होशियार! धड़ल्ले से चल रहा है ठगी का भारत-पाक संयुक्त नेटवर्क

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निर्मल रानी

आमतौर पर मीडिया द्वारा भारत-पाक के मध्य रिश्तों में किसी न किसी विवाद को लेकर तनाव की खबरें प्रकाशित व प्रसारित होती रहती हैं। यहां तक कि यह तनाव केवल आतंकवाद या सीमाओं जैसे मुद्दों को लेकर ही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच होने वाले रोमांचकारी खेलों के दौरान भी देखा जा सकता है। खेल के मैदान में इन दोनों ही देशों द्वारा किसी मैच का जीतना तो गोया युद्ध जीतने के समान प्रतीत होता है। गत् कई दशकों से कभी कश्मीर विवाद, कभी सीमा विवाद, कभी जल विवाद तो कभी आतंकवाद को लेकर उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरते इन रिश्तों को आंखिरकार दोनों ही देशों के तजुर्बेकार, शिक्षित व राजनयिक स्तर के रिश्ते स्थापित करने में महारथ रखने वाले नेता व अधिकारीगण तो शायद अब तक अपेक्षानुसार सद्भाव की पटरी पर नहीं ला सके। परंतु ठगों, बेईमानों, झूठों व मक्कारों का इन दोनों ही देशों के मध्य एक ऐसा जाल बिछा हुआ है जिनमें ठीक वैसा ही तालमेल है जैसा कि किसी एक परिवार या बिरादरी अथवा एक कबीले के लोगों के बीच देखा जा सकता है। इनके ठगी के धंधे में न कोई सीमा इन्हें बाधा पहुंचाती है न ही कोई धर्म-जाति या बिरादरी इन्हें आपस में बांटती है। इनका तो बस एक ही लक्ष्य है। अपने किसी भी शिकार को अपने फरेब, मक्कारी का झूठ पर आधारित किसी भी झूठे कहानी-किस्सों में उलझाना, अपने शिकार को लालच देना तथा लालच में आने के बाद उसे फंसा कर उससे तब तक धन ऐंठते जाना जब तक कि उसमें धन देने की क्षमता हो।

पिछले दिनों भारत-पाक संयुक्त ठगी उद्यमियों का ऐसा ही शिकार अंबाला शहर का रहने वाला चंदन चावला नामक एक युवक बन गया। हुआ यूं कि दिनांक 11 दिसंबर,शनिवार को प्रात: 9.14 पर पाकिस्तान के फोन नं0 00923477288809 से उसके अपने मोबाईल पर एक कॉल आई जिसमें उसे बताया गया कि एयरटेल कंपनी में आपकी 25 लाख रुपये की लॉटरी निकली है। अत: आप अपना मोबाईल 200 रुपये की कीमत से चार्ज करा लें। ठगों की बातों के झांसे में आकर उसने खुशी-खुशी अपना मोबाईल 200 रुपये की कीमत से चार्ज करा लिया। कुछ ही समय बाद एक दूसरी कॉल फोन नं0 00923005301303 से आई। इस नंबर से यह जानकारी ली गई कि क्या आपको आपके इनाम की सूचना मिल चुकी है। चंदन ने कहा हां। इस पर उसको बधाई दी गई तथा कहा गया कि आप तुरंत स्टेट बैंक ऑंफ इंडिया के खाता सं या 31006040196 में रोहतास नामक व्यक्ति के नाम 8 हजार रुपये जमा कर दें। और पैसे जमा कर मुझे सूचित करें। पैसे जमा करने के आधे घंटे के भीतर ही 25 लाख की रकम आपको भेज दी जाएगी। उसने पीड़ित युवक से उसका अपना बैंक खाता न0 भी ले लिया। चंदन ने बिना किसी से पूछे व बताए एस बी आई की पोलिटेकनीक चौक की शाखा में 8 हजार रुपये जाकर जमा कर दिए। इसके पश्चात उसने फोन पर पैसे जमा करने की जानकारी भी ठग को दे दी। थोड़ी ही देर बाद एक और फोन इन्हीं नंबरों से आया और 18 हजार पांच सौ रुपये और जमा करने को कहा गया। अब चूंकि पीड़ित परिवार 8 हजार रुपये जमा कर स्वयं को ठगों के चंगुल में फंसा चुका था इसलिए अनमने तौर पर उसने इन ठगों के कहने पर 18 हजार 5 सौ रुपये पुन: एस बी आई के उपरोक्त खाते में रोहतास के नाम जाकर जमा कर दिए।

