पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत को नसीहत दी है कि भारत अपने रक्षा बजट में कटौती करे। नवाज शरीफ जिनकी अपनी खुद की हैसियत पाकिस्तान में एक कठपुतली से ज्यादा नहीं है वह भारत को कैसे नसीहत दे सकते है। पाकिस्तान में आज जो कुछ भी होता है या वह दूसरों के साथ खासकर भारत के साथ करता है वह सब करने की इजाजत और तैयारी सिर्फ पाकिस्तानी सेना व आईएसआई द्वारा दी व की जाती है। पाकिस्तान में सेना प्रमुख, आईएसआई प्रमुख, राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट प्रमुख महत्वपूर्ण होते है वहां लोकतन्त्र नाम की तो कोई चीज ही नहीं है फिर नाम का प्रधानमंत्री कैसे अपना मंुह खोलने की हिम्मत कर सकता है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री या अन्य कोई भी नेता भारत के बारे में वही बात बोलता है जो उसको सेना प्रमुख या आईएसआई प्रमुख उससे कहने के लिए कहते है।
आज भारत पर जितने भी आतंकी हमले होते हैं उन सबमें किसी न किसी प्रकार से पाकिस्तान का ही हाथ होता है। शायद नवाज शरीफ यह बात कहते समय यह भूल गये कि जनवरी 2013 से लेकर अब तक पाकिस्तान की सेना लगभग 55 बार युद्धविराम का उल्लंघन कर चुकी है। अगर नवाज वाकई पाकिस्तान के लोकतांत्रिक प्रधानमंत्री है तो पहले वह अपनी सेना को रोकने का साहस दिखाये। भारत में तो सेना के हाथ ही सरकार ने बांध रखे हैं।
दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ही एकमात्र ऐसा देश है जहां आतंकवादियों को पाला जाता है तथा उन्हे ट्रेनिंग दी जाती है, भारत में नकली नोटों द्वारा यहां की अर्थव्यवस्था को चौपट कर रहा है तो वह है पाकिस्तान, भारत में चलने वाले इस्लामिक जेहाद को यदि कहीं से धन प्राप्त होता है तो वह पाकिस्तान से ही प्राप्त होता है।
नवाज शरीफ चाहते है कि भारत अपने रक्षा बजट में कटौती करे ताकि उसकी सेना के पास हथियारों की कमी हो जाये और पाकिस्तान जो अमेरिका से दान में मिले धन से नये-नये हथियार खरीदता रहे ताकि मौका मिलते ही भारत पर आक्रमण कर दिया जाए और यहां पाकिस्तान की ही तरह इस्लामी राज स्थापित किया जा सके। शायद भारत में भी विदेशी धन से पलने वाली एनजीओ, विदेशों के पुरस्कार प्राप्त कर उनके धन पर पलने वाले बुद्धिजीवियों को नवाज शरीफ का यह प्रस्ताव अवश्य पसंद आया होगा क्योंकि उन्हें तो धन भारत विरोध के लिए ही प्राप्त होता है।
नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने के बाद आतंकी संगठन जमात-उद-दावा को 30 करोड़ का अनुदान दिया। जमात-उद-दावा भी उन्हीं संगठनों में एक है जो भारत में आतंकी हमले करता रहता है। क्या नवाज शरीफ यह बताने का कष्ट करेगें की उन्होंने यह 30 करोड़ का अनुदान क्यों दिया। नवाज शरीफ पहले अपने घर के लोगों को ठीक करें फिर भारत को किसी प्रकार की नसीहत दें।
पाकिस्तान एक इस्लामी देश है और इस्लाम के अनुसार भारत एक दारुल हरब देश है जिसे उसे हर हाल में दारुल इस्लाम में परिवर्तित करना है ओर यह काम बिना जिहाद के नहीं हो सकता और जिहाद करने के लिए हथियारों की आवश्यकता होती है। पाकिस्तान की विचारधारा के रहते दोनों देशों क्या पूरे विश्व में कहीं भी शांति स्थापित नहीं हो सकती इसलिये नवाज शरीफ को पहले इस मानसिकता को बदलना होगा और अपने जिहादियों के लिए हथियारों की खरीद बंद कर दुनिया को दिखाना होगा तभी विश्व में शांन्ति स्थापित हो सकती है।
विनोद कुमार सर्वोदय
क्या जो बात नवाज शरीफ के लिए कहा जा रहा है,क्या वही मन मोहन सिंह पर ज्यादा सटीक नहीं है? क्या हमारे प्रधान मंत्री एक कठपुतली नहीं हैं?