भुवनेश्वर । कंधमाल के आरक्षी अधीक्षक प्रवीण कुमार ने कंधमाल मं स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या और उसके बाद भडकी हिंसा की जांच कर रहे न्यायमूर्ति महापात्र आयोग के समक्ष स्वीकार किया है कि स्वामी जी की हत्या से कई साल पूर्व कंधमाल में व्यापक मतांतरण हो रहा था । मतांतरण इतना व्यापक हो रहा था कि इसका दर जन्मदर से भी काफी अधिक था । उन्होंने स्वामी जी की हत्या के उपरांत कंधमाल के आरक्षी अधीक्षक के रुप में कार्यभार संभाला था ।
उन्होंने आयोग के सामने कहा कि जिले मं अनेक गैरसरकारी संगठन कार्य कर रहे हैं औ इनमें से कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा मतांतरण के कार्य को किया जा रहा था । वकील सुरेश पुजारी द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जनविकास नामक एक गैर सरकारी संगठन भी उस इलाके में कार्य कर रहा है और आर्क विशप राफेल चिनाथ इस संगठन से जुडे हुए हैं ।
उन्होंने कहा कि स्वामी जी के हत्या के बाद माओवादियों ने धमकी देने के बाद चार लोगों की हत्या की है । इनमें से दो स्वामी जी के हत्या के प्रत्यक्षदर्शी थे । स्वामी जी की तरह इनको मारने के लिए पत्र भेजा गया था और पोस्टर चिपका कर मारने की धमकी दी गई थी । पुलिस द्वारा इन लोगों को कोई व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान नहीं किया गया था केवल इनके लिए विशेष पाट्रोलिंग की जा रही थी।
समन्वय नन्दा