26 हजार पांच सौ रुपये की रकम ठगों के कहने पर उनके द्वारा बताए गए खाते में जमा करने के बाद जब कांफी देर तक उनका कोई फोन नहीं आया तब व्याकुल होकर पीड़ित परिवार चिंतित होने लगा। पीड़ित युवक चंदन चावला के पिता मोहन लाल चावला ने उस समय तुरंत अपने जानकार एक वरिष्ठ पत्रकार से संपर्क साधा। पत्रकार ने चंदन के नंबर पर आने वाली कॉल को देखते ही यह बता दिया कि यह कॉल एयरटेल कंपनी या अपने देश से नहीं बल्कि पाकिस्तान से की जा रही है। अपने पत्रकार साथी के साथ मोहनलाल चावला तत्काल एस बी आई की उस ब्रांच पर पहुंचे जहां पैसे जमा किए गए थे। बैंक से जब पत्रकार ने खाता सं या 31006040196 का ब्यौरा मांगा तो यह जानकर हैरानी हुई कि यह खाता न केवल अपने देश में बल्कि अपने ही राय हरियाणा के सोनीपत के निकट खरखौदा स्थित एस बी आई ब्रांच का था जोकि रोहतास पुत्र स्वर्ण सिंह एवं कृष्णा,वी पी ओ थाना कलां, खरखौदा जिला सोनीपत के नाम से संयुक्तरूप से संचालित किया जा रहा था। बैंक से यह भी पता चला कि यह ठग दिल्ली में बैठकर एटीएम से पैसे निकाल रहे हैं। वहां यह भी पता चला कि उनके खाते से एक ही दिन में कई बार कई जगहों से मोटी रंकमें जमा हो चुकी हैं तथा वह निकाली भी जा चुकी हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि ठगी का यह नेटवर्क अपने जाल में केवल एक ही शिकार को ही नहीं उलझाए था बल्कि उसके जाल में इस जैसी तमाम लालची मछलियां उलझती रहती हैं।

बहरहाल एस बी आई से उक्त जानकारी हासिल करने के बाद घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा पुलिस चौकी नं0 3 में मोहनलाल चावला द्वारा जाकर एक दरख्‍वास्त के द्वारा दे दिया गया। परंतु मौजूद पुलिसकर्मी अपनी आदत के मुताबिक पहले तो पीड़ित युवक के लालची होने को ही घटना का जिम्‍मेदार ठहराने लगे। बाद में उन्होंने दरख्‍वास्त लेकर अपने फर्ज की इतिश्री की। परंतु ठगों के हौसलों की दाद देनी पड़ेगी कि छब्बीस हजार पांच सौ रुपये की रकम ऐंठने के बाद भी यह ठग चैन से नहीं बैठे। जब मोहनलाल चावला अपने पत्रकार साथी के साथ बैंक तथा पुलिस चौकी से होकर पीड़ित परिवार के घर पहुंचे उसी समय पाकिस्तान के उन्हीं नंबरों से पुन: एक और फोन आया। इस बार फोन पर चंदन से नहीं बल्कि पत्रकार से ठगों की बात हुई। पहले तो यह ठग केवल चंदन से ही बात करना चाह रहे थे क्योंकि उसे वह अपनी बातों में उलझाकर अपनी मर्जी के अनुसार काबू कर चुके थे। परंतु चंदन के यह कहने पर कि यह(पत्रकार) हमारे परिवार के ही सदस्य हैं, ठग बात करने को राजी हुए। ठगों ने अब एक और नई कहानी गढ़ी। उन्होंने बताया कि आपकी 25 लाख रुपए की रकम नक़द धनराशि के रूप में दिल्ली से चलकर आपके घर पहुंच रही है। यह रकम एयरटेल कंपनी के बड़े-बड़े अधिकारी आपके घर लेकर आ रहे हैं। चूंकि यह धनराशि बड़ी है इसलिए इसके साथ कमांडो भी आ रहे हैं। कंपनी चाहती है कि यह रकम जब तक बैंक तक सुरक्षित न पहुंच जाए, तब तक इसे कमांडो की सुरक्षा में रखा जाए। अब चूंकि यह आपकी पूंजी है इसलिए इसकी सुरक्षा का खर्च भी आपको ही उठाना है। लिहाजा 22,700 रुपए सिक्योरिटी खर्च के रूप में और जमा कर दिए जाएं। जितनी जल्दी आप यह पैसे जमा कर देंगे, उतनी ही जल्दी यह रकम दिल्ली से आपके घर के लिए रवाना कर दी जाएगी। ठगों ने यह भी कहा कि एयरटेल अधिकारियों व कमांडों के साथ स्टार टीवी चैनल की एक टीम भी आएगी जो 25 लाख का इनाम देते हुए आपकी फोटो व इंटरव्यू लेगी। उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को भी विजेता व्यक्ति से मिलवाया जाएगा।

