इस तरह की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है। विश्व हिन्दू परिषद जैसे तमाम संगठन इस पर अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। बावजूद इसके इस तरह के मामले लगातार सामने आना यह सिद्ध करता है कि इसके पीछे हिन्दू विरोधी षड्यंत्र चल रहा है।  आश्चर्य की बात तो यह है कि इस पर देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी संगठन और लोग तथा हिन्दू विरोधी मीडिया इस पर चुप्पी साधे हुए है और उल्टा हिन्दू संगठनों पर आरोप लगाने का काम किया जा रहा है। इससे पहले कि लव जिहाद बड़ा रूप धारण करे सरकार को इसकी बारीकी से जांच कराकर उचित निर्णय लेना चाहिए। साथ ही हिन्दू युवतियों को भी इस इस्लामी षड्यंत्र से सावधान रहने की जरुरत है।

Previous articleमोदीराज के तीन माह
Next articleइतना तो आसान नहीं
विगत 22 वर्षाे से पत्रकारिता में सर्किय हैं। आपके राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय विषयों पर 500 से अधिक आलेखों का प्रकाशन हो चुका है। राष्ट्रवादी सोच और विचार से प्रेरित श्री प्रवीण दुबे की पत्रकारिता का शुभांरम दैनिक स्वदेश ग्वालियर से 1994 में हुआ। वर्तमान में आप स्वदेश ग्वालियर के कार्यकारी संपादक है, आपके द्वारा अमृत-अटल, श्रीकांत जोशी पर आधारित संग्रह - एक ध्येय निष्ठ जीवन, ग्वालियर की बलिदान गाथा, उत्तिष्ठ जाग्रत सहित एक दर्जन के लगभग पत्र- पत्रिकाओं का संपादन किया है।

1 COMMENT

  1. देष मे मज़हब ए इस्लाम को लव जिहाद के नाम पर बदनाम करने गंदा खेल चलरहा है। इAस्लसम मे औरत को इज्जत उचा मुकाम दिया है।जिस मजहब मे सती करमारने जैसी प्रथा को खत्म करने का दम है।इस्लाम मे औरत को रहमत करार दिया गया। बहां लव जिहाद जैसे लफज की कौई जरूरत नहीं है।ये सिर्फ भगभा संगठनो की दिमागी उपज है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

15,479 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress