बस्ती।
वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रवक्ता संजय द्विवेदी के आलेख पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्हें पद से हटाये जाने की टिप्पणीे पर बस्ती के पत्रकारों में रोष है। पत्रकारों ने बयान की निन्दा की है। संजय द्विवेदी ने बस्ती से अपनी पत्रकारिता की शुरूआत की। इस समय वे भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के संचार विभाग में विभागाध्यक्ष हैं। उनके एक लेख पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कड़ी आपत्ति जताते हुये विश्वविद्यालय से निकाले जाने की बात कही है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की जिला इकाई ने एक बैठक कर कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी को शर्मनाक बताया है। जिलाध्यक्ष अवधेश त्रिपाठी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किसी प्रकार का नियंत्रण ठीक नही है। इस प्रकार के बयान यह जाहिर करते हैं कि भारतीय राजनीति के जिम्मेदार स्वयं का मूल्यांकन करने की बजाय ऐसे स्तर पर पहुच गये हैं कि वे कलमकार की आवाज को दबाने के लिये उसे डराने धमकाने में लगे हैं। इससे राजनीति और समाज का चेहरा और विकृत होगा। पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कांग्रेस प्रवक्ता के बयान को बेहूदा कदम बताया, कहा कि विचारों से असहमति हो सकती है। इसका तात्पर्य यह नहीं कि कोई लेखक की क्षमता और पूरे जीवन की साधना पर सवाल खड़ा करे। निश्चय ही यह घटना संजय की स्वच्छ व निष्पक्ष लेखन शैली को बदनाम करने की साजिश है। एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी पंकज त्रिपाठी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले यह बताते हैं कि हमें एकजुट होने की जरूरत है वरना कुत्सित मानसिकता के लोग शब्द सत्ता पर मुसीबत बन जायेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता के बयान की निन्दा करने वालों में प्रमुख रूप से प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, अरविन्द श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, संदीप गोयल, पुनीत दत्त ओझा, अनूप मिश्रा, केसी चौधरी, अजीत मणि त्रिपाठी, आलोकमणि त्रिपाठी, रवीन्द्र तिवारी, सरवर वारसी, संजय मद्धेशिया, उमेश मद्धेशिया, संजय राय, देवेन्द्र पाण्डेय, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, बृजेश शुक्ला, प्रेमनाथ गोंड, अनिल श्रीवास्तव, काशी दुबे, कृष्णगोपाल, बीपी लहरी, मुन्ना जायसवाल सहित कई अन्य पत्रकार शामिल हैं।