बहरहाल चूंकि झूठ का कोई सिर पैर, कोई सीमाएं नहीं होतीं इसलिए यह ठग फोन पर अपनी भड़ास दिल खोलकर निकालते रहे तथा लालच के सब्‍जबाग दिखाते रहे। परंतु इस बार चूंकि यह फोन एक वरिष्ठ पत्रकारद्वारा सुना जा रहा था इसलिए ठगों से केवल यह कहा गया कि कोई बात नहीं अभी पैसों का प्रबंध नहीं हुआ है, कल रविवार है, अत: जब पैसों का प्रबंध होगा उस समय पैसे जमा कर दिए जाएंगे। इसके पश्चात सोमवार को अर्थात् 13 दिसंबर को पुन: 10.38 तथा 10.39 पर लगातार दो कॉल 00923477288809 तथा 923038663755 से आई तथा उन्होंने पुन: 22,700 रुपए जमा करवाने की रट लगानी शुरु कर दी। इस बीच दैनिक समाचार पत्रों से जुड़े कुछ स्थानीय पत्रकारों को यह बात पता चल गई और उन्होंने 14 दिसंबर के समाचार पत्रों में इसे प्रकाशित भी किया। परंतु ठगों से अधिक धन्य कहा जाएगा उस पुलिस प्रशासन को जो शिकायत करने, समाचार पत्र में प्रकाशित होने तथा साईबर क्राईम ब्रांच पर बीसों लाख रुपए खर्च करने के बाद भी पीड़ित व्यक्ति को सहयोग करने तथा सारी संबद्ध सूचनाएं मुहैया करा देने के बावजूद खाताधारी व्यक्ति को तलाशने या उसके विरुद्ध कार्रवाई करने की मुद्रा में नजर नहीं आया। जबकि 13 दिसंबर को वरिष्ठ पत्रकार स्वयं पुलिस लाईन स्थित साईबर क्राईम ब्रांच में जाकर उपरोक्‍त पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा सभी मोबाईल व खाता नंबरों सहित व्यक्तिगत् तौर पर जाकर दे चुके थे।

ऐसे में जहां हम मुबारकबाद देते हैं उन ठगों को जो भारत-पाक के मध्य उपजे तमाम विवादों के बावजूद कम से कम ठगी जैसे किसी एक मुद्दे पर तो एकमत नजर आ रहे हैं। परंतु अफसोसनाक व शर्मनाक है हमारे देश की वह पुलिस व्यवस्था जो ठगी के इस संयुक्त उद्यम को स्वयं तोड़ने का प्रयास क्या करेगी, यह तो सारी सूचनाएं उपलब्ध करवाने के बावजूद मुंह ताकने के सिवा और कुछ करती अब तक दिखाई नहीं दी। जाहिर है ऐसे में ठगों के हौसले निरंतर बढ़ते ही रहेंगे और बक़ौल ठगाधिराज नटवर लाल के अनुसार जब तक संसार में लालच जिंदा रहेगी, ठग कभी भूखा नहीं मर सकेगा। और निष्क्रिय पुलिस व्यवस्था के परिणामस्वरूप ठगों की यूं ही पौ बारह होती रहेगी।

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