जर जमीन जोरू ना होते

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जर जमीन जोरू ना होते,
इतने लड़ाई झगड़े ना होते।
भगवान इनको बनाकर पछताया
दुनिया में इतने मसले ना होते।।

जरूरत न होती तो इजाद ना होते
इजाद पर इतने खर्च ना होते।
अगर दुनिया में दोनों ना होते,
हम सब इतने दुखी ना होते।।

शादी न होती बच्चे ना होते,
बीवी से लड़ाई झगड़े ना होते।
बंदा शादी करके है पछताया,
शादी के बगैर काम चलते ना होते

जन्म न होता तो मृत्यु ना होती,
आत्मा का आवागमन ना होता।
अगर जन्म मृत्यु दोनों ना होते,
ये सृष्टि भी कभी की ना होती।।

कोरोना न होता मास्क ना बनते
वायरस न होता घर में ना रहते।
अगर फैलती न विश्व मै महामारी
लोग इतने ज्यादा परेशान ना होते

तेरा मेरा अगर प्यार ना होता
सरे आम इसका ज़िक्र ना होता।
करती न अगर वायदा तुम मुझसे
ये तेरा कभी मुझे इंतज़ार ना होता

